आईएनएस कोलकाता

आईएनएस कोलकाता

कोलकाता क्‍लास विध्वंसक, प्रसिद्ध परियोजना 15 'दिल्ली' क्‍लास के बाद का विध्‍वसंक है जिसे 1990 के उत्‍तरार्द्ध में सेवा में शामिल किया गया। भारतीय नौसेना अभिकल्‍पना निदेशालय द्वारा कल्पित एवं अभिकल्पित इस पोत का नाम भारत के प्रमुख बंदरगाह यथा कोलकाता, कोच्चि एवं चेन्‍नई पर रखा गया है।

कोलकाता पोत को 26 सितंबर, 2003 को समुद्र में उतारा गया था एवं इस पोत को 30 मार्च, 2006 को तैनात किया गया था। भारत में अभी तक निर्मित सबसे शक्तिशाली युद्धपोत के तौर पर सम्‍मानित इस विशालकाय पोत की लंबाई 164 मीटर एवं चौड़ाई लगभग 18 मीटर है एवं फुल लोड डिस्‍प्‍लेसमैंट7400 टन है।

अगस्‍त, 2014 को आईएनएस कोलकाता की तैनाती का समारोह

अगस्‍त, 2014 को आईएनएस कोलकाता की तैनाती का समारोह

इस पोत में एक कंबाइंड गैस एवं गैस (सीओजीएजी) प्रणोदन प्रणाली विद्यमान है जिसमें चार शक्तिशाली प्रतिवर्ती गैस टर्बाइन सम्मिलित हैं एवं 30 समुद्री मील से अधिक की गति से काम कर सकता है। इस पोत की इलेक्ट्रिक ऊर्जा चार गैस टर्बाइन जनरेटर एवं एक डीजल एल्‍टरनेटर द्वारा उपलब्‍ध कराई जाती है जो एक साथ मिलकर 4.5 मेगा वाट बिजली पैदा करते हैं जो एक छोटे शहर को रोशन करने के लिए पर्याप्‍त है। इस पोत में 30 अधिकारी एवं 300 नौसैनिक अपनी सेवाएं दे सकते हैं।

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