सामान्य सेवा पदक
प्राधिकार
दिनांक 5 जून 50 की राष्ट्रपति सचिवालय अधिसूचना सं. 3-Pres/50.
पात्रता की शर्तें
सक्रिय सेवा की स्थिति या इसकी सदृश स्थितियों में सशस्त्र बलों द्वारा प्रदान की गई सेवाओं के लिए सम्मानित किया जाता है। उपयुक्त स्थिति में, इस प्रकार की प्रत्येक संक्रिया के लिए राष्ट्रपति की ओर से एक बकसुआ प्रदान किया जाएगा।
पात्रों की श्रेणियाँ
सेना, नौसेना, वायुसेना के साथ-साथ रिज़र्व बल, प्रादेशिक सेना, भारतीय राज्यों के सशस्त्र बल, रक्षक योद्धा अथवा विधि दवारा स्थापित किसी भी सशस्त्र बल के सभी रैंकों के पुरुष या महिला सैनिक व अधिकारी।
अस्पतालों एवं नर्सिंग से संबंधित मैट्रन, सिस्टर, नर्स तथा नर्सिंग व अन्य सेवाओं से जुड़े कर्मचारी। किसी सैन्य इकाई के अधिकृत संस्थापन/सशस्त्र बलों या भारतीय राज्य बलों के गठन से संलग्न असैनिक कर्मचारी, जो सामान्य सेवा के लिए (a) नामांकित हैं या (b) जिन्हें एक समान अधिकार प्राप्त हैं या (c) उत्तरदायी हैं।
पहली बार पदक के लिए योग्य समझे जाने वाले व्यक्ति को पदक के साथ एक बकसुआ से सम्मानित किया जाएगा, जो उसके द्वारा किए गए विशेष कार्य को दर्शाएगा। इसके बाद उसके द्वारा किए जाने वाले ऐसे प्रत्येक कार्य के लिए एक बकसुआ की स्वीकृति दी जाएगी, जो उसके द्वारा किए गए विशेष कार्य को दर्शाएगा। बकसुआ से जुड़ी पट्टी में संक्रिया का नाम अथवा स्थान का नाम उत्कीर्ण होगा।
पदक और रिबन की बनावट
पदक ताम्र-निकल से निर्मित इस गोलाकार पदक का व्यास 1.42 इंच होता है, जो मानक प्रतिमान के अलंकरणों से सुसज्जित होता है। इसके अग्र-भाग पर भवानी (दैवीय तलवार) निरूपित होती है, जो न्याय एवं वास्तविक विवेक-शक्ति को दर्शाती है। इसके पृष्ठभाग में ऊपर की तरफ "जनरल सर्विस", जबकि निचले हिस्से में "इंडिया" अंकित होता है। इसके बीच वाले हिस्से में पत्तियों एवं कलियों के साथ कमल का फूल उत्कीर्ण होता है।
रिबन 1.4 इंच की चौड़ाई वाला लाल रंग का रेशमी रिबन, हरे रंग की पाँच खड़ी धारियों द्वारा छह बराबर भागों में विभाजित होता है।