संकल्पना और उद्देश्य

संकल्पना. उपकरणों और पुर्जों की चढ़ती आयात लागतों तथा दीर्घकालिक आधार पर दूसरे देशों द्वारा प्रतिबंध/तकनीक के लिए मना करने की समस्या का सामना करने के लिए, नौसेना ने बौद्धिक सम्पदा अधिकार (आईपीआर) दायरे में स्वदेशीय विकास मार्ग के द्वारा अपनी महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों के रखरखाव और समर्थन करने में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए लक्ष्य बनाया है।

नए जहाज/पनडुब्बी निर्माण कार्यक्रम तथा हमारे सेवारत जहाज/पनडुब्बी के रखरखाव के लिए प्रणालियों के स्वदेशीकरण के लिए उपकरणों और प्रणालियों के घरेलू विकास हेतु आवश्यक तकनीकी सक्षमता और प्रक्रियाओं को प्राप्त करना तथा विकसित करना। यह जटिल क्षमता निर्माण व्यापक रूप से भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल तथा भारतीय प्रतिरक्षा उद्योगों के साथ दीर्घकालिक साझेदारी को बढ़ावा देने पर निर्भर है। भारतीय नौसेना ने पूर्ण आत्मनिर्भरता के लिए इस क्षमता को हासिल करने के लिए एक तंत्र तैयार किया है।

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