एस एन सी द्वारा केरल के वायनाड में ऑपरेशन 'मदद' शुरू किया

एस एन सी द्वारा केरल के वायनाड में ऑपरेशन 'मदद' शुरू किया (दसवाँ दिन)

दसवें दिन - 19 अगस्त 2018 को दक्षिणी नौसेना कमान ने ऑपरेशन मदद के लिए दलों और आवश्यक सामग्रियों का परिनियोजन जारी रखा। एस एन सी बचाव दलों को भारतीय नौसेना के पश्चिमी और पूर्वी नौसेना कमान दोनों से जेमिनी नाव, डाइवर और अन्य संसाधनों द्वारा बढ़ाया गया है। प्रभावित जिलों में विभिन्न स्थानों पर 92 डाइविंग दलों को तैनात किया गया। कन्नूर और अलाप्पुझा के दो और जिलों में बचाव अभियान बढ़ाया गया, इसके अलावा तीन जिले त्रिशूर, एर्नाकुलम और पठानमथिट्टा में पहले से बचाव अभियान जारी है। कुल 14,797 लोगों को नौकाओं से और 600 से ज्यादा लोगों को वायु यानों से बचाया गया है और 19 अगस्त 2018 तक आठ टन राहत सामग्री को वायु यानों से पहुँचाया गया है। मुलमवेली चर्च में रहने वाले लगभग 250 लोगों को सिविल नौकाओं से बचाव दल द्वारा पिझाला द्वीप में सुरक्षित स्थान पर भेजा गया। कुल मिलाकर, बचाव दल ने 19 अगस्त 2018 को नावों द्वारा 3,575 से अधिक लोगों को बचाया। फंसे हुए कर्मियों को निकालने, भंडार, नौकाओं और राहत सामग्री विशेष रूप से खाने-पीने की चीजों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए वायु यानों का व्यापक रूप से उपयोग किया गया। 19 अगस्त 2018 को भारतीय वायु सेना के एएलएच, सी किंग, चेतक और MI17 सहित विभिन्न विमानों ने 59 लोगों को बचाया। 800 किलोग्राम से अधिक राहत सामग्री को वायु यान द्वारा पहुँचाया गया, जिसमें बोतलबंद पानी और दवाओं के साथ-साथ एक लाख से अधिक खाद्य पैकेट शामिल हैं। 10 गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी वायु यानों का इस्तेमाल किया गया। नौसेना वायु स्टेशन, गरुड़ ने नौसेना बेस, कोच्चि से नागरिक उड्डयन संचालन शुरू करने की सुविधा प्रदान की है। ए टी आर का उपयोग कर एलायंस एयर द्वारा ब्याबसायिक फ्लाइट का उपयोग भी किया गया, जो 20 अगस्त 2018 से बैंगलोर और कोचीन के बीच शुरू होने वाली है। सी आई ए एल उड़ान संचालन करने के लिए तैयार होने तक अन्य एयरलाइंस की नौसेना के हवाई अड्डे से संचालित होने की भी उम्मीद है। बचाए गए लगभग 250 लोगों को अभी नौसेना बेस के अंदर उस T2 हैंगर में रखा गया है, जिसे राहत शिविर के रूप में परिवर्तित किया गया है। अलुवा में नौसेना आर्मामेंट डिपो, द्वारा