भारतीय युद्धपोतों की कैम रान्ह बे, वियतनाम यात्रा (30 मई - 03 जून 16)
भारतीय युद्धपोतों की कैम रान्ह बे, वियतनाम यात्रा (30 मई - 03 जून 16)
भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ तथा भारतीय नौसेना के बढ़ते कदमों एवं परिचालनात्मक दायरे के विस्तार की अभिव्यक्ति के तौर पर, दक्षिण चीन सागर और पश्चिमी प्रशांत में पूर्वी बेड़े की तैनाती के भाग के रूप में भारतीय नौसेना के जहाज सतपुड़ा और किर्च आज पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर, रियर एडमिरल एस. वी. भोकारे, वाईएसएम, एमएम की अगुवाई में चार दिवसीय यात्रा पर कैम रान्ह बे, वियतनाम पहुंचे।
इस यात्रा के दौरान, दोनों सेनाओं के बीच आपसी सहयोग को बेहतर बनाने के लिए भारतीय नौसेना के पोत तथा वियतनाम की नौसेना के बीच पेशेवर स्तर की वार्ता होगी। इसके अलावा, दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच आपसी समझ और संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से सरकार एवं सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुलाकात, खेल एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन तथा बेहतर कार्यप्रणाली को साझा करने की योजना भी बनाई गई है। कैम रान्ह बे से प्रस्थान के बाद सभी जहाज वियतनाम की नौसेना के साथ एक अभ्यास में भाग लेंगे, जिसका उद्देश्य संचार के साथ-साथ खोज एवं बचाव प्रक्रियाओं में अन्तरसंक्रियता को बेहतर बनाना है। आईएनएस सतपुड़ा की कमान कैप्टन ए. एन. प्रमोद के हाथों में है, जबकि आईएनएस किर्च की कमान कमांडर शरद सिंशुन्वाल के हाथों में है।
कैम रान्ह बे बंदरगाह में सुरक्षित आईएनएस सतपुड़ा के साथ आईएनएस किर्च का प्रवेश
भारत और वियतनाम के बीच दूसरी शताब्दी से ही सशक्त मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं, जो सांस्कृतिक, धार्मिक एवं आर्थिक संबंधों पर आधारित हैं। भारतीय सभ्यता-संस्कृति का प्रभाव, दोनों राष्ट्रों के बीच के ऐतिहासिक संबंधों में स्पष्ट तौर पर दिखाई देता है। हाल के दिनों में जीवंत आर्थिक संबंधों तथा सुरक्षा के मुद्दों पर बढ़ते अभिसरण के कारण भारत-वियतनाम के बीच के रिश्ते और भी मजबूत हुए हैं। आज भारत वियतनाम के शीर्ष दस व्यापारिक भागीदारों में से एक है। अभूतपूर्व सभ्यतावादी दृष्टिकोण पर आधारित मीकांग-गंगा सहयोग पहल से इस क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को काफी प्रोत्साहन मिलेगा।
पृष्ठभूमि में जापानी युद्धपोत "उरागा" के साथ एफओसीईएफ, आईएनएस किर्च और वियतनामी मीडिया के बीच संवाद
भारतीय नौसेना और वियतनामी नौसेना के बीच क्षमता निर्माण के उद्देश्य से प्रशिक्षण, मरम्मत रखरखाव तथा रसद समर्थन के क्षेत्र में व्यापक स्तर की वार्ता हुई है। बंदरगाहों के पारस्परिक दौरे, उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडलों की यात्राओं तथा प्रशिक्षण के आदान-प्रदान से दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच सहयोग को बल मिला है। आखिरी बार किसी भारतीय जहाज ने अक्टूबर 2015 में वियतनाम की यात्रा की थी, जब सह्याद्री का दा नांग में आगमन हुआ था।
कैम रान्ह बे, वियतनाम के तट पर मौजूद आईएनएस सतपुड़ा पर वियतनामी स्वागत दल
मौजूदा यात्रा से भारतीय नौसेना और वियतनामी नौसेना के बीच समुद्रिक सहयोग को प्रोत्साहन मिला है। इससे आने वाले दिनों में भारत और वियतनाम के बीच के मैत्रीपूर्ण संबंध और भी मजबूत होंगे तथा और दुनिया के इस महत्वपूर्ण भाग में सुरक्षा एवं स्थायित्व को बरकरार रखने में मदद मिलेगी।