22 और 23 जनवरी को 'सी विजिल' का अभ्यास किया जाएगा

22 और 23 जनवरी को 'सी विजिल' का अभ्यास किया जाएगा

भारतीय तट रक्षक दल और सभी तटीय सुरक्षा हितधारकों के साथ निकट के समन्वय में भारतीय नौसेना द्वारा 22 और 23 जनवरी 2019 को देश की संपूर्ण तटरेखा के साथ-साथ 'सी विजिल 2019' कोड नाम वाला तटीय रक्षा अभ्यास आयोजित किया जाएगा। 'सी विजिल' बड़े पैमाने पर आयोजित किया जाने वाला पहला अभ्यास है जिसका लक्ष्य देश विरोधी तत्वों द्वारा समुद्र के रास्ते घुसपैठ द्वारा देश में या इसके नागरिकों पर किए जाने वाले आतंकी हमलों के किसी प्रकार के प्रयास को विफल करने की भारत की तैयारी का परीक्षण करना है।

एजेंसियों की प्रतिक्रिया, समन्वय और उनके बीच सूचना के आदान-प्रदान का आकलन करने के लिए तटरेखा के साथ-साथ महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और साधनों पर नकली हमलों सहित अनेक प्रकार की आकस्मिक परिस्थितियों का अभ्यास किया जाएगा। यह अभ्यास हितधारकों को अलग-अलग संगठनों की क्षमता और तैयारी का आकलन करने, किसी प्रकार की कमी की पहचान करने और तात्कालिक रूप से उन्हें दूर करने का अवसर प्रदान करेगा। फिश लैंडिंग सेंटर जैसे विभिन्न नाज़ुक स्थानों के साथ-साथ मुख्य, अमुख्य व मध्यवर्ती बंदरगाहों, लाइट हाउस, तटीय पुलिस स्टेशनों, कंट्रोल रूम और ऑपरेशन थिएटर्स की सुरक्षा का ऑडिट करने हेतु सभी तटीय जिलों में मल्टी-एजेंसी टीमों को तैनात किया जाएगा। इस अभ्यास का आयोजन कमांडिंग इन चीफ, कोस्टल डिफेन्स, दक्षिणी नौसेना कमान, कोच्चि के संरक्षण में किया जाएगा और जिसकी निकट से निगरानी संयुक्त संचालन केंद्र, कोच्चि से की जाएगी।

सन 2008 के 26/11 हमले के बाद, केंद्र और राज्य की सरकारों ने सभी हितधारकों की तटीय सुरक्षा क्षमता और सामर्थ्य के निर्माण हेतु अनेक कदम उठाए हैं। 10 वर्ष से भी अधिक का समय हो गया है जब यह हमला हुआ था और, इसलिए सी विजिल अभ्यास में तटीय सुरक्षा से जुड़ी सभी एजेंसियों की भागीदारी का समय बहुत ही उपयुक्त है। सभी भाग लेने वाले एजेंसियों के साथ अनेक योजना बैठकों का आयोजन किया गया है और पिछले कुछ सप्ताह से केरल, माहे और लक्षद्वीप द्वीप समूह में अभ्यास की तैयारियां पूरे जोर शोर से चल रही हैं।

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