स्थापित एक अन्य राहत शिविर में 500 लोगों को रखा गया है। राहत शिविर में एक चिकित्सा शिविर भी बनाया गया है और दो चिकित्सा अधिकारी उनकी टीम के साथ प्राथमिक चिकित्सा और जनरल ओ पी डी प्रदान कर रहे हैं। नौसेना बेस के भीतर नेवल किंडरगार्टन (एन के जी) स्कूल को भी राहत शिविर बना दिया गया है और लगभग 170 लोगों को वहां रखा गया है। सी यू एस ए टी के कैम्पस में भा नौ पो वेंदरूथी द्वारा स्थापित सामुदायिक रसोई में 5,000 लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है। भोजन की सुविधा पाने वालों में यू सी कॉलेज के 2,000 व्यक्ति शामिल हैं। राज्य सरकार प्राधिकरण इस रसोईघर में योगदान दे रहे हैं, वे इसके सही परिचालन के लिए मसालों और अन्य खाद्य पदार्थों को उपलब्ध करा रहे हैं। 19 अगस्त 2018 को आपदा राहत प्रयासों को बढ़ाने के लिए वेस्टर्न फ्लीट टैंकर, भा नौ पो दीपक ताजा पानी और राशन के साथ कोच्चि पहुँची। पोत ने पानी, ताजा भोजन, खाने के लिए तैयार भोजन (एम आर ई) और पीने के पानी के पाउच को प्रदान करबाए। इसके अलावा, पश्चिमी नौसेना कमान ने 70 टन राहत सामग्री के साथ भा नौ पो मैसूर को भेजा, जिसमें 30 टन बोतलबंद पानी, 1,000 एमआरई, 10 टन ताजा राशन, 5 टन दूध, 5.5 टन बिस्कुट और अन्य सामान जैसे कि दवाएं और आवश्यक टॉयलेटरीज़, फिनाइल, गैश बैग, ब्लीचिंग पाउडर, मोमबत्तियां इत्यादि शामिल हैं। राहत सामग्री में मुंबई के एनजीओ से प्राप्त कुछ वस्तुओं भी शामिल है। पोत में दक्षिणी नौसेना कमान के वायु प्रयास को बढ़ाने के लिए एक चेतक हेलीकॉप्टर भी है। 15 टन ताजा राशन के साथ भा नौ पो शारदा 19 अगस्त 2018 को कारवार से कोच्चि के लिए निकली। भा नौ पो मुंबई में भी राहत सामग्री रखी जा रही है और यह 20 अगस्त 2018 को कोच्चि के लिए प्रस्थान करेगा। अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ने 17 अगस्त 2018 की देर रात को एस एन सी से पानी की आपूर्ति में दिक्कत करने वाले खराब जल पंपों की मरम्मत के लिए अनुरोध किया। नेवल शिप रिपेयर यार्ड, कोच्चि के एक दल ने स्थान  पर पहुंचेने के लिए कुछ पाइप सामग्री का उपयोग करके कम समय तक इस्तेमाल किया जाने वाला बेड़ा बनाया और ख़राब पंपों को नौसेना के स्टॉक में  मौजूद तीन पंपों से बदला। पंप पूरी तरह से खराब हो चुके थे और स्टार्टर्स पानी में डूबे हुए थे। 10 घंटे में सिस्टम के परिचालन के लिए टीम ने स्टार्टर्स की भी मरम्मत की।

