प्राचीन समुद्री व्यापार मार्गों की पुनःखोज - टॉल शिप सेल-टुगेदर

प्राचीन समुद्री व्यापार मार्गों की पुनःखोज - टॉल शिप सेल-टुगेदर

नौसेनाध्यक्ष एवं स्टाफ कमेटी के प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा, पीवीएसएम, एवीएसएम, एडीसी के साथ-साथ इस्लामी गणराज्य ईरान नौसेना के कमांडर रियर एडमिरल हुसैन खानजादी ने 14 नवंबर 18 को कोच्चि स्थित नौसेना बेस से टॉल शिप सेल-टुगेदर को हरी झंडी दिखाई। इस कार्यक्रम का आयोजन आईओएनएस की 10वीं सालगिरह समारोह के मौके पर भारतीय नौसेना द्वारा किया गया था, इसमें बड़ी संख्या में भारतीय नौसेना के कर्मचारियों के अलावा 10वीं सालगिरह से जुड़ी स्मरणीय गतिविधियों में भाग लेने आए 26 देशों से नौसेना प्रमुखों और प्रतिनिधिमंडल सदस्यों ने भाग लिया।

इस 'सेल-टुगेदर' में श्रीलंका, चीन, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश और मालदीव से एक-एक "सी राइडर" के साथ-साथ भारतीय नौसेना के दो जलयात्रा पोत सुदर्शिनी, तरंगिनी और साथ में रॉयल ओमानी पोत ज़ीनत-अल-बिहार भाग ले रहे हैं जिसके तहत मस्कट और वहां से वापसी तक 1200 नॉटिकल मील से अधिक की दूरी तय किए जाने की योजना बनाई गई है। ऐसा कर मालाबार तट और फारस की खाड़ी के बीच पुराने ज़माने के समुद्री व्यापार मार्ग की पुनःखोज करने का प्रयास किया जा रहा है। इन पोतों के साथ-साथ छोटा भारतीय जलयात्रा पोत म्हादेई भी रवाना हुआ जो सेशेल्स की ओर प्रस्थान करेंगे जबकि अन्य मस्कट की अपनी यात्रा जारी रखेंगे। इस अवसर पर नौ हेलीकॉप्टरों और तीन फिक्स्ड विंग वाले एयरक्राफ्ट ने एक भव्य फ्लाई पास्ट किया। इस कार्यक्रम में शानदार समुद्री अतीत और प्राचीन सांस्कृतिक आदान-प्रदान की स्मृतियों की झलक दिखाई गई है जिसके द्वारा भारत और फारस और अरेबिया की महान सभ्यताओं के बीच लंबी दूरी के राजनैतिक व आर्थिक संबंधों की शुरुआत हुई। यह मार्ग इस व्यापार के फलस्वरूप हिंद महासागर के आसपास रहने वाली आबादी द्वारा साझा किए गए सामाजिक-सांस्कृतिक व समुद्री इतिहास का भी सम्मान करता है।

सेल-टुगेदर के लिए केरल का आरंभिक बिंदु के रूप में चयन उपयुक्त व उचित दोनों है। केरल की तटीय भव्यता पहली शताब्दी ईसवी से ही दुनिया भर के व्यापारियों के बीच समुद्री केंद्र के रूप में प्रसिद्ध रही है। प्रतिष्ठित उरुस नामक इसके आलीशान शिपयार्ड में 1500 वर्षों तक पोत निर्माण व समुद्री व्यापार का कार्य ज़ोर शोर से किया जाता रहा। विशेष तौर पर अरबी व्यापारी इन पोतों से मंत्रमुग्ध होते थे और इन नावों के सबसे पहले ग्राहक थे।

इस सेल टुगेदर का समापन 29 नवंबर 18 को मस्कट में टॉल शिप्स के स्वागत के साथ किया जाएगा।

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