जल सर्वेक्षण करने वाली पोत, भारतीय नौसेना पोत इन्वेस्टिगेटर को दक्षिणी नौसेना कमान, कोच्चि में शामिल किया गया
जल सर्वेक्षण करने वाली पोत, भारतीय नौसेना पोत इन्वेस्टिगेटर को दक्षिणी नौसेना कमान, कोच्चि में शामिल किया गया
अंडमान और निकोबार कमान में छह साल से अधिक का कार्यकाल पूरा करने के बाद जल सर्वेक्षण करने वाली एक पोत भारतीय नौसेना पोत इन्वेस्टिगेटर को अब फ्लैग ऑफिसर-कमांडिंग-इन-चीफ, दक्षिणी नौसेना कमान के तहत लाया गया है और इसकी तैनाती कोच्चि में की गई है। 29 मई, 2019 को कोच्चि में दक्षिणी बांध, नौसैनिक बेस पर उसका स्वागत रियर एडमिरल आरजे नाडकर्णी, एवीएसएम, वीएसएम, कर्मचारी प्रमुख, एसएनसी द्वारा किया गया।
1900 टन वजन वाली पोत को गार्डन रीच शिप बिल्डर्स, कलकत्ता में बनाया गया था और भारतीय नौसेना में इसकी पहली तैनाती 11 जनवरी, 1990 को की गई थी। पोत की कमान कमांडर आर अब्दुल रहमान को सौंपी गई है और इसमें 20 अधिकारी और 200 सैन्य-नाविक कार्यरत हैं। पोत में अत्याधुनिक सर्वेक्षण उपकरण लगे हुए हैं, जिसमें डीप सी मल्टीबीम इकोसाउंडर, सिंगल बीम इकोसाउंडर, साइड स्कैन सोनार और आधुनिक सर्वेक्षण सॉफ्टवेयर सूट शामिल हैं। उथले पानी में सर्वेक्षण पूरा करने के लिए उसमें 9.2 मीटर वाले चार सर्वे मोटर बोट (एसएमबी) हैं। पोत में सर्वेक्षण कार्यों में सहायता देने के लिए एक अभिन्न चेतक हेलीकाप्टर भी है। उसका मुख्य कार्य नौपरिवहन चार्ट बनाने के लिए जल सर्वेक्षण को पूरा करना है। पोत को युद्ध या अन्य आकस्मिकताओं के दौरान 40-बेड वाले अस्पताल पोत में बदला जा सकता है, यह इसका दूसरा कार्य है।
पोत इस प्रतिष्ठा को प्राप्त करने वाली पोतों में भारतीय जल सर्वेक्षण इतिहास में छठे स्थान पर है और अपने 29 वर्षों के कार्य में पोत ने भारतीय और विदेशी समुद्री में कई जल सर्वेक्षण किए हैं। उसके और उसके पूर्ववर्तियों, जिन्होंने लगभग तीन देशों में सर्वेक्षण किया है, के साथ भा नौ पो इन्वेस्टिगेटर को 'द लेजेंड' का नाम दिया गया है।