एस एन सी द्वारा केरल के वायनाड में ऑपरेशन 'मदद' शुरू किया (नौवां दिन)

नौवें दिन - 18 अगस्त 2018 को दक्षिणी नौसेना कमान ने ऑपरेशन मदद के लिए दलों और आवश्यक सामग्रियों का परिनियोजन जारी रखा। एस एन सी बचाव दलों को भारतीय नौसेना की पश्चिमी और पूर्वी नौसेना कमान दोनों से जेमिनी बोट, डाइवर और अन्य संसाधनों द्वारा बढ़ाया गया है। केरल के विभिन्न हिस्सों में जेमिनी बोट के साथ 72 बचाव और डाइविंग दल तैनात किए गए हैं। एक-एक जेमिनी बोट वाले 42 दलों को एर्नाकुलम जिले की अनेक जगहों पर तैनात किया गया है। पिझाला द्वीप में 1, एडापली में 1, पेरुंबवूर में 3, उत्तरी परवुर में 16, अलुवा में 14, मुवत्तुपुझा में 4 और कदंगल्लूर में 2 दल तैनात किए गए हैं। चालककुडी और चेंगन्नूर में 10-10 दलों को तैनात किया गया है, पोरुनन्नूर में 2 और अयूर और पुलाद में 1-1 दल तैनात किए गए हैं। 18 अगस्त 2018 को दलों ने नौकाओं से 3,375 लोगों को बचाया। फंसे हुए कर्मियों को निकालने, भंडार, नौकाओं और राहत सामग्री को एक जगह से दुसरे स्थान ले जाने के लिए वायु यानों का व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है। त्रिशूर, एर्नाकुलम और पठानमथिट्टा के गंभीर रूप से प्रभावित तीन जिलों के विभिन्न स्थानों पर वायु यानों से बचाव कार्य किया जा रहा है। भारतीय वायु सेना के एएलएच, सी किंग, चेतक और MI17 सहित विभिन्न विमानों ने 154 से अधिक लोगों को बचाया। बोतल वाले पानी के साथ खाने के पैकेट भी छत पर वायु यान से गिराए गए। 350 से अधिक बचाए गए लोगों को उस नौसेना बेस के अंदर T2 हैंगर में रखा गया है, जिसे एक राहत शिविर के रूप में परिवर्तित किया गया है। अलुवा में नौसेना आर्मामेंट डिपो, द्वारा स्थापित एक अन्य राहत शिविर में 170 लोगों को रखा गया है। नौसेना बेस के भीतर नेवल किंडरगार्टन (एन के जी) स्कूल को भी राहत शिविर बना दिया गया है और लगभग 250 लोगों को वहां रखा गया है। नौसेना बेस के नजदीकी और एस एन सी द्वारा प्रशासित दो केन्द्रीय विद्यालयों को भी विस्थापित व्यक्तियों के रहने के लिए अतिरिक्त राहत शिविर के रूप में रक्षित किया गया है। कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में आई एन एस वेंन्दरुथी द्वारा स्थापित सामुदायिक रसोई में 7,000 लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है। राज्य सरकार इस रसोईघर में योगदान दे रही है, वह इसके सही परिचालन के लिए मसालों और अन्य खाद्य पदार्थों को उपलब्ध करा रही है। भारत के माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण करने और भारतीय नौसेना सहित विभिन्न एजेंसियों द्वारा किए जा रहे बचाव अभियान की समीक्षा के लिए 18 अगस्त 2018 को कोच्चि का दौरा किया।

एस एन सी द्वारा केरल के वायनाड में ऑपरेशन 'मदद' शुरू किया (आठवाँ दिन)

आंठवे दिन - 17 अगस्त 2018 को दक्षिणी नौसेना कमान ने ऑपरेशन मदद के लिए दलों और आवश्यक सामग्रियों का परिनियोजन जारी रखा। केरल के विभिन्न हिस्सों में जेमिनी बोट के साथ 58 बचाव और डाइविंग दल तैनात किए गए हैं। पश्चिमी और पूर्वी नौसेना कमान द्वारा जेमिनी बोट के साथ 19 डाइविंग और बचाव दलों को बचाव कार्य में जोड़ा गया है। 3,000 से अधिक लोगों को बचाया गया है और बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित जगह पर लाने और उन्हें आवश्यक राहत आपूर्ति जैसे कि भोजन और पानी उपलब्ध करने के लिए निरंतर प्रयास चल रहे हैं। 17 अगस्त 2018 को 310 लोगों को नौकाओं से और 176 लोगों को विमानों से बचाया गया। फोर्ट कोच्चि के राहत शिविर में स्थानांतरित करने से पहले बचाए गए लगभग 500 लोगों को नौसेना बेस के अंदर रखा गया। इस बीच, अलुवा के बचाव शिविर में 151 लोगों के खानपान की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। डब्लू एन सी और ई एन सी द्वारा प्राप्त 1000 रेनकोट, 1300 गम बूट, 264 लाइफबॉय और 1000 लाइफ जैकेट को राहत सामग्री में शामिल किया गया है। एक-एक जेमिनी बोट वाले 37 दलों को एर्नाकुलम जिले की अनेक जगहों पर तैनात किया गया है। एक दल पिझाला द्वीप में है, एक एडापल्ली में है और तीन पेरंबवुर में है। उत्तरी परवुर में 16 दलों को तैनात किया गया है, 12 दलों को अलुवा में और 4 दलों को मुवत्तुपुझा में तैनात किया गया है। त्रिशूर जिले के चालककुडी में 9 दलों, चेंगन्नूर में 4 दलों और अयरूर और पोलाड में एक-एक दल को तैनात किया गया है। एक दल को कोट्टायम में तैनात किया गया है। वायनाड जिले के विभिन्न स्थानों पर जेमिनी बोट के साथ पांच नौसेना दल राहत कार्यों को जारी रखे हुए है। इसके अलावा, आई एन एस गरुड़ में उपलब्ध सभी वायु यानों का व्यापक रूप से उपयोग फंसे हुए लोगों को निकालने, भंडार, नौकाओं और राहत सामग्री को एक जगह से दूसरे स्थान ले जाने के लिए किया जा रहा है। कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में आई एन एस वेंन्दरुथी द्वारा स्थापित सामुदायिक रसोई में 3,000 लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की गई है।

