नौसेना विमानन

एक दुर्जेय और मजबूत रक्षा क्षमता के निर्माण हेतु हमें राष्ट्रीय प्रयास द्वारा वायु सेना की शाखा को भारतीय नौसेना कि सहस्त्र रूप से सेवा करनी चाहिए। एक प्रतिष्ठित आधुनिक सेना में 1953 में दस उभयचर सी-लैंड (समुन्द्र भूमि) विमानों के साथ एक नये तथा आवश्यक बेड़े यूनिट का तीव्र विकास इस क्षमता को विकसित करने में नौसेना की आकांक्षाओं का संकल्प प्रदर्शित करता है। शक्ति प्रक्षेपण और विस्तृत निगरानी हेतु यह एक बेड़े की विमानन घटक के वैश्विक अनुभूति की वजह से उत्पन्न एक अमूल्य उपकरण है।

वर्तमान की परियोजनाओं, ऑनबोर्ड पोत पर सबसे आधुनिक और अत्याधुनिक उपकरणों का निर्धारण करने हेतु एक विमान वाहक का अधिग्रहण, नौसेना की परिकल्पना के अनुरूप है और भविष्य में इसमें चुनौतियों का सामना करना होगा। भारतीय नौसेना विमानन भविष्य कि नौसेनाओं से बड़े मुकाबलों के लिए तैयार है।

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