भारतीय नौसेना द्वारा पनडुब्बी बचाव क्षमता का आवर्धन

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भारतीय नौसेना ने 15 अक्तूबर 2018 को डीप सब्मर्जेंस रेस्क्यू वीहिकल (डीएसआरवी) के प्रथम परीक्षणों का सफलतापूर्वक समापन किया। डीएसआरवी ने 300 फीट की गहराई में आसन पनडुब्बी के साथ पानी के अंदर जोड़ा बनाया। सफलतापूर्वक जोड़ा बनाने के बाद डीएसआरवी ने अपने हैच और पनडुब्बी के हैच खोले और पनडुब्बी से डीएसआरवी में कर्मचारियों का हस्तांतरण किया। इन समुद्री परीक्षणों ने नई शामिल की गई डी एस आर वी की समुद्र में स्थित अक्षम पनडुब्बियों से बचाव कार्य करने की क्षमता को सिद्ध किया है और भारतीय नौसेना को एक महत्वपूर्ण क्षमता प्रदान की है। परीक्षणों के दौरान डीएसआरवी ने सफलतापूर्वक 666 मीटर तक गोता भी लगाया, जो कि भारत की समुद्री सीमा में किसी ‘मानवयुक्त पोत’ द्वारा सबसे गहरा गोता लगाने का एक रिकॉर्ड है। डीएसआरवी चालक दल ने 750 मीटर से अधिक की गहराई में आरओवी ऑपरेशन और 650 मीटर से अधिक की गहराई में साइड स्कैन सोनार ऑपरेशन भी पूरे किए, और ये सभी भारतीय नौसेना द्वारा ‘प्रथम बार’ किए गए हैं।

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