भारतीय नौसेना के पहले स्क्वाड्रन पोतों की जकार्ता की यात्रा
भारतीय नौसेना के पहले स्क्वाड्रन पोतों की जकार्ता की यात्रा
पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन (1टीएस), जिसमें भारतीय नौसेना के पोत तीर, सुजाता और शार्दूल शामिल हैं, ने 94वें एकीकृत अधिकारी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम (आईओटीसी) के लिए विदेशी तैनाती के रूप में इंडोनेशिया के जकार्ता की यात्रा की। यात्रा का उद्देश्य प्रशिक्षु अधिकारियों को विदेशी जल क्षेत्र में प्रचालन करने के लिए सुगम्य बनाना तथा विदेशी नौसेनाओं के साथ बातचीत करना, एवं भारत और इंडोनेशिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों तथा विदेशी सहयोग को भी मजबूत करना था। पोतों के आगमन पर उनका स्वागत मुख्य कैप्टेन एम सलीम नेवल बेस3 की गश्ती इकाई के कमांडर तथा जकार्ता, इंडोनेशिया में भारतीय प्रतिरक्षा अटैची ने किया। बंदरगाह गतिविधियों के रूप में, भारतीय दूतावास के उप प्रमुख, श्री प्रकाश गुप्ता ने तीर का दौरा किया तथा 1टीएस की भूमिका और इसके प्रशिक्षण कार्यक्रम की प्रशंसा की। 1टीएस पोतों के कमान अधिकारी ने एडमिरल यूडो मार्गोनो, कमांडर-इन-चीफ, वेस्टर्न फ्लीट कमांड तथा फर्स्ट एडमिरल इर्वन अच्माडी, कोलिनलामिल के कमान अधिकारी, कमांडर सीलिफ्ट फेसिलिटी, पैंगकोलिनलामिल से मुलाकात की। जकार्ता के 1टीएस द्वारा भारतीय शहीदों के लिए विशेष रूप से निर्दिष्ट स्थान पर एरेवेल्ड मेंटेंग पुलो वर्ल्ड वार II मेमोरियल में सेरेमोनियल गार्ड के साथ पुष्पाहार अर्पित करने संबंधी समारोह का आयोजन किया गया। भारतीय प्रवासियों, स्थानीय लोगों तथा गांधी मेमोरियल इंटरनेशनल स्कूल तथा ‘हज्जाह’ और ‘हस्माह नूर’ अनाथालयों के बच्चों ने भी भारतीय नौसेना के पोतों का दौरा किया। एचएडीआर सामग्री, जिसे जहाज पालू के सुनामी पीड़ितों की मदद के लिए लाए थे, उसे श्री प्रकाश गुप्ता द्वारा इंडोनेशियाई नौसेना को सौंपा गया।