सर्वोत्तम जीवनरक्षा पदक
प्राधिकार
राष्ट्रपति सचिवालय अधिसूचना संख्या 45- Pres/61 दिनांक 30 सितम्बर, 61 तथा 79- Pres/67 दिनांक- 26 अगस्त, 67
पात्रता की शर्तें
यह पुरस्कार ऐसे व्यक्तियों को अदम्य साहस के प्रदर्शन हेतु दिया जाता है, जो अत्यंत संकटपूर्ण परिस्थितियों में भी अपने जीवन की परवाह किए बिना डूबने, आग में जलने, खदानों में बचाव कार्य, आदि के दौरान दूसरों का जीवन बचाने के लिए कार्य करते हैं, या मानव स्वभाव के कार्य की एक श्रृंखला का प्रदर्शन करते हैं। यह सम्मान मरणोपरांत भी दिया जा सकता है।
पात्रों की श्रेणियाँ
सशस्त्र सैन्य बल, पुलिस बल और मान्यता प्राप्त अग्निशमन सेवाओं के सदस्यों के अलावा सेना/नौसेना/वायु सेना और अन्य सभी सेवाओं के कर्मचारी वर्ग, यदि कर्तव्य निर्वहन के दौरान उनके द्वारा इस प्रकार का कार्य किया जाए, जीवन के सभी क्षेत्रों के पुरुष या महिला सहित।
अगर इस पदक का कोई भी प्राप्तकर्ता एक बार फिर से मानवीय सेवा के ऐसे कृत्य का प्रदर्शन करे, जिसके आधार पर उसे पुनः इस सम्मान के योग्य समझा जाए तो पदक के रिबन में एक पट्टी संलग्न की जाएगी, साथ ही मानवीय सेवा के ऐसे प्रत्येक अतिरिक्त कृत्य के लिए उनके पदक के साथ एक अतिरिक्त पट्टी जोड़ी जाएगी। इस प्रकार के एक या अधिक पट्टी के साथ पदक प्राप्तकर्ता को मरणोपरांत भी सम्मानित किया जा सकता है। पदक की लघु प्रतिकृति के तौर पर सम्मान स्वरूप दी गयी पट्टी को रिबन में जोड़ा जाएगा।
नकद पुरस्कार : पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को 100,000/- रुपये दिये जाएंगे। पुरस्कार के तौर पर पट्टी से सम्मानित किए जाने की स्थिति में नकद अनुदान निर्दिष्ट राशि का 50% होगा। मरणोपरांत सम्मानित किए जाने की स्थिति में, स्वीकार्य राशि का दोगुना नकद अनुदान के तौर पर दिया जाएगा।
पदक और रिबन की बनावट
पदक सोने से निर्मित यह पदक गोलाकार होता है, जिसकी मोटाई 3 मिमी होती है और इस पर अंदर एवं बाहर की ओर दो वृत्त उभरे हुए होते हैं। बाह्य वृत्त का व्यास 58 मिमी और आंतरिक वृत्त का व्यास 50 मिमी होता है। इसके शीर्ष का बहिर्गत भाग आयताकार होता है, जिसकी लंबाई 22.5 मिमी और चौड़ाई 12.5 मिमी होती है और इस पर संस्कृत में अक्षर उभरे होते हैं। इसके निचले हिस्से के बहिर्गत भाग की लंबाई 42.5 मिमी और चौड़ाई 10 मिमी होती है, जिस पर हिंदी में पदक का नाम उत्कीर्ण होता है। इन बहिर्गत भागों के किनारे उभरे हुए होते हैं। इसके अग्रभाग के बीचों-बीच 'अभय मुद्रा' में हाथ की आकृति बनी होती है। इसके पृष्ठभाग पर राजकीय प्रतीक चिन्ह तथा निचले हिस्से में आदर्श वाक्य उत्कीर्ण होता है।
रिबन लाल रंग के रेशमी रिबन की चौड़ाई 32 मिमी होती है, जिसके दोनों किनारों पर 4 मिमी चौड़ी हल्की नीली धारियां बनी होती हैं, और 1 मिमी चौड़ी हरी पट्टी ऊपर से केंद्र की ओर नीचे की तरफ आती है।