सिम्बेक्स - 2018 पोर्ट ब्लेयर में शुरू

सिम्बेक्स - 2018 पोर्ट ब्लेयर में शुरू

केवल कुछ ही ऐसी सेनाएं हैं जो भारत और सिंगापुर की नौसेना की तरह समुद्री युद्ध ड्रिल के क्षेत्र में निरंतरता और सहयोग का दावा कर सकती हैं। दोनों देशों के बीच यह परंपरा 25 वर्षों से जारी है। जब भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े के फ्रंटलाइन पोतों और रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर नेवी (आरएसएन) ने 10 नवंबर 2018 को प्राचीन अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पोर्ट ब्लेयर के नीले रंग के जल में प्रवेश किया, तो देखने वालों के लिए यह एक अद्भुत नज़ारा था। सिम्बेक्स-सिंगापुर एवं इंडिया के बीच द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास के 25 वें संस्करण के शुरू होने पर पोत पोर्ट ब्लेयर पहुंचे। बेसिक एएसडब्ल्यू अभ्यास के रूप में यह 1994 में शुरू किया गया था, आज इन अभ्यासों ने मिसाइल और टारपीडो फायरिंग और समुद्री किनारे आधारित इंटेनसिव प्रोफेशनल एक्सचेंजों में महारथ हासिल कर लिया है।

पोर्ट ब्लेयर में भाग लेने वाले युद्धपोतों और समुद्री पूर्व-परीक्षण विमान और इंटीग्रल हेलीकॉप्टरों का दल, फाइन कोम्ब के साथ समन्वय विवरण के आखिरी मिनट के अभ्यास में शामिल होगा। हार्बर फेज़ के दौरान, अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी में समुद्री फेज़ के अभ्यास की तैयारी की दिशा में परिचालन सम्मेलनों के अलावा, दोनों पक्षों द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को दी जाने वाली कर्टसी कॉल भी निर्धारित की गई है।

इसके अलावा, सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट एक्सचेंजेस या एसएमईई जिन्हें दुनिया भर में सेनाओं द्वारा आमतौर पर जाना जाता है, वो भी मौजूद रहेंगे। एसएमईई ने वर्षों से संबंधित नौसेना के औपचारिक रूप से सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान किया है ताकि सीखना और सुधार कभी खत्म न हो। डेक परिचित करने की दिशा में एयर चालक दल द्वारा क्रॉस डेक यात्राओं की भी योजना बनाई गई है।

अगले दो दिनों तक, पोर्ट ब्लेयर, भारतीय नौसेना पोतों रणविजय, सतपुरा, सह्याद्री, शक्ति, किर्च, कदमत, सुमेधा और सुकन्या के साथ आरएसएन पोतों, फॉर्मिडेबल, स्टेडफास्ट, यूनिटी, वेलिएंट और विगर की मेजबानी करेगा। दोनों देशों के समुद्री पेट्रोल विमान-भारतीय नौसेना का वर्सेटाइल पी81 और सिंगापुर से फोक्कर एफ50 पोर्ट ब्लेयर से बाहर खड़े होंगे। पोर्ट ब्लेयर पर स्थित लोकल फ्लोटिला पोत, अभ्यास के सुचारू संचालन की दिशा में अभ्यास क्षेत्रों सहित समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

आरएसएस स्वोर्डमैन, आर्चर क्लास पनडुब्बी और स्विफ्ट रेस्यु,  डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हीकल (डीएसआरवी) भी इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं। जबकि भारतीय नौसेना ने हाल ही में पश्चिमी समुद्र तट पर डीएसआरवी शामिल किया था और अपने पूर्वी समुद्र तट पर एक और शामिल करने के लिए तैयार है, यह विभिन्न नौसेनाओं के साथ अभ्यास करना जारी रखे हुए है और सर्वोत्तम प्रथाओं को एसिमिलेट कर रहा है साथ ही इंटरऑपरेबिलिटी को बढ़ा रहा है।

जटिलता और हथियारों की गोलीबारी के मामले में इस वर्ष समुद्र का अभ्यास अभूतपूर्व और अपने आप में सबसे बड़ा है। सिम्बेक्स-18 की ज्वाइंट फोर्स के कमांडर टास्क फोर्स, रियर एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, फलैग ऑफिसर कमांडिंग पूर्वी बेड़ा के अधीन सि फेज़ आयोजित किया जाएगा।  188 मिसाइल कार्वेट स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर वरिष्ठ लेफ्टिनेंट कर्नल हो जी किएन, पहले सि फेज़ के दौरान रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर नौसेना का नेतृत्व करेंगे और साथ ही डिप्टी टास्क ग्रुप  कमांडर भी होंगे।

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