एस एन सी द्वारा केरल के वायनाड में ऑपरेशन 'मदद' शुरू किया (सातवाँ दिन)

सातवे दिन - 16 अगस्त 2018 को दक्षिणी नौसेना कमान ने ऑपरेशन मदद के लिए दलों और आवश्यक सामग्रियों का परिनियोजन जारी रखा। जेमिनी बोट वाले कुल 40 बचाव और डाइविंग दल कई स्थानों पर बचाव अभियान में शामिल हैं। 16 अगस्त 2018 को 200 से अधिक लोगों को वायु यान से बचाया गया था, जबकि तैनात नौकाओं से कई और लोग बचाए गए। बचाए गए लोगों को अलुवा में कैंप के अलावा नौसेना बेस के अंदर भोजन और आश्रय भी प्रदान किया गया। एसएनसी की व्यवस्थापन में सभी नौका और गोताखोर इस ऑपरेशन के लिए प्रतिबद्ध हैं और अन्य नौसेना कमानों से अधिक नौकाओं और गोताखोरों की मांग की गई है। एक-एक जेमिनी बोट वाले सताईस दलों को एर्नाकुलम जिले के अनेक स्थानों पर तैनात किया गया है। एक दल पिझाला द्वीप में है, एक एडापल्ली में है और तीन पेरुम्बवुर में है। उत्तरी पारावुर में पांच और दलों को बढ़ाया है, जिससे तैनात दलों की कुल संख्या सात हो गई है। अलुवा में ग्यारह बचाव दलों को तैनात किया गया है। इनमें से दो दल ओपल में 25 पुलिस कर्मियों को बचाने में सक्षम रहें। बाढ़ के चलते पेरियार में तत्काल आवश्यकता पर ध्यान देते हुए चार दलों को बचाव प्रयासों के लिए मुवत्तुपुझा में तैनात किया गया है। त्रिशूर जिले के चालककुडी में कुल पांच दलों को तैनात किया गया है। पोथनमथिट्टा जिले में, तीन दलों, एक आयरूर में, एक पोलाड में और एक कोझेंचेरी में, को तैनात किया गया है। एक दल को कोट्टयम में तैनात किया गया है। वायनाड जिले के विभिन्न स्थानों पर पांच जेमिनी बोट वाले पांच नौसैनिक दलों को तैनात किया गया है। इसके अलावा, भा नौ पो गरुड़ में उपलब्ध सभी हवाई सुविधाओं का उपयोग फंसे हुए कर्मियों को निकालने, स्टोर, नौकाओं, राहत सामग्री आदि को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। चालककुडी, कलाडी, अर्णमुला, बिलाकामडू और पल्लियुदा में वायु यान द्वारा बचाव कार्य किया जा रहा है। तीन जिलों त्रिशूर, एर्नाकुलम और पोथनमथिट्टा में भारतीय वायुसेना के एएलएच, सी किंग, चेतक और एमआई 17 समेत विभिन्न विमानों द्वारा व्यापक रूप से बचाव कार्य किया गया। नौसेना बेस, कोच्चि के अंदर T2 हैंगर में राहत शिविर स्थापित किया गया है और वायु यान की सहायता से बचाए गए लोगों को भोजन, बिस्तर और अन्य आवश्यकताएं उपलब्ध कराई गई। जिला कलेक्टर से प्राप्त अनुरोध के आधार पर राहत सामग्री जैसे की खाद्य पदार्थ, मोमबत्तियां और कुछ आवश्यक वस्तुओं जैसी राहत सामग्री को नारायण इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, उत्तरी पारावुर में फंसे लगभग 1,500 मरीजों की मदद के लिए वायु यान द्वारा पहुँचाया गया है।

