ईएनसी विशाखापट्टनम स्पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर

ईएनसी विशाखापट्टनम स्पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर

Eastern Naval Command, Visakhapatnam

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

एचएमआईएस सर्कार्स, सैन्य काफिलों के लिए असेंबली प्वाइंट था, जोकि ब्रिटिश औपनिवेशिक युग के दौरान 12 दिसंबर 1939 को विशाखापट्टनम में शुरू किया गया। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जापानियों ने सर्कार्स के रणनीतिक महत्व को समझा और 1942 में विशाखापट्टनम पर बमबारी की। जापान द्वारा बमबारी के एक साल बाद, अंग्रेजों ने विशाखापट्टनम में एक ऑर्डनेंस ट्रांजिट डिपो और रिपेयर यार्ड की स्थापना की।

भारत सरकार और नौसेना योजनाकारों ने आज़ादी के बाद, रणनीतिक स्थान, प्राकृतिक बंदरगाह और विशाखापट्टनम के यंग पोर्ट सिटी की विशाल विकास क्षमता को देखते हुए विशाखापट्टनम में पूर्वी नौसेना कमांड के मुख्यालय की स्थापना का फैसला किया, और 01 मार्च 1968 को इसकी स्थापना की गई। रियर एडमिरल केआर नायर, पीवीएसएम ने पहले फ्लेग आफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में इसका संचालन किया। बहुत सादा शुरुआत करने के बाद से, पूर्वी नौसेना कमांड ने कई परिवर्तन देखे और सबसे बड़े क्षेत्र की ज़िम्मेदारी का निर्वाह करते हुए एक कमांड बन गई है।

बेस रखरखाव इकाई (बीएमयू) जो अब बेड़े रखरखाव इकाई (एफएमयू) है, की स्थापना 1970 में की गई थी। इसके तुरंत बाद, 19 मई 1971 में आईएनएस विरबाहू को विशाखापट्टनम स्थित पनडुब्बियों के लिए शोर स्पोर्ट बेस के रूप में शुरू किया गया था। विरबाहू के शुरू होने के साथ ही, 8वें सबमरीन स्क्वाड्रन और फिर 11वें सबमरीन स्क्वाड्रन को भी विशाखापट्टनम में ही स्थापित किया गया। बेस रिपेयर यार्ड जो पहले स्थापित किया गया था, 1972 में नौसेना डॉकयार्ड में अपग्रेड किया गया। लगभग उसी दौरान, 23 दिसंबर 72 को आईएनएस सर्कार्स में 321 फ्लाइट की स्थापना की गई। 1943 में ब्रिटिश द्वारा शुरू की गई आईएनएस हुगली को आईएनएस नेताजी सुभाष के रूप में 05 जुलाई 1974 को पुनः नामित किया गया। भारतीय नौसेना की एयर आर्म जिसके पास विश्व का सबसे बड़ा एमआरएएसडब्ल्यू और सबसे तेज़ टर्बोप्रॉप हवाई जहाज़, 17 नवंबर 76 को अरक्कोणम स्थित आईएनएस राजली में शुरू किया गया।

21 माईन काउंटर मेजर्स वेसल स्क्वाड्रन का गठन विज़ाग में 07 जुलाई 1987 को हुआ और इसने रजत जयंती 2012 में मनाई। आईएनएस कलिंगा, मार्कोस (ई) एनएडी (वी) और एनएआई (वी) की इकाइयों के साथ 21 नवंबर 1985 को शुरू की गई। लगभग उसी समय स्वदेशी समुद्री गैस टरबाइन सुविधा के विचार की कल्पना की गई थी, इस स्वदेशी समुद्री गैस टरबाइन सुविधा का उद्घाटन 25 अगस्त 1988 को हुआ। आईएनएस एक्सीला 22 अक्टूबर 1991 को शुरू किया गया, नौसेना एयर स्टेशन देगा की स्थापना भी लगभग उसी दौरान 21 अक्टूबर 1991 को हुई।

एफओएसटी संगठन स्थापित किए जाने के फलस्वरूप 21 दिसंबर 92 को युद्धपोत कार्यशाला संगठन को स्थानीय कार्य दल (पूर्व) के रूप में पुन:संगठित किया गया। समुद्र में रणनीति का मूल्यांकन और सत्यापन करने के लिए, 10 सितंबर 93 को विज़ाग में एक एक्शन स्पीड टैक्टीकल ट्रेनर स्थापित किया गया।

पूर्वी नौसेना कमांड ने विशाखापट्टनम में सतही जहाजों, विमानों, पनडुब्बियों को निरंतर शामिल होते हुए देखा है। भविष्य में आईएसी II और कई अन्य जहाजों और विमानों का संचालन यहीं से होगा।

HQENC Building, Vizag

मुख्यालय ईएनसी भवन, विज़ाग

फोर्टरेस ईस्ट विशाखापट्टनम के पास प्राकृतिक बंदरगाह, एक रणनीतिक स्थान और यंग पोर्ट सिटी के साथ ही ज़बरदस्त विकास क्षमता थी जोकि पूर्वी बंदरगाह पर परिचालन कमांड के लिए बिल्कुल पर्याप्त थी। भारत सरकार और नौसेना के योजनाकारों ने बंगाल की खाड़ी में समुद्री हितों की देखरेख के लिए विशाखापट्टनम में पूर्वी नौसेना कमांड (ईएनसी) के मुख्यालय को स्थापित करने का सही फैसला लिया। ईएनसी की स्थापना 01 मार्च 1968 को हुई और रियर एडमिरल केआर नायर, पीवीएसएम इसके पहले फ्लैग आफिसर थे।

बल की प्रतिष्ठा को माना जाना चाहिए

एक सादी शुरुआत करके, यह कमांड भारतीय नौसेना की एक मज़बूत इकाई के रूप में उभर कर आया है जिसने विभिन्न संचालनों में अपनी शूरता साबित की है। आज, एक शक्तिशाली पूर्वी बेड़े की संयुक्त शक्ति के रूप में, विकट फ्लोटिला, प्रबल पनडुब्बी शक्ति, एक सर्वव्यापी वायु शक्ति, एक बहुउपयोगी नौसेना डॉकयार्ड, और पूर्वी तट के साथ फैली कई इकाइयां भारत की समुद्री नीति के लिए संकालन का कार्य कर रही हैं।

Back to Top