कामोव 28
आईएनएएस 333 –ईगल
आईएनएएस 333 का कमीशन 11 दिसंबर, 1980 को गोवा में वाइस एडमिरल ओ पी डॉवसन, पीवीएसएम, एवीएसएम ने किया था। इस स्क्वाड्रन के क्रेस्ट में दो आड़े-तिरछे रोटारों की पृष्ठभूमि में एक गिद्ध जिसने अपने पंजे में टारपीडो को जकड़ा हुआ है, दर्शाया गया है। आईएनएस 333 का कमीशन कामोव 25 हेलीकॉप्टरों के साथ ही किया गया था एवं यह एक समर्पित एएसडब्ल्यू हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन है। कामोव 28 हेलीकाप्टर, स्क्वाड्रन में वर्ष 1989 में शामिल किये गये। कामोव हेलीकॉप्टर काशीन क्लास के पोतों की छत एवं वाहक से परिचालित करने के उद्देश्य से तैयार किए गये हैं। काशीन क्लास के पहले तीन पोतों से केए 25एस का परिचालन किया एवं बाद के दो पोतों से दो केवी 28एस का परिचालन किया गया। केए 25एस के साथ-साथ आईएनएएस 333 को वर्ष 2000 में आईएनएस डेगा, विशाखापट्टनम में स्थानांतरित कर दिया गया जिनका परिचालन तब से वहीं से किया जा रहा है। केए 25एस, जो अपनी स्थापना से ही स्क्वाड्रन के साथ थे, को अप्रैल, 2009 में सेवामुक्त कर दिया गया। केए 28 हेलीकाप्टरों को 19 मई 2009 को आईएनएएस 339 से आईएनएस 333 में पुन: तैनात कर दिया गया एवं पूरक स्क्वाड्रन के रूप में परिवर्तित कर दिया गया।
सोनार, रडार, सोनोबुओयज के सेंसर पैकेज एवं एएसडब्ल्यू टोरपीडो सहित हथियारों से भरा व जलगत बमों से युक्त कामोव 28 दुश्मन पनडुब्बियों के लिए आतंक का पर्याय है। यह बेहद सक्षम वायुयान केवल एक ही पायलट द्वारा उड़ाया जाता है एवं इसका परिचालन पूर्व के दो काशीन क्लास के विध्वंसकों की छतों से किया जाता है। यह स्क्वाड्रन केवी 28 हेलीकाप्टर का परिचालन करने वाले एयरक्रू को प्रशिक्षण देने के लिए भी जिम्मेदार है।