एस एन सी द्वारा केरल के वायनाड में ऑपरेशन 'मदद' शुरू किया (छठा दिन)

छठे दिन - 14 अगस्त 2018 को दक्षिणी नौसेना कमान का ऑपरेशन मदद दलों और आवश्यक सामग्रियों के परिनियोजन के साथ जारी रहा। बाढ़ से प्रभावित लोगों को अल्प अवधि सूचना पर सहायता प्रदान करने के लिए केरल के विभिन्न हिस्सों में राज्य प्रशासन के निर्देशों पर भारतीय नौसेना दलों ने अपने संबंधित स्थानों पर बचाव कार्य जारी रखा। वायनाड में, दलों ने पायमपल्ली गांव में सड़क चालू करने का कार्य किया और दूरस्थ और सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों (त्रिशिलरी गांव, पुथलूर और कबीनी नदी की नजदीकी जगह) में मेडिकल कैंप लगाया और 30 से अधिक रोगियों का इलाज किया गया। इसके अलावा, भारतीय नौसेना ने राहत सामग्री को पहुँचाने में नागरिक प्रशासन की सहायता भी की। पांच डाइविंग दलों (पिझाला द्वीप में एक, अलुवा में एक और पेरुंबवूर में तीन) को डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर एर्नाकुलम के निर्देशों पर तैनात किया गया है ताकि तूफानी मौसम जैसी खराब स्थिति के कारण होने वाली किसी तरह की समस्या में स्थानीय लोगों को सहायता प्रदान की जा सके। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के सर्वेक्षण के साथ-साथ कर्मियों और राहत सामग्री को पहुँचाने के लिए नियमित रूप से हवाई मार्ग की मदद भी ली जा रही है।

एस एन सी द्वारा केरल के वायनाड में ऑपरेशन 'मदद' शुरू किया (पांचबा दिन)

दक्षिणी नौसेना कमान ने पांचवे दिन – 13 अगस्त 2018 को ऑपरेशन मदद के लिए टीमों और संसाधनों को भेजना जारी रखा। वायनाड जिले में अलग-अलग स्थानों पर नौसेना की पाँच टीमें तैनात हैं जो मेडिकल कैम्पों का आयोजन करने और चुन्देल से मुपैनाड, मुत्तिल से मेप्पाडी और लक्किडी से पोज्हुथाना के बीच की सड़कों को खोलने में जुटी हुई हैं। अधिक बारिश का अनुमान लगाते हुए बाणासुर डैम के गेट खोल दिए गए हैं और पानी छोड़ दिया गया है। स्थिति को देखते हुए जेमिनी नौकाओं के साथ दो तैराकी टीमों को सड़क द्वारा रवाना किया गया है, और अब टीमों की संख्या कुल सात हो गई है। लोक प्रशासन के अनुरोध पर, उन सुदूर इलाकों में जहां सड़क द्वारा पहुंचना नामुमकिन है, मेडिकल कैम्प स्थापित करने के लिए वायनाड में स्थित कुछ बचाव टीमों को भेजा गया है। नौसेना की टीम ने पहले थ्रिशिलेरी (मनंथवाड़ी से 07 किलोमीटर दूर उत्तरपूर्व में) में मेडिकल कैम्प खोला और उसके बाद काबिनी नदी के तट के निकट पुथियूर में मेडिकल कैम्प खोला और 50 से भी अधिक रोगियों का उपचार किया। एर्नाकुलम के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के ब्यबस्थापन के लिए पाँच तैराकी टीमें रक्षित हैं। इनमें से चार टीमें अलुवा में तैनात हैं और एक पिज़्हाला द्वीप के आसपास गश्त लगा रही है। इसके अलावा, नौसेना बेस पर तीन पूर्ण रूप से सुसज्जित सैन्य दल आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

