आईएनएस कट्टाबोम्मन

INS Kattabomman

आईएनएस कट्टाबोम्मन

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

आईएनएस कट्टाबोम्मन की शुरुआत तत्कालीन राष्ट्रपति श्री आर वेंकटरमन द्वारा 20 अक्टूबर 1990 को हुई थी। बाद में इसका नाम प्रसिद्ध योद्धा राजा वीरा पांड्या कट्टाबोम्मन के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने ब्रिटिश राज से स्वतंत्रता के संघर्ष में अपने जीवन का बलिदान कर दिया। विशाल बेस में बहुत सारे अनोखे पेड़ों और फलों की पंक्तियों वाली वनस्पतियाँ हैं और अलग-अलग तरह के बहुत सारे जीव हैं। यहाँ हिरण, खरगोश, मोर और साइबेरिया के अलग-अलग तरह के प्रवासी पक्षी काफ़ी संख्या में है।

कार्य/भूमिका

आईएनएस कट्टाबोम्मन दक्षिण तमिलनाडु के तिरुनेलवेली के पास दक्षिण विजयनारायणम में स्थित प्रमुख संचार प्रतिष्ठान है। बेस की प्राथमिक भूमिका देश के हित में जहाजों और पनडुब्बियों को बहुत कम फ्रीक्वेंसी (वीएलएफ) स्पेक्ट्रम में निरंतर वैश्विक संचार लिंक प्रदान करना है। 22 किमी परिधि के अंदर 3000 एकड़ जमीन वाले बेस में वीएलएफ ट्रांसमिटिंग ग्रिड है, जो देश में इस तरह का इकलौता है। एंटीना संरचना में 6 बिन्दुओं वाले स्टार के रूप में 13 ऊँचे-ऊँचे केबल वाले स्टील के मस्तूल हैं। 301 मीटर सेंटर मस्तूल देश की तीसरी सबसे ऊंची संरचना है, जबकि शीर्ष दस में से 12वें रैंक पर है।

AntennaK

आईएनएस कट्टाबोम्मन जीवंत आत्मनिर्भर बेस है, जिसमें अधिकारियों, नाविकों और असैन्य-नागरिकों को संचालन के दौरान सुविधाजनक महसूस कराने का प्रयास किया जाता है। बेस में 2000 से अधिक कर्मियों और उनके परिवारों के लिए स्विमिंग पूल, टेनिस और अन्य खेल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, सिनेमा वाले ऑडिटोरियम, डाकघर, बच्चों के पार्क इत्यादि जैसी सुविधाएं हैं। एनडब्ल्यूडब्ल्यूए के तहत प्रतिष्ठान के भीतर और आसपास व्यापक पाठ्यक्रम और अतिरिक्त पाठ्यचर्या गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। कर्मी कल्याण कार्यक्रमों के माध्यम से तिरुनेलवेली, कन्याकुमारी और तुतीकोरिन जिलों के सोसाइटी तक भी फैले हुए हैं।

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