सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक
प्राधिकार
दिनांक 26 जून,1980 की राष्ट्रपति सचिवालय अधिसूचना सं. 40-राष्ट्र./80.
पात्रता की शर्तें
युद्ध/संघर्ष/युद्धस्थिति के दौरान सबसे असाधारण आदेश की विशिष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया जाता है। यह सम्मान मरणोपरांत भी दिया जा सकता है।
पात्रों की श्रेणियाँ
सेना, नौसेना, वायुसेना के साथ-साथ प्रादेशिक सेना की टुकड़ियां अतिरिक्त सैन्य बल एवं रिजर्व बल, अथवा विधि दवारा स्थापित किसी भी सशस्त्र बल के सभी रैंकों के सैनिक व अधिकारी।
सशस्त्र सैन्य बलों में कार्यरत नर्सिंग अधिकारी तथा नर्सिंग सेवा से जुड़े अन्य सदस्य।
पदक और रिबन की बनावट
पदक: यह पदक गोलाकार होता है जिसका व्यास 35 मिमी होता है, और इसे नियत साज़-सामान के साथ एक सपाट क्षैतिज पट्टी में फिट किया जाता है। इस पदक पर सोने की परत चढ़ाई जाती है। इसके अग्र-भाग पर राज्य-चिह्न तथा हिंदी एवं अंग्रेजी भाषाओं में उत्कीर्णन होता है। इसके पृष्ठभाग पर पाँच बिंदुओं वाला एक सितारा बना होता है।
रिबन: इसका रिबन सुनहरे रंग का होता है जो लाल रंग की खड़ी रेखा द्वारा दो बराबर भागों में विभाजित होता है।
पदक के लिए पट्टी: अगर किसी पदक प्राप्तकर्ता को एक बार फिर इस पदक से सम्मानित किया जाता है, तो इस प्रकार के प्रत्येक पुरस्कार के लिए उसे एक पट्टी से सम्मानित किया जाएगा, जिसे पदक से संलग्न रिबन से जोड़ा जाएगा। प्रत्येक ऐसी पट्टी के लिए, सरकार द्वारा अनुमोदित प्रतिरूप के लघु प्रतीक चिह्न को रिबन में जोड़ा जाएगा।