एस एन सी द्वारा केरल के वायनाड में ऑपरेशन 'मदद' शुरू किया (चौथा दिन)

दक्षिणी नौसेना कमान ने चौथे दिन - 12 अगस्त 2018 को ऑपरेशन मदद के लिए तैनात सभी दलों और सामग्रियों को संघृत रखा। केरल के विभिन्न हिस्सों में तैनात दल, फंसे हुए नागरिकों को बचाने के लिए दिन रात  तक काम कर रहे हैं और उन्हें सहायता और चिकित्सा उपचार प्रदान कर रहे हैं। जेमिनी इन्फ्लेटेबल नाव के साथ चार राहत दलों को वायनाड जिले के विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है और वे भारतीय सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के साथ मिलकर राहत अभियान चला रहे हैं। पांच डाइविंग दलों को जिला कलेक्टर, एर्नाकुलम के व्यवस्थापन के अंतर्गत रखा गया है, जिसमें चार दलों को अलुवा में और एक दल को पिज्जाला द्वीप में राहत कार्य के लिए तैनात किया गया है। 12 अगस्त 2018 को सिविल मेडिकल टीम के समन्वय से थल्लाफुझा (वायनाड के मनंतवाडी से 10 किमी उत्तरपश्चिम) में एक चिकित्सा शिविर स्थापित किया गया, जिसमें 250 से अधिक लोगों को लाभान्वित किया गया। हवाई सर्वेक्षण के लिए , लोगों को निकालने और राहत सामग्री पहुंचाने के लिए भा नौ पो गरुड़ से नौसेना के विमानों को लगातार तैनात किया जा रहा है। इसके अलावा, सिविल अधिकारियों द्वारा मांगी गई किसी भी सहायता के लिए अलुवा नेवल आर्मामेंट डिपो, और कोच्चि नेवल बेस, को पूरी तरह से बचाव कार्य के लिए तैयार किया गया है।

एस एन सी द्वारा केरल के वायनाड में ऑपरेशन 'मदद' शुरू किया (तीसरा दिन)

