विशेष सेवा पदक

Special Seva Medal

प्राधिकार

राष्ट्रपति सचिवालय अधिसूचना सं. 8-Pres/86 दिनांक 03 फरवरी 1986, 65-Pres/89 दिनांक 20 जुलाई 1989 80-Pres/89 दिनांक 19 अक्टूबर 1989, 52-Pres/90 दिनांक 06 जून 1990, 169-Pres/95 दिनांक 03 अगस्त 95 तथा रक्षा मंत्रालय सं. 3(11)/92/D(विधि) दिनांक 25 अक्टूबर 1995

पात्रता की शर्तें

सक्रिय सेवा की स्थिति या इसके सदृश स्थितियों में सशस्त्र बलों द्वारा प्रदान की गई सेवाओं के लिए इस पदक से सम्मानित किया जाएगा। छोटे, अल्पकालिक संक्रिया के लिए इस पदक से सम्मानित किया जाएगा।

पहली बार पदक के लिए योग्य समझे जाने वाले व्यक्ति को पदक के साथ एक बकसुआ से सम्मानित किया जाएगा, जो उसके द्वारा किए गए विशेष कार्य को दर्शाएगा। इसके बाद उसके द्वारा किए जाने वाले ऐसे प्रत्येक कार्य के लिए एक बकसुआ की स्वीकृति दी जाएगी, जो उसके द्वारा किए गए विशेष कार्य को दर्शाएगा। बकसुआ से जुड़ी पट्टी में संक्रिया का नाम अथवा स्थान का नाम उत्कीर्ण होगा।

पात्रता की शर्तें

किसी संक्रिया अथवा किसी प्रदेश के अधिकृत क्षेत्र या प्रत्येक संक्रिया के लिए पृथक तौर पर निर्दिष्ट समय सीमा में सेवारत कर्मियों की निम्नलिखित श्रेणियों को इस पुरस्कार के योग्य समझा जाएगा।

  • सेना, नौसेना, वायुसेना के साथ-साथ रिज़र्व बल, प्रादेशिक सेना, और रक्षक योद्धा के सभी रैंकों के कर्मी तथा जीवन के सभी क्षेत्रों के पुरुष या महिलाएँ।
  • विधि दवारा स्थापित कोई भी अन्य सशस्त्र बल और सुरक्षा बल, जो नियमित सशस्त्र बलों के परिचालन नियंत्रण के तहत सेवारत हैं।

पदक और रिबन की बनावट

पदक ताम्र-निकल से निर्मित यह पदक अष्टकोणीय होता है जिसका व्यास 35 मिमी होता है, और इसे नियत साज़-सामान के साथ एक सपाट क्षैतिज पट्टी में फिट किया जाता है। इसके अग्र-भाग पर "बाज पक्षी" का प्रतिरूप उत्कीर्ण होता है, जबकि इसके पृष्ठभाग पर आदर्श वाक्य के साथ राजकीय चिह्न एवं "स्पेशल सेवा मेडल" बना होता है।

रिबन इस पदक को सीने पर बाईं ओर रेशमी रिबन की मदद से धारण किया जाता है, जिसकी चौड़ाई 32 मिमी होती है। यह रिबन 8 मिमी, 16 मिमी और 8 मिमी के तीन हिस्सों में क्रमशः लाल, स्टील ग्रे और लाल रंगों में विभक्त होता है।

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