विदेशी परिनियोजन के दौरान प्रथम प्रशिक्षण बेड़े की सेशल्स यात्रा
आईएनएस तीर का पोर्ट विक्टोरिया बंदरगाह में प्रवेश
प्रथम प्रशिक्षण बेड़े में शामिल भारतीय तटरक्षक बल के पोत वरुण सहित भारतीय नौसेना के जहाज तीर एवं सुजाता ने शरत्कालीन सत्र- 15 के दौरान विदेशी परियोजन के एक भाग के तौर पर 1 अक्टूबर 15 को पोर्ट विक्टोरिया, सेशेल्स में प्रवेश किया। सभी जहाज 4 अक्टूबर तक बंदरगाह में मौजूद रहेंगे और 9 अक्टूबर 15 को दो दिनों के प्रवास हेतु पुनः प्रवेश करेंगे।
अपने-अपने जहाजों के हेलो डेक पर वर्दीधारी सैन्यकर्मी
प्रथम प्रशिक्षण बेड़ा दक्षिणी नौसेना कमान (एसएनसी) का अंग है और इसमें भारतीय नौसेना के जहाज तीर, सुजाता, शार्दुल, आईसीजीएस वरुण और दो नौकायन प्रशिक्षण जहाज सुदर्शनी एवं तरंगिनी शामिल हैं। ये सभी भारत में निर्मित हैं। प्रथम प्रशिक्षण बेड़े का प्राथमिक लक्ष्य नौसेना और तटरक्षक बल के प्रशिक्षुओं को समुद्रिक प्रशिक्षण देना (24 सप्ताह की अवधि के भीतर) है। सभी प्रशिक्षुओं को समुद्र के कठोर जीवन का अनुभव कराते हुए नाविक कला, नौ-संचालन, पोत चालन, नौका संबंधी कार्यों, तकनीकी पहलुओं, आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि उनमें समुद्रिक तौर तरीकों में ढल पाने की क्षमता विकसित हो सके।
समुद्री प्रशिक्षुओं की नौवहन अकादमी यात्रा
दक्षिणी नौसेना कमान (एसएनसी) भारतीय नौसेना की प्रशिक्षण कमान है, जो भारतीय नौसेना के अधिकारियों एवं नाविकों को बुनियादी तथा अत्याधुनिक प्रशिक्षण प्रदान करती है। वर्तमान में वाइस एडमिरल सुनील लांबा, पीवीएसएम, एवीएसएम दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ हैं। भारतीय नौसेना मित्र देशों के कर्मियों को चार दशक से भी अधिक समय से प्रशिक्षण प्रदान कर रही है, जिसके तहत 40 से ज्यादा देशों के 13,000 से अधिक कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। प्रगतिशील रणनीति और तकनीकों के निरंतर अनुकूलन के माध्यम से उच्च गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भारतीय नौसेना के केंद्रित दृष्टिकोण ने इसे बेहतरीन प्रशिक्षण स्थलों में से एक के तौर पर प्रतिष्ठित किया है।
आईएनएस तीर पर संवाददाता सम्मेलन
भारत और सेशेल्स के घनिष्ठ एवं दीर्घकालिक संबंधों की शुरुआत 36 वर्ष पूर्व हुई थी, जिसमें विभिन्न प्रकार की गतिविधियां एवं व्यापक स्तर पर वार्ता शामिल हैं। हाल के वर्षों में दोनों के बीच संबंध और मजबूत हुए हैं। भारत और सेशेल्स के लोगों के बीच करीबी सांस्कृतिक संबंध रहे हैं जो लोकतांत्रिक एवं बहुलवादी समाज का दृष्टिकोण साझा करते हैं। सेशेल्स सरकार से प्राप्त अनुरोध के आधार पर, सेशेल्स एवं इसकी निकटवर्ती जल सीमा में अनन्य आर्थिक क्षेत्र की निगरानी तथा इसकी समुद्रिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए भारतीय नौसेना के जहाजों की नियमित रूप से तैनाती की जाती है। इस प्रकार के परिनियोजन से संक्रियात्मक एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों के व्यापक अवसर उपलब्ध होते हैं, साथ ही समुद्र में बेहतर व्यवस्था कायम रखने में मदद मिलती है। सेशल्स में प्रथम प्रशिक्षण बेड़े के मौजूदा परिनियोजन से दोनों देशों तथा दोनों नौसेनाओं के बीच के संबंध और भी सुदृढ़ होंगे। प्रथम प्रशिक्षण बेड़े के वरिष्ठ अधिकारी, कैप्टन एस. आर. अय्यर आईएनएस तीर पर मौजूद हैं।
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