रक्षा पदक 1965

Raksha Medal 1965

प्राधिकार

राष्ट्रपति सचिवालय अधिसूचना सं 14-Pres/65 दिनांक 26 जनवरी 67, जो अधिसूचना संख्या 73-Pres/71 दिनांक 14 दिसंबर 71 के अनुसार संशोधित है।

पात्रता की शर्तें एवं पात्रों की श्रेणियाँ

  • 5 अगस्त 65 को सशस्त्र बलों में प्रभावी कार्यभार संभालने वाले सभी सशस्त्र बलों के कर्मी, जिन्होंने उस तिथि तक 180 दिन या इससे अधिक के लिए सेवा प्रदान की।
  • सेना के संचालन नियंत्रण में सेवारत अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियों के सभी कर्मी, जिन्होंने 5 अगस्त 65 तक 180 दिन या इससे अधिक के लिए सेवा प्रदान की।
  • संक्रियात्मक रूप से प्रतिबद्ध अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियों के सभी कर्मी, जो समर सेवा स्टार 1965 के लिए अर्हक समझे जाने वाले क्षेत्र में कार्यरत थे, जो सेवा की अवधि से संबंधित शर्तों को पूरा किए जाने के अधीन है, क्योंकि (बी) उपरोक्त पदक से मरणोपरांत सम्मानित किया जा सकता है।

पदक और रिबन की बनावट

पदक: ताम्र-निकल से निर्मित इस गोलाकार पदक का व्यास 35 मिमी होता है। इसके अग्र-भाग पर 22 मिमी की लंबाई का राजकीय चिह्न बना होता है। इसके पृष्ठभाग पर केंद्र में उगता हुआ सूर्य और इसके नीचे दोनों तरफ जयपत्र की लड़ी बनी होती है तथा ऊपर की तरफ पदक का नाम उत्कीर्ण होता है।

रिबन: यह नारंगी रंग का होता है, जो 3 मिमी की चौड़ाई वाली लाल, गहरी नीली और हल्की नीली रंग की खड़ी धारियों द्वारा चार बराबर भागों में विभक्त होता है। यह सम्मान मरणोपरांत दिया जा सकता है।

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