संबंधता समारोह - भारतीय नौसेना पोत कोच्चि और जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री

संबंधता समारोह - भारतीय नौसेना पोत कोच्चि और जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री

भारतीय नौसेना पोत कोच्चि, 7500टन एक स्वदेशी निर्मित डिस्ट्रॉयर को जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट (जेएसी एलआई), भारतीय थल सेना की सबसे सज्जित रेजिमेंटों में से एक, के साथ 24 सितंबर 2018 को नौसेना डॉकयार्ड, मुंबई में पोत पर आयोजित एक समारोह में संबद्ध में किया गया।

सिस्टर सर्विसेज़ की यूनिटों के बीच ‘संबद्धता' का लक्ष्य ग्राऊंड लेवल पर बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए सेवाओं के बीच तालमेल, समन्वय और ‘संयुक्तता' को बढ़ाने के उद्देश्य से है जो मौजूदा युद्ध के बदलते पहलुओं को पूरा करने में सहायता करेगा। नौसेना और थल सेना ुनिटों के बिच अविरत प्रक्रिया है और यह भारतीय नौसेना यूनिट की 31वीं संबद्धता है।

संबद्धता की प्रक्रिया फेज़ 1 के दौरान शुरू हुई, जब जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट के कमांडेंट और भारतीय नौसेना पोत कोच्चि के कमान अधिकारी ने श्रीनगर में 20 अगस्त 2018 को पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ और जम्मू कश्मीर इन्फैंट्री रेजिमेंट के कर्नल जो कि वर्तमान में इंटीग्रेटि़ड डिफेंस स्टॉफ टू चैयरमेन के सी आईएससी भी हैं, की उपस्थिति में संबद्धता चार्टर पर हस्ताक्षर किए गए।

24 सितंबर 2018 को फेज़ 2 में आयोजित समारोह में पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ को संयुक्त गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद नौसेना और जेएसी एलआई बैंड द्वारा संयुक्त बैंड का प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग वेस्टर्न फ्लीट ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि "यह संबद्धता जेएके एलआई रेजिमेंट के साथ संबंधों को मजबूत करने और शांति में संयुक्त और एकीकृत संचालन की परंपरा को जारी रखने के लिए एक क़दम है ताकि युद्ध में इसका फायदा उठाया जा सके।"

पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ ने संबद्धता को सेवाओं के बीच अधिक तालमेल बिठाने की दिशा में एक और बड़ा कदम बताया। उन्होंने संयुक्त परिचालनों की आवश्यकता और उद्देश्यों की रक्षा के लिए आक्रामक और रक्षात्मक संचालन दोनों में सफलता प्राप्त करने के लिए तीनों सेवाओं द्वारा बहु-आयामी दृष्टिकोण पर एक नए आयामी दृष्टिकोण पर ज़ोर देने की आवश्यकता पर बल दिया।

इंटीग्रेटि़ड डिफेंस स्टॉफ टू चैयरमेन के अध्यक्ष चीफ ने बेहतर समन्वय और सहयोग सुनिश्चित करने के लिए इकाइयों के बीच ग्राउंड लेवल बातचीत के महत्व पर प्रकाश डाला। एक-दूसरे की कामकाजी परिस्थितियों, लोकाचार और परंपराओं की बेहतर समझ के परिणामस्वरूप सौहार्द और संघ-भाव उच्च स्तर का होगा और ऑपरेशन के दौरान एक फोर्स मल्टीप्लायर (बल गुणक) के रूप में कार्य करेगा।

सूबेदार मेजर और ऑनरेरी कैप्टन बना सिंह, परम वीर चक्र भी प्रतिष्ठित मेहमानों के बीच मौजूद थे, जो सशस्त्र बलों के लिए बहादुरी का एक प्रतीक हैं।

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