लोकयान 15 - तरंगिनी यात्रा का परिचय
भारतीय नौसेना का नौकायन प्रशिक्षण जहाज, आईएनएस तरंगिनी, यूरोप में अंतर्राष्ट्रीय नौकायन प्रशिक्षण के तत्वावधान में आयोजित लंबे जहाजों की वार्षिक दौड़ एवं अन्य कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए आठ महीने की यात्रा पर रवाना होगा। इन आठ महीनों के दौरान, जहाज लगभग 17,000 मील की समुद्री यात्रा करेगा।
"लंबा जहाज" एक ऐसा शब्द है जिसका इस्तेमाल अक्सर बड़े, उत्कृष्ट नौकायन जहाजों के वर्णन के लिए किया जाता है। लंबे जहाजों के प्रथम कार्यक्रम का आयोजन वर्ष 1956 में किया गया था, जहां अंतर्राष्ट्रीय नौकायन प्रशिक्षण की नींव रखी गई थी। जहाज के चालक दल लाल सागर, भूमध्य सागर और उत्तरी सागर के माध्यम से इस कठिन यात्रा का संचालन करेंगे। जब लंबी यात्राओं की बात आती है तो हमें इस जहाज का इतिहास गौरवपूर्ण प्रतीत होता है, जो वर्ष 2003-04 में पूरी दुनिया का जहाज़ द्वारा परिभ्रमण करने वाला भारतीय नौसेना का पहला जहाज है। इसके उपरांत इस जहाज ने कनाडा के 'द ग्रेट लेकस' में हुई दौड़ के अलावा यूरोप के लंबे जहाजों की दौड़ में भी भाग लिया है। तरंगिनी ने 2005 में यूरोप में 'रॉयल थॉमस यॉच क्लब चैलेंज ट्राफी' जीती और अमेरिका में वर्ष 2007 में यूथ सेलिंग डिवीजन में तीसरे स्थान पर रहा।
इस प्रकार की दौड़ों में हिस्सा लेने के अलावा, यह जहाज नौसेना के अधिकारी कैडेटों को नौकायन प्रशिक्षण अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से पूरे हिंद महासागर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण गतिविधियों का संचालन करता है। भारतीय नौसेना का मानना है कि इन जहाजों के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान करना प्रशिक्षुओं में अपरिभाष्य 'समुद्र-भावना' तथा प्रकृति के सभी घटकों के लिए सम्मान का भाव उत्पन्न करने का सबसे अच्छा तरीका है, जो सुरक्षित और सफल नौकायन का अनिवार्य अंग है। नौकायन प्रशिक्षण उभरते नौसैनिक अधिकारियों को साहस, सौहार्द, धैर्य एवं संघ-भाव प्रदान करता है, जो समय की कसौटी पर खरा है।
इस साल के लंबे जहाजों की दौड़ का आयोजन मुख्य रूप से यूनाइटेड किंगडम, नॉर्वे, डेनमार्क, जर्मनी और नीदरलैंड के तट पर किया जाएगा। इस वर्ष तरंगिनी क्रिस्टियनसैंड (नॉर्वे) से अलबोर्ग (डेनमार्क) के बीच लंबे जहाजों की दौड़ में भाग लेगी। इसके अलावा वह नौकायन से संबंधित अन्य कार्यक्रमों में भी शामिल होगी, जैसे कि सेल रॉस्टॉक, जर्मनी में सेल ब्रेमेरहेवन और नीदरलैंड में एम्स्टर्डम सेल। इस वर्ष आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में दुनिया भर से विभिन्न आकार के लगभग 300 नौकायन जहाजों के भाग लेने की संभावना है।
14 देशों के 17 बंदरगाहों में जहाज की यात्रा से पूरे विश्व के सामने भारत की ताकत दिखाई देगी और भारतीय नौसेना की वैश्विक पहुंच का प्रदर्शन होगा। "व्यापक पहुंच के लिए टैकिंग" को लोकयान -15 के कूटनाम वाली इस यात्रा की विषय-वस्तु के रूप में चुना गया है।