अल फैटन चालक दल बचाव के लिए भारतीय नौसेना
अल फैटन चालक दल बचाव के लिए भारतीय नौसेना
एलेप्पी के लगभग 10 समुद्री मील दक्षिण में थोटापिली समुद्र तट के पास भूतल में फंसे चलायमान बंदरगाह अल फैटन के इंडोनेशियाई स्ट्रैंडेड समूह के दो सदस्यों को दक्षिणी नौसेना कमान (एसएनसी) के एक एडवांसड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) द्वारा बचाया गया था और उन्हें 17 जुलाई 2018 को कोच्ची में नवल एयर स्टेशन, भा.नौ.पो गरुडा में लाया गया। नौसेना का ये प्रयास 16 जुलाई 2018 को देर रात को फंसे हुए चलायमान बंदरगाह से आई संकट की जानकारी मिलने के बाद किया गया, जानकारी यह थी कि ये जहाज अपने खींचने वाले रस्से से अलग होने के बाद बह गया था और इसके चालक दल के दो सदस्यों, श्री स्टीवन एड्रियन वनी और श्री ब्रायन लुबु को तत्काल बचाना जरूरी था। ये रस्सा और बंदरगाह अबू धाबी में पंजीकृत हैं।
निरंतर तेज तूफान के बावजूद पायलट-इन-कमांड लेफ्टिनेंट कमांडर विनोथ डी और सह-पायलट कपिल अग्रवाल के साथ आइएनएस गरुडा की आइएनएस 322 की टुकड़ी की एलएच 0700 बजे सहायता के लिए गई। वायुयान का फंसे हुए चालक दल के साथ रेडियो संचार स्थापित होने के बाद उनको बचाव की जानकारी दी जाती रही, अपनी बचाव बास्केट, विकसित परीक्षण और हाल ही में एडवांसड लाइट हेलीकॉप्टर में लगाए गए बचाव उपकरण का इस्तेमाल करते हुए उन्हें ऊपर चढ़ाया गया।
इस बचाव ऑपरेशन चुनौतीपूर्ण प्रतिकूल मौसम की स्थिति में जिसमें 25 नॉट की गति से हवा और भारी बारिश के साथ-साथ भारी समुद्री तूफान की उपस्थिति में किया गया, जिसके कारण बंदरगाह की स्थिति डगडमाती रही तथा इसके साथ ही मनोव्यूरेबल जगह के कारण कई बाधाएं भी उत्पन्न होती रही। पायलट के उच्च कौशल और एकाग्रता के साथ-साथ रेसक्यू बास्केट की बेहतर प्रभावकारिता के कारण दोनों चालकदल के सदस्यों को एक साथ ऊपर खींचना सक्षम हुआ, जिसके कारण पाइलोन्स के बीच उन्हें कम समय ही रूकना पड़ा।
बचाए गए कर्मियों को कोच्ची में वापस लाया गया और उन्हें तटरक्षक के पास आप्रवास और अन्य औपचारिकताओं को समायोजित करने के लिए सौंप दिया गया।