इंडिया-इंडोनेशिया कोऑर्डिनेटेड पैट्रोल का 33वां संस्करण पोर्टब्लेयर में शुरू

इंडिया-इंडोनेशिया कोऑर्डिनेटेड पैट्रोल का 33वां संस्करण पोर्टब्लेयर में शुरू

कमोडोर डेफिट संतोसो के नेतृत्व में इंडोनेशियन नेवल शिप केआरआई सुल्तान थाहा स्याईफुद्दीन और मेरीटाइम पैट्रोल एयरक्राफ्ट CN-235, 19 मार्च से लेकर 04 अप्रैल 2019 तक आयोजित इंडिया-इंडोनेशिया कोऑर्डिनेटेड पैट्रोल (आईएनडी-आईएनडीओ कोरपेट) के 33वें संस्करण के उद्घाटन समारोह के लिए पोर्टब्लेयर, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, भारत पहुंचे। 20 से 21 मार्च 2019 तक पोर्टब्लेयर में आयोजित होने वाले उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए, भारत में इंडोनेशिया के महामहिम राजदूत, श्री शिधरो रजा सूर्योदिपुरो भी पोर्टब्लेयर का दौरा करने जा रहे हैं। भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी, कमोडोर आशुतोष रिधोर्कर, वीएसएम नेवल कंपोनेंट कमांडर, अंडमान और निकोबार कमान द्वारा भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया जा रहा है।

दोनों देशों के पोत और विमान 236 समुद्री मील लंबी अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा से जुड़े पक्षों पर पैट्रोलिंग करेंगे। पैट्रोलिंग का काम 22 से 31 मार्च 2019 तक तीन चरणों में किया जाएगा। इसके बाद, 01 से 04 अप्रैल 2019 तक बेलावन, इंडोनेशिया में समापन समारोह आयोजित किया जाएगा।

द्विपक्षीय बैठक आईएनडी-इंडो कोरपेट श्रृंखला समुद्री क्षेत्र में अच्छे कमान को सुनिश्चित करने, पारस्पारिकता को बढ़ाने और भारत और इंडोनेशिया के बीच दोस्ती के मौजूदा बंधन को मजबूत बनाने के लिए मित्र समुद्री पडोसी देशों के साथ भारत की शांतिपूर्ण उपस्थिति और एकजुटता को रेखांकित करती है। पोर्टब्लेयर बंदरगाह पर ठहराव के दौरान बहुत सारी गतिविधियों की योजना बनाई गई है, जैसे कि, आधिकारिक कॉल, पोत पर औपचारिक स्वागत, दोनों नौसेनाओं के बीच खेल प्रतियोगिता, आगंतुकों के लिए पोत का खुला रखना और पेशेवर बातचीत।

क्षेत्र की समुद्री समस्याओं को समाप्त करने के लिए हाल के दिनों में भारतीय नौसेना की संपत्तियों में काफ़ी वृद्धि हुई है। इसके अलावा, भारत सरकार के सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) दृष्टिकोण के भाग के तौर पर, भारतीय नौसेना ने ईईजेड निगरानी, खोज और बचाव, और अन्य क्षमता निर्माण तथा क्षमता-वृद्धि गतिविधियों के साथ हिंद महासागर क्षेत्र में मौजूद देशों की सहायता की है। 33वां आईएनडी-इंडो कोरपेट भारत-इंडोनेशिया के राजनयिक संबंधों के 70 वर्षों का मेल-जोल भी है, जो आंतरिक पारस्पारिकता को मजबूत करने और पूरे समुद्र में मित्रता के बंधन को मजबूत बनाने के लिए भारतीय नौसेना के प्रयासों में योगदान देगा।

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