एनओआईसी (उड़ीसा)

पृष्ठभूमि

फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पूर्वी नौसेना कमान के परिचालन नियंत्रण के तहत कार्यरत नौसेना अधिकारी प्रभारी (उड़ीसा) को क्षेत्रीय नौसेना प्राधिकारी (जेडएनए) होने के नाते राज्य में सभी नौसेना संचालनों के संचालन/समन्वय के अलावा उड़ीसा तट के समुद्री रक्षा की जिम्मेदारियों को सौंपा गया है। नौसेना अधिकारी प्रभारी (उड़ीसा) का कार्य अब तक कमांडिंग ऑफिसर, आईएनएस चिल्का कर रहे थे।

उड़ीसा राज्य में बंगाल की खाड़ी से जुड़ने वाली पूर्वी तट की लगभग 250NM लंबी तट रेखा है। यहाँ अभी तीन प्रमुख बंदरगाह हैं: पारादीप, धामरा और गोपालपुर। उड़ीसा सरकार ने संभावित छोटे-छोटे बंदरगाहों के रूप में बहुत सारे स्थानों की पहचान की है। पारादीप बंदरगाह पूर्वी समुद्र तट पर डीप-वाटर वाणिज्यिक बंदरगाह है। नौसेना पोतों को अक्सर इस बंदरगाह पर बुलाया जाता है। नया डीप-वाटर बंदरगाह धामरा आने वाले समय में एन्विल पर नौसेना पोतों का परिचालानात्मक और इकलौता प्रवेश द्वार है। गोपालपुर बंदरगाह में अभी केवल लंगरगाह सुविधाएं ही उपलब्ध हैं।

एनओआईसी (उड़ीसा) चिल्का से संचालित करते हैं। फिलहाल, चिल्का को छोड़कर उनका कार्यक्षेत्र केवल दो अन्य यूनिट के लिए है जिसमें पारादीप पर एनएवी डीईटी और भुवनेश्वर में लायसन सेल शामिल है (सिविल एडमिनिस्ट्रेशन और सिक्योरिटी एजेंसियों के साथ संपर्क के लिए)। अभी बहुत सारे बुनियादी विकास परियोजनाएं एन्विल पर हैं।

पारादीप में एनएवी डीईटी

वर्ष 1999 में, उड़ीसा राज्य बहुत बड़े चक्रवात से तबाह हो गया था। इसमें लगभग दस हजार लोगों की मृत्यु हो गयी थी और लाखों लोग बेघर हो गए थे। इस बड़े चक्रवात में उड़ीसा के एकमात्र प्रमुख बंदरगाह पारादीप के पास लैंडफॉल हुआ था। भारतीय नौसेना ने पारादीप में बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराने और बंदरगाह के आसपास के गांवों के लोगों के पुनर्वास का कार्यभार संभाला। इस समय के दौरान लगभग 4664 वर्ग फीट क्षेत्र में राहत सामग्री के स्टोरेज के लिए एक गोदाम और दो कमरे वाले आवास भारतीय नौसेना को सौंपा गया था। पूरे वर्ष इस जगह को बसाने की आवश्यकता है और पोतों/पनडुब्बियों के ओटीआर के साथ-साथ मूल आधार पर राहत कार्यों का इंतज़ाम करने की आवश्यकता है)। संसाधन अभी आईएनएस चिलका से पाए जा रहे हैं।

भुवनेश्वर में नेवल लायसन सेल

बड़े चक्रवात के दौरान भारतीय नौसेना की भूमिका को देखते हुए राज्य सरकार ने सद्भावना दिखाते हुए नेवल लायसन सेल की स्थापना के लिए भुवनेश्वर की एक इमारत, बी-1, नयापल्ली आवंटित की थी। इसका उदघाटन 19 दिसंबर 2000 को उड़ीसा के मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक और उप नौसेना प्रमुख विनोद पसरीचा पीवीएसएम, एवीएसएम और बाद के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पूर्वी नौसेना कमान द्वारा संयुक्त रूप से किया गया और इसका नाम नेवल लायसन सेल रखा गया। तब से, कार्यालय का उपयोग अस्थायी संचालन केंद्र के रूप में होता है और यह नौसेना द्वारा किए गए कई आपदा राहत और बचाव अभियान के दौरान नौसेना और राज्य सरकार के बातचीत करने का स्थान बन गया है। विभिन्न भूमि अधिग्रहण मामलों की प्रगति के लिए मार्च 2011 में डिप्टी एनओआईसी (उड़ीसा) को नियुक्त किया गया। जो इसे भुवनेश्वर के एनएलसी से संचालित करते हैं।

नेवल एयर एन्क्लेव, भुवनेश्वर

भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर नेवल एयर एन्क्लेव (एनएई) की स्थापना कार्य तेजी से किया जा रहा है। किसी करीबी से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार ने एयरपोर्ट के निकट 2.99 एकड़ जमीन की पेशकश की है।

एफओबी, पारादीप

आईएन बंगाल की उत्तर/उत्तर-पूर्व खाड़ी में परिचालनों हेतु त्वरित प्रतिक्रिया के लिए हर तरह के मौसम वाला डीप-वाटर बंदरगाह पारादीप में फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (एफओबी) कार्य को आगे बढ़ा रहा है। आवश्यकता इस बात को भी जानने की है कि उड़ीसा राज्य गंभीर चक्रवात तूफान और बाढ़ का इलाका है, जहां नागरिकों की सुरक्षा के लिए अल्प अवधि सूचना पर नौसेना संसाधनों की आवश्यकता बड़े पैमाने पर है। पारादीप पोर्ट ट्रस्ट ने तीस साल की अवधि के लिए किराए पर 20 एकड़ जमीन की पेशकश की है। आईएचक्यू एमओडी (नौसेना) ने इसके अधिग्रहण के लिए मंजूरी दे दी है।

सागर प्रहरी बल

तटीय सुरक्षा कार्य के लिए एनओआईसी (उड़ीसा) के पास सागर प्रहरी बल का कार्य प्रगति में है।

उपलब्धियां

  • एनओआईसी (उड़ीसा) यूनिट ने जागरूकता के साथ-साथ तटीय सुरक्षा को बढ़ाने के लिए तटरक्षक, समुद्री पुलिस, कस्टम और मत्स्यपालन विभागों के साथ करीबी सहयोग के द्वारा उड़ीसा तट के साथ विभिन्न तटीय सुरक्षा अभ्यासों में सक्रिय रूप से भाग लिया है।
  • एनओआईसी (उड़ीसा) उड़ीसा राज्य में राहत और बचाव ऑपरेशन का कार्य जोरदार ढंग से कर रहा है और पिछले साल 11 सितंबर को कुल मिलाकर 53.3 टन राहत सामग्री बाढ़ राहत कार्यों के दौरान वायुयान द्वारा उपलब्ध कराई गई, जिससे बहुत सारे ज़रूरतमंदों को आवश्यक सहायता पहुंचाई गयी, इस कार्य से भारतीय नौसेना की छवि को ज़्यादा बेहतर बनाया है।
  • चिल्का ने 12 फरवरी को अपने क्लास III और IV कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान पारादीप बंदरगाह का प्रबंधन भी किया। यूनिट ने 26 सैन्य-नाविकों के दल को विभिन्न पदों पर नियुक्त किया और बंदरगाह पर सुचारु संचालन को सुनिश्चित किया। कार्य सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद पोर्ट ट्रस्ट द्वारा इस कार्य की सराहना की गई थी।
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