रक्षा मंत्री ने एनएसटीएल, विशाखापत्तनम में मेक इन इंडिया को बढ़ावा दिया
रक्षा मंत्री ने एनएसटीएल, विशाखापत्तनम में मेक इन इंडिया को बढ़ावा दिया
केंद्रीय रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 16 दिसंबर 2017 को विशाखापत्तनम में डीआरडीओ की एक प्रमुख नौसेना प्रणाली प्रयोगशाला, नौसेना विज्ञान और तकनीकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) का दौरा किया। "श्रीमती सीतारमण उद्योग के लिए "डीआरडीओ द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण" के लिए आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थीं । डिफेंस आर एंड डी विभाग के अध्यक्ष और डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ. एस क्रिस्टोफर,ने एनएसटीएल द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों से संबंधित दस्तावेजों को उद्योगों और डीपीएसयू (रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम) के प्रमुखों , मैसर्स भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, लार्सन एंड टुब्रो और अवांटेल लिमिटेड को रक्षा मंत्री की उपस्थिति में सौंप दिया।
इस समारोह के दौरान, लाइट वेट टारपीडो (एलडब्ल्यूटी) की ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी (टीओटी) मैसर्स भारत डायनेमिक्स लिमिटेड को दी गयी थी जो म्यांमार से मिले निर्यात आदेश को पूरा करने में मदद करेगा, एकीकृत एंटी सबमरीन वारफेयर (एएसडब्लू) रक्षा सूट का तकनीकी समाधान मेसर्स भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और मैसर्स एल एंड टी डिफेंस कोलिमिटेड को दिया गया, फायर कंट्रोल सिस्टम सॉल्यूशंस का तकनीकी समाधान तथा एएसडब्ल्यू के लिए टारपीडो इंटरफेस टेक्नोलॉजीज का तकनिकी समाधान मैसर्स एल एंड टी डिफेंस को और मैसर्स अवंतेल लिमिटेड को टीओटी के लिए "जीपीएस रिकवरी एड के लिए इंजेक्शन सिस्टम" का तकनिकी समाधान दिया गया
महत्वपूर्ण रक्षा प्रणालियों को समझ कर उनके पूरक बनाने के उत्कृष्ट कार्यों हेतु डीआरडीओ वैज्ञानिकों की रक्षा मंत्री ने भूरि भूरि प्रशंसा की , तथा उनके द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्य को प्रदर्शित करने की आवश्यकता पर जोर दिया, और कहा की वे दुनिया को दिखाएं कि भारत में निर्यात क्षमता के साथ सर्वोत्तम प्रणाली बनाने में डीआरडीओ मदद कर सकता है । उन्होंने कहा कि माननीय प्रधान मंत्री के मेक इन इंडिया दृष्टि को समझने में डीआरडीओ की भूमिका निभानी है और उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि डीआरडीओ इस चुनौती का डट कर सामना करेगा और भारत को रक्षा प्रणालियों के एक प्रमुख निर्यातक में बदल देगा।
डीआरडीओ प्रयोगशालाओं और डीआरडीओ कॉर्पोरेट के मुख्यालयों के निदेशक, नेताओं और उद्योग के प्रतिनिधियों, एनएसटीएल और अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस समारोह में भाग लिया।