भारतीय नौसेना द्वारा अदन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालना
भारत सरकार की ओर से भारतीय नागरिकों को यमन छोड़ने के लिए परामर्शिका जारी किये जाने के बाद, अनुवर्त्ती कार्रवाई के तौर पर भारतीय नौसेना ने नागरिकों की निकासी अभियान में सहायता हेतु तीन जहाजों को तैनात किया है। विभिन्न एजेंसियों के सहयोग एवं तालमेल के साथ चलाए जा रहे इस अभियान के लिए सबसे पहले एक अपतटीय गश्ती पोत, आईएनएस सुमित्रा के साथ यमन से निकासी अभियान प्रारंभ किया गया, जिसे 11 मार्च 2015 से ही अदन की खाड़ी में लूटपाट-रोधी गश्ती के लिए तैनात किया गया था। इस पोत को 30 मार्च 2015 को अदन के बंदरगाह के इस अभियान के लिए पुनः तैनात किया गया, और 31 मार्च की शाम को इसने अदन के बंदरगाह में प्रवेश किया। इस जहाज ने अदन से 349 भारतीयों को सुरक्षित बाहर निकालते हुए जिबूती की ओर प्रस्थान किया है। पोत में सवार इन कर्मियों को जिबूती में सुरक्षित उतारने के बाद, आवश्यक स्थिति में इस जहाज को एक बार फिर अदन वापस जाकर लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का कार्य सौंपा जाएगा।
भारतीय नौसेना के जहाज मुंबई और तरकश को भी 30 मार्च 2015 को मुंबई से रवाना किया गया है। ये जहाज सोमालिया के तटीय इलाकों के आसपास के अत्यंत जोखिम वाले क्षेत्रों में दो यात्री जहाजों, कवरत्ती और कोरल्स का मार्गदर्शन करेंगे। इन यात्री जहाजों को भी 30 मार्च 2015 को कोच्चि से यमन के लिए रवाना किया गया है। इसके बाद, आवश्यक स्थिति में ये दोनों युद्धपोत यमन के बंदरगाहों से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए उपलब्ध होंगे।
संयोगवश, फरवरी 2015 में ही भारतीय नौसेना ने बड़े पैमाने पर एचएडीआर अभ्यास का संचालन किया था। मौजूदा अभियान में मुस्तैदी और नम्यता से एक बार फिर मानवीय सहायता एवं आपदा राहत कार्य (एचएडीआर) के संदर्भ में भारतीय नौसेना की क्षमता प्रदर्शित होती है।
निकासी प्रक्रिया की कुछ तस्वीरें:-
अदन बंदरगाह पर आईएनएस सुमित्रा
जहाज पर सवार होने से पूर्व घाट पर मौजूद लोग
पंजीकरण कार्य की प्रगति
पंजीकरण कार्य की प्रगति
आईएनएस सुमित्रा जहाज पर सवार होते लोग
आईएनएस सुमित्रा के हेलोडेक पर बचाए गए लोग
जहाज पर सवार होने से पूर्व दस्तावेजों की जाँच करते हुए नौसेना कर्मी
जिबूती में निकासी अभियान के दौरान जनरल वी. के. सिंह (सेवानिवृत्त), विदेश मामलों के राज्य मंत्री, भारत सरकार