ब्रुनेई और सिंगापुर में समुद्रिक सुरक्षा एवं आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एडीएमएम प्लस अभ्यास
ब्रुनेई और सिंगापुर में समुद्रिक सुरक्षा एवं आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एडीएमएम प्लस अभ्यास
व्यापारिक घाट पर आईएनएस ऐरावत
भारत-प्रशांत में समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने के लिए भारत की 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' और भारतीय नौसेना के निरंतर प्रयास के साथ, भारतीय नौसेना पोत (आईएनएस) ऐरावत 01 मई 16 को ब्रूनेई पहुंची। पोत 01 से 09 मई 16 तक समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद के मुकाबला (एक्स एमएस एंड सीटी) पर एडीएमएम प्लस (एएसईएएन डिफेन्स मिनिटर मीटिंग प्लस) अभ्यास में भाग लेगी।
भारतीय पोत एडीएमएम देशों द्वारा आयोजित समुद्री अभ्यास में नियमित भागीदार रहा है। एडीएमएम प्लस एक्स एमएस एंड सीटी एडीएमएम प्लस संघ के संरक्षण के अंतर्गत बहुराष्ट्रीय अभ्यास है। मौजूदा संस्करण दक्षिणी चीन सागर में अनेक प्रशिक्षण और अभ्यास के साथ ब्रूनेई में आरंभ होगा और सिंगापुर में समाप्त होगा। अभ्यास के दौरान, भारतीय नौसेना समुद्र में बंदरगाह और जटिल परिचालनों में व्यापारिक वार्ता के जरिए ब्रूनेई, सिंगापुर, इंडोनेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, वियतनाम, मलेशिया, म्यांमार, चीन, जापान, रूस, ऑस्ट्रेलिया, कोरिया गणराज्य और अमेरिका के भागीदार नौसेनाओं के साथ जुड़ेगी।
भारत के एएसईएएन देशों के साथ पुराने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं जो हाल ही में जीवंत आर्थिक जुड़ाव द्वारा और साझा किए गए समुद्री डेस्टिनी की समझ को बढ़ाते हुए मजबूत हुए हैं। पिछले कुछ समय में, प्रत्येक बीते हुए वर्ष में बढ़ती हुए ट्रेंड को देखते हुए द्विपक्षीय व्यापार के साथ एसईएएन भारत के सबसे बड़े व्यापार भागीदारों में से एक बन गया है। ईस्ट एशिया समिट (ईएएस) की मजबूती के लिए भारत की सहायता के साथ-साथ एएसईएएन रीजनल फोरम (एआरएफ) और एएसईएएन डिफेन्स मिनिस्टर मीटिंग प्लस (एडीएमएम प्लस) नामक अनेक एएसईएएन मशीनीकरण में भारत के सक्रिय और सकारात्मक योगदान को प्रायः एएसईएएन के सदस्य देशों द्वारा जाना जाता रहा है। जकार्ता में एएसईएएन के लिए भारतीय मिशन की स्थापना को एएसईएएन की ओर भारत की प्रतिबद्धता के प्रमाण रूप में देखा जा सकता है।
भारतीय नौसेना और एएसईएएन देशों की नौसेनाओं में हमारी साझा की गई समुद्री सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए हिन्द महासागर और पश्चिमी प्रशांत में शांति और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए आपसी संबंध है। एडीएमएम प्लस एक्स एमएस एंड सीटी का लक्ष्य समुद्री सुरक्षा समस्याओं और समुद्र में आतंकवाद को रोकने के लिए सुव्यवस्थित प्रशिक्षण के संबंध में परस्पर समझ को बढ़ाना है। आईएनएस ऐरावत की भागीदारी का लक्ष्य भारत के संबंधों की रक्षा करना और सहभागी नौसेनाओं के साथ अंतरसंक्रियता को बढ़ाना है।
कमांडर जयंत महादिक द्वारा चलाई जाने वाली आईएनएस ऐरावत लैंडिंग शिप टैंक (बड़ी) है, जिसका डिज़ाइन और निर्माण जीआरएसई, कोलकाता में स्वदेशी रूप से हुआ है। 19 मई 09 को यह पोत भारतीय नौसेना शामिल हुई थी, इसकी लिफ्ट क्षमता 500 सैनिकों, 10 टैंक और 11 लड़ाकू ट्रक है, जो उसे उभयचर परिचालनों से लेकर मानवीय सहायता और विपदा राहत (एचएडीआर) तक अनेक प्रकार के मिशन में प्रभावी रूप से कार्य करने में सक्षम बनाता है। अभिन्न हेलिकॉप्टर महत्वपूर्ण रूप से पोत की क्षमता को बढ़ाता है।
एडीएमएम प्लस एक्स एमएस एंड सीटी में आईएनएस ऐरावत की सहभागिता क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण रूप से योगदान देने के साथ-साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंधों और भारत तथा एएसईएएन देशों के बीच व्यापक समुद्री वार्ता को अधिक मजबूती प्रदान करेगी।
आईएनएस ऐरावत पर स्वागत समारोह
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