सक्रिय पनडुब्बियां
भारतीय नौसेना की पनडुब्बियां
कलवरी श्रेणी
भा नौ पो कलवरी प्रोजेक्ट 75 के तहत निर्मित छह स्कोर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों में से एक है। इस पनडुब्बी को 14 दिसंबर 2017 को कमीशन किया गया था।
नाम | पताका संख्या | कमीशन तिथि |
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वागिर | एस 25 | 23 जनवरी 2023 |
खंडेरी | S.22 | 28 सितंबर 2019 |
करंज | एस 23 | 10 मार्च 2021 |
वेला | एस 24 | 25 नवंबर 2021 |
कलवरी | S 21 | 14 दिसंबर 2017 |
सिंधुघोष श्रेणी
सिंधुघोष श्रेणी की पनडुब्बियां कीलो श्रेणी की डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियां हैं। इसे 877 ईकेएम नाम से निर्दिष्ट किया गया है तथा इसका निर्माण रोसवोरुझेनी और रक्षा मंत्रालय (भारत) के बीच एक अनुबंध के तहत किया गया था। पनडुब्बी में 3,000 टन भार के विस्थापन, अधिकतम 300 मीटर की गहराई तक गोता लगाने तथा 18 समुद्री मील की गति क्षमता है। सिंधुघोष श्रेणी की पनडुब्बियां 53 प्रशिक्षित चालक दल के साथ 45 दिनों तक निरंतर संचालन में सक्षम हैं।
नाम | पताका संख्या | नियुक्ति की तिथि |
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सिंधुघोष | एस 55 | 30 अप्रैल 1986 |
सिंधुध्वज | एस 56 | 12 जून 1987 |
सिंधुराज | एस 57 | 20 अक्टूबर 1987 |
सिंधुरत्न | एस 59 | 22 दिसम्बर 1988 |
सिंधुकेशरी | एस 60 | 16 फरवरी 1989 |
सिंधुक्रीति | एस 61 | 04 जनवरी 1990 |
सिंधुविजय | एस 62 | 08 मार्च 1991 |
सिंधुशास्त्र | एस 65 | 19 जुलाई 2000 |
शीशुमार श्रेणी
शीशुमार श्रेणी के पोत (1500 प्रकार) की डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियां हैं। इन पनडुब्बियों को जर्मन यार्ड हाउलड्स्वेर्क-ड्यूश वेरफ्रट (एचडीडब्लू) द्वारा विकसित किया जा रहा है। पहले दो पोत को काइल एचडीडब्लू द्वारा बनाया गया था, जबकि शेष का निर्माण मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) मुंबई में किया गया है। पोत को 1986 और 1994 के बीच चालू किया गया था। पनडुब्बी 40 प्रशिक्षित चालक दल तथा 8 अधिकारियों के साथ 1660 टन भार के विस्थापन तथा 22 समुद्री मील की गति (41 किमी/घंटा) क्षमता है। शीशुमार श्रेणी की पनडुब्बियों में आईकेएल - डिज़ाइन स्केप प्रणाली का प्रावधान किया गया है।
नाम | पताका संख्या | नियुक्ति की तिथि |
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शीशुमार | एस 44 | 22 सिंतम्बर 1986 |
शंकुश | एस 45 | 20 नवम्बर 1986 |
शालकी | एस 46 | 07 फरवरी 1992 |
शंकुल | एस 47 | 28 मई 1994 |
टिप्पणी:-सभी पनडुब्बियों को भारतीय नौसेना द्वारा निर्दिष्ट नाम से नामित किया जाता है, जिसके अनुसार इनके नाम के पुर्व 'आईएनएस' शब्द जोड़ा जाता है।