भारतीय नौसेना का खोज और बचाव ऑपरेशन
भारतीय नौसेना का खोज और बचाव ऑपरेशन
बहुत ही गंभीर चक्रवात तूफान 'ओक्खि' आने के बाद दक्षिणपूर्व अरब सागर और लक्षद्वीप एवं मिनिकॉय द्वीपों पर भारतीय नौसेना के खोज और बचाव परिचालन को तीसरे दिन के लिए जारी रखा गया। पोतों को दक्षिणी नौसेना कमांड द्वारा परिनियोजित किया गया, जिसमें आईएन पोतों सागरध्वनि, जमुना, निरीक्षक, केरल तट पर स्थित कबरा तथा कालपेनी और लक्षद्वीप द्वीपों पर स्थित शारदा, शार्दुल शामिल हैं। इसके अलावा तीन वायु-यान, स्थिर पंख वाला वायु-यान डोर्निएर, सीकिंग हेलिकॉप्टर (एसके) और एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (एएलएच) भी पूरे दिन परिनियोजित किए गए थे।
कुल 84 लोगों को पिछले दो दिनों में बचाया गया जिनमें वायु-यानों द्वारा 62 और पोतों द्वारा 22 शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, दो मृत शरीरों को भी आईएनएस सागरध्वनि द्वारा प्राप्त करने के बाद एएलएच से थिरुवनंतपुरम भेजा गया।
नौसेना वायु-यान द्वारा बचाए गए 62 लोगों में से 8 लोगों को कोची के क्रमशः 20 समुद्री मील दक्षिणपश्चिम और 80 समुद्री मील पश्चिम से ढूँढने के बाद 04 के समूह में कोची भेजा गया था। उन्हें कोची में उतारकर नागरिक प्रशासन को सौंपने से पहले आईएनएस गरुड़ के नौसेना क्लिनिक में प्राथमिक उपचार दिया गया। बचाए गए बाकी लोगों को थिरुवनंतपुरम भेजा गया है।
कोची के आईएनएस शार्दुल को मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) "ब्रिक्स" के साथ मिनिकॉय द्वीपों की ओर भेजा गया है, एचएडीआर में पानी, सूखा भोजन, चिकित्सीय उपकरण, कंबल, डाइविंग टीम, जनरेटर, बचाव उपकरण, विलवणीकरण और निर्जलीकरण किट, डाइविंग समूह और उनका चेतक हेलिकॉप्टर शामिल है। राहत सामग्री से सात दिनों तक 2000 लोगों की आवश्यकताएँ पूरी हो जाएँगी। आईएनएस शारदा को 500 लोगों के लिए सात से अधिक दिनों तक के लिए पर्याप्त एचएडीआर सामग्री कवारत्ती द्वीपों की ओर भेजा जा रहा है। पोत द्वारा द्वीपों पर कार्यवाही शुरू करने के बाद खराब रास्ते में पलटे हुए नाव से नौ लोगों को बचाया गया।
नौसेना पोतों, आईएनएस चेन्नई, कोलकाता और त्रिकांड को भी लगभग 5000 लोगों के लिए पर्याप्त एचएडीआर सामग्री के साथ लक्षद्वीप और मिनिकॉय (एलएएम) द्वीपों पर मुंबई से भेजा गया और ये सामग्रियाँ सात से अधिक दिनों तक चलेंगी। एंड्रोथ और कवारत्ती को 5-6 की समुद्री स्थिति के साथ 3-4 मीटर के ऊँचे लहरों में 40-60 समुद्री मील वाले तेज हवाओं का सामना करना पड़ रहा है। सभी पोत को कल सुबह एलएएम पहुंचने की उम्मीद है।
कोची के वायु-यान के अतिरिक्त, अधिक पहुंच वाले अरक्कोनम के P8I वायु-यान का उपयोग नौकायन पोतों पर आवश्यक सतर्कता को बनाए रखने और उपलब्ध होने पर जानकारी प्रदान करने के लिए हो रहा है। कोची के डोर्निएर की निगरानी लगातार वायु-यान के उपयोग से तट के नजदीकी क्षेत्रों में की जाएगी।