दक्षिणी नौसेना कमान द्वारा केरल के विभिन्न हिस्सों में तैनात नौसेना दल प्रभावित लोगों को सहायता देने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। जेमिनी इन्फ्लेटेबल नौकाओं के साथ 20 कर्मियों वाले तीन दल पनामरुम में हैं और अब तक 72 से अधिक लोगों को बचा चुके हैं। 11 कर्मियों वाला एक दल वायनाड में है और भारतीय सेना के सहयोग में राहत अभियान में शामिल है। नौसेना के सी किंग हेलीकॉप्टर का उपयोग व्यापक रूप से वायनाड में डाइविंग दलों, पोर्टेबल जेनरेटर और अन्य बचाव उपकरण को पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। नागरिक प्रशासन के समन्वय में बचाव अभियान चलाने के लिए जेमिनी नाव वाला एक और डाइविंग दल कोडुंगलुर, त्रिचूर में तैनात किया गया है। तीन दल पुथनवेलिकारा में हैं और एक दल पिज्जाला द्वीप में तैनात है। इसके अलावा, शॉर्ट नोटिस पर आपदा राहत कार्यों को पूरा करने के लिए अलुवा नेवल आर्मामेंट डिपो में 31 कर्मियों का एक बचाव दल तैनात किया गया है। हवाई सर्वेक्षण को पूरा करने और सिविल प्रशासन को बाढ़ की सीमा की रिपोर्ट करने के लिए गरुड़ के नेवल डोर्नियर एयरक्राफ्ट को भी तैनात किया गया है। 25 कर्मियों वाले पांच डाइविंग दल, 60 कर्मियों वाले दो बचाव दल  पूरी तरह से तैयार है, सिविल अधिकारियों द्वारा मांगी गई किसी भी सहायता के लिए चिकित्सा और भोजन आपूर्ति को पूरा करने वाले दलों को तैनात किया गया है। भा नौ पो गरुड़ में कर्मी दिन रात काम कर रहे हैं, न केवल नौसेना बल्कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और भारतीय वायु सेना भी बचाव दलों और आपूर्तियों को ब्यापक रूप से करने के लिए इसका प्रयोग कर रहे हैं।

एस एन सी द्वारा केरल के वायनाड में ऑपरेशन 'मदद' शुरू किया (दूसरा दिन)

केरल के कई हिस्सों में अप्रत्याशित भारी बारिश के कारण दक्षिणी नौसेना कमान ने बचाव प्रयास जारी रखा। बाढ़ और भूस्खलन के कारण बचाव अभियान शुरू करने के लिए जेमिनी इनफ्लैटेबल बोट के साथ एक डाइविंग टीम को 09 अगस्त 2018 को रात 10 बजे एयरलिफ्ट करके काल्पेटा भेजा गया। जेमिनी बोट के साथ तीन टीमों ने पनमारम (मनंथवाड़ी से 13 किलोमीटर दक्षिण) में बचाव अभियान शुरू किया और 10 अगस्त 2018 को फंसे हुए 55 लोगों को बचाया। बचाव अभियान को आगे बढ़ाने के लिए तीन अतिरिक्त डाइविंग टीम प्रभावित क्षेत्रों में भेजी गई। इडुक्की डैम के खुलने के कारण एर्नाकुलम और अलुवा में होने वाली बाढ़ के पूर्वानुमान में डिप्टी कलेक्टर के समन्वय में राहत कार्यों के लिए अलुवा में दो डाइविंग टीम तैनात हैं। इसके अलावा, भा नौ अ पो संजीवनी और भा नौ पो वेंदुरुथी की सामुदायिक रसोई किसी भी प्रकार की मदद की आवश्यकता के लिए तैयार हैं। चल रहे राहत कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डाइवर, पावर टूल और राहत सामग्री पहुँचाने के लिए नौसेना के हेलीकॉप्टर भी तैनात किए जा रहे हैं।

एस एन सी द्वारा केरल के वायनाड में ऑपरेशन 'मदद' शुरू किया (पहला दिन)

वायनाड जिले में भारी बारिश और चेरुथोनी डैम शटर के खोलने के कारण, एर्नाकुलम और इडुक्की जिलों में बाढ़ से ग्रसित निचले इलाकों में खोज और बचाव अभियान चलाने के लिए केरल सरकार ने भारतीय नौसेना की सहायता मांगी। स्थानीय निवासियों को सहायता देने के लिए 09 अगस्त 2018 को दक्षिणी नौसेना कमान ने वायनाड जिले के मनंथावडी और कल्पट्टा में डिजिस के साथ चार डाइविंग दलों को भेजा। इसके अलावा, फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए वायनाड में सी किंग हेलीकॉप्टर भी भेजा गया। टीम अपने साथ तीन इनफ्लैटेबल नाव, बचाव उपकरण और प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने के लिए, चिकित्सा आपूर्ति ले जा रहे हैं और लगातार जिला कलेक्टर के साथ संपर्क में है।

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