पुरी के निकट गाँवों में भारतीय नौसेना द्वारा राहत शिविरों और लंगरों की स्थापना

पुरी के निकट गाँवों में भारतीय नौसेना द्वारा राहत शिविरों और लंगरों की स्थापना

अत्यधिक गंभीर चक्रवात फनी के बाद पुरी के आसपास के सबसे अधिक प्रभावित गाँवों में तुरंत सहायता की आवश्यकता रखने वालों को राहत प्रदान करने हेतु, भारतीय नौसेना ने अपने अभिन्न हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल करते हुए तीन पोतों के साथ राहत कार्य जारी रखे। इन हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल उन क्षेत्रों में हवा से खाद्य पैकेट गिराने के लिए किया गया है जहाँ की सड़कें जलमग्न हो चुकी हैं या जहाँ पहुंचना संभव नहीं है। इसके अलावा, 05 मई 2019 से ही 1,000 लोगों के लिए पुरी के पेंताकोटा गाँव में राहत शिविर और लंगर स्थापित किए गए हैं। भा नौ पो चिल्का से पानी के बाउसरों का इस्तेमाल करते हुए छत्रगढ़ गाँव में 5,000 लीटर पीने योग्य पानी की आपूर्ति की गई। सड़क द्वारा विशाखापत्तनम से और 5,000 लीटर बोतलबंद पानी की आपूर्ति की जा रही है जिसके 05 मई 2019 तक आधी रात को राहत शिविर स्थल पहुँचने की उम्मीद है।

मंदिर प्रशासन के अनुरोध के आधार पर, कलीजय फ्लोटिंग जेट्टी के आसपास जमा हुई रेत, प्लास्टिक, अन्य कार्बनिक पदार्थों को हटाने के लिए भा नौ पो चिल्का से नौसेना की गोताखोरी टीम ने गोताखोरी कार्य आरंभ किया, और 05 मई 2015 को सुरक्षित संचालन के लिए जेट्टी का पानी के नीचे से आकलन किया। दो घंटे चली इस गतिविधि को विशेष उपकरणों के साथ छह गोताखोरों की टीम ने अंजाम दिया। चक्रवात के प्रभाव से प्रभावित पर्यटक नौकाओं को पार ले जाने के लिए तैरती हुई जेट्टी का इस्तेमाल किया गया। 100 किमी प्रति घंटा से अधिक गति की हवाओं ने बड़ी मात्रा में जेट्टी के आसपास रेत, प्लास्टिक, अन्य कार्बनिक पदार्थ जमा कर दिया था जिससे जेट्टी के आसपास अधिक ऊंचे ढांचे वाली बड़ी नौकाओं को पार ले जाना असंभव हो गया, जिससे द्वीप और मुख्य भूमि की कनेक्टिविटी बाधित हो गई।

चिकित्सा राहत प्रदान करने हेतु, नौसेना की चिकित्सा टीमों ने ओडिशा में छत्रगढ़ और जनकिया गाँव में चार स्थानों पर चिकित्सा शिविर स्थापित किए हैं। लगभग 150 लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान की गई है और ज़रूरतमंदों को दवाएं वितरित की गई हैं। चिकित्सा टीम ने ग्रामीणों को पानी जनित रोगों से बचने के उपायों पर भी जानकारी दी और स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याओं पर विचार-विमर्श किया। इन टीमों ने चक्रवात द्वारा प्रभावित फंसे हुए ग्रामीणों को भोजन का वितरण करने में भी सहायता दी।

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