नौसेनाध्यक्ष एवं चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष, नौसेनाध्यक्ष सुनील लांबा अमेरिका का दौरा

नौसेनाध्यक्ष एवं चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष, नौसेनाध्यक्ष सुनील लांबा अमेरिका का दौरा

नौसेनाध्यक्ष एवं चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष, नौसेनाध्यक्ष सुनील लांबा अमेरिका का दौरा

19 से 23 मार्च, 2018 के दौरान नौसेना प्रमुख एवं चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष, नौसेना अध्यक्ष सुनील लांबा एक द्विपक्षीय दौरे पर अमेरिका की यात्रा करेंगे। उनके इस दौरे का उद्देश्य भारत एवं अमेरिका, दोनों देशों के सशस्त्र सैन्य बलों के बीच सहयोग को मजबूत बनाना एवं रक्षा सहयोग के नए अवसरों की तलाश करना है।

अपनी यात्रा के दौरान नौसेना प्रमुख एवं चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष अमेरिका के रक्षा सचिव (एसईसीडीईएफ), श्री जेम्स मैटिस, नौसेना सचिव (एसईसीएनएवी) श्री रिचर्ड वी स्पेंसर, ज्वॉयंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के उप चेयरमैन (उपाध्यक्ष जेसीएस), जनरल जोसेफ एफ डनफोर्ड जूनियर, नौसेना संचालन के प्रमुख (सीएनओ), नौसेना अध्यक्ष जॉन एम रिचर्डसन, प्रशांत कमान के कमांडर (पीएसीओएम), नौसेना अध्यक्ष हैरी हैरिस, पैसिफिक फ्लीट के कमांडर (पीएसीएफएलटी), नौसेना अध्यक्ष स्कॉट स्विफ्ट एवं नौसेना समुद्रिक प्रणाली कमान (एनएवीएसईए) के कमांडर, उप नौसेना अध्यक्ष थॉमस जे. मूर के साथ द्विपक्षीय स्तर की वार्ता करेंगे।

द्विपक्षीय स्तर की महत्वपूर्ण वार्ताओं के अलावा, नौसेना अध्यक्ष पर्ल हार्बर, हवाई स्थित प्रशांत कमान मुख्यालय, नेवल सर्फेस वारफेयर सेंटर (एनएसडब्ल्यूसी) डेलग्रेन, पेंटागेन एवं वाशिंगटन डीसी में अर्लिंग्टन नेशनल सेमेटेरी का दौरा करेंगे।

भारत एवं अमेरिका ने रक्षा संबंधों सहित पारंपरिक रूप से घनिष्ठ एवं मैत्रीपूर्ण संबंधों को बरकरार रखते हुए, हाल के दिनों में कई बड़े समझौते किए हैं। इसके अंतर्गत दोनों देशों के रक्षा प्रतिष्ठानों के बीच सहयोग की रूपरेखा प्रस्तुत करने वाला एवं वर्ष 2015 में हस्ताक्षरित डिफेंस फ़्रेमवर्क एग्रीमेंट तथा वर्ष 2016 में हस्ताक्षरित रसद विनियम समझौता ज्ञापन (एलईएमओए) शामिल है, जो दोनों देशों के सशस्त्र सैन्य बलों के बीच पारस्परिक रसद को सुविधाजनक बनाने के लिए किया गया एक बुनियादी समझौता है। इसके अलावा, 16 जून को माननीय प्रधानमंत्री महोदय की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत को सर्वप्रमुख रक्षा सहयोगी का दर्जा दिया गया था।

भारतीय नौसेना कई मुद्दों पर अमेरिकी नौसेना के साथ सहयोग करती है, जिसके अंतर्गत संक्रियात्मक स्तर के पारस्परिक अभ्यास, जैसे कि मालाबार और रिमपैक श्रृंखला के अभ्यास, प्रशिक्षण का आदान-प्रदान तथा कार्यकारी पोत-संचालन समूह (ईएसजी) बैठकों के माध्यम से गैर-सैन्य जहाजों की पहचान एवं आवाजाही संबंधी सूचनाओं तथा विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों का आदान-प्रदान शामिल है। दोनों नौसेना के युद्धपोत भी नियमित रूप से एक दूसरे के बंदरगाहों का दौरा कर रहे हैं।

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