भारतीय नौसेना के जहाजों की सिंगापुर यात्रा

भारतीय नौसेना के जहाजों की सिंगापुर यात्रा

चांगी नौसैनिक बेस के पास लंगर डालकर खड़े आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस कमोर्ता

चांगी नौसैनिक बेस के पास लंगर डालकर खड़े आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस कमोर्ता

भारत की 'लुक ईस्ट' और 'एक्ट ईस्ट' नीति का अनुपालन करते हुए, भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े के जहाज रियर एडमिरल अजेन्द्र बहादुर सिंह, वीएसएम, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग ईस्टर्न फ्लीट (एफओसीईएफ) की कमान के तहत दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिणी हिंद महासागर और ऑस्ट्रेलिया में संक्रियात्मक अभ्यास हेतु तैनात किया गया है। इस तैनाती के एक भाग के रूप में, आईएनएस सतपुड़ा, एक स्वदेश निर्मित निर्देशित मिसाइल स्टेल्थ युद्धपोत, जिसकी कमान कैप्टन हरि कृष्णन के हाथों में है, तथा आईएनएस कमोर्ता, स्वदेश निर्मित प्रथम पनडुब्बी रोधी युद्धपोत, जिसकी कमान कमांडर मनोज कुमार झा के हाथों में है, ने 18 मई 2015 को सिंगापुर में प्रवेश किया। इन जहाजों ने इमडेक्स-15 में भाग लेने के अलावा 23-26 मई 2015 के बीच सिंगापुर में द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास सिमबैक्स-15 में भाग लिया। शुरुआत से ही सिमबैक्स की सामरिक और संक्रियात्मक जटिलता में वृद्धि हुई है। इसने नौसेना के विभिन्न संक्रियात्मक पहलुओं, जैसे कि विमान-प्रतिरक्षा, हवा और सतह पर अभ्यास हेतु फायरिंग, समुद्रिक सुरक्षा तथा एसएआर को शामिल करते हुए अधिक जटिल समुद्रिक अभ्यासों के लिए एएसडब्ल्यू पर बल देने के पारंपरिक तरीकों से आगे निकलने का प्रयास किया है। इसके अलावा, दो अन्य भारतीय युद्धपोत, आईएनएस रणवीर, एक निर्देशित मिसाइल विध्वंसक, जिसकी कमान कैप्टन जसविंदर सिंह के हाथों में है, और आईएनएस शक्ति, बेड़े को सहायता देने वाला एक परिष्कृत जहाज, जिसकी कमान कैप्टन विक्रम मेनन के हाथों में है, 22 मई 2015 को सिंगापुर पहुंचेंगे।

डीए, सिंगापुर और बेड़े जहाजों के कमान अधिकारियों के साथ पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर

डीए, सिंगापुर और बेड़े जहाजों के कमान अधिकारियों के साथ पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर

सिंगापुर बंदरगाह की यह यात्रा, भारत और सिंगापुर के बीच 50 वर्षों के राजनयिक संबंधों के स्मरणोत्सव के अवसर के साथ आयोजित की गई। इस यात्रा का लक्ष्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और दो मित्रवत राष्ट्रों की नौसेनाओं के बीच अन्तरसंक्रियता को प्रोत्साहन देना है। बंदरगाह में प्रवास के दौरान आधिकारिक स्तर की वार्ता, जहाज पर स्वागत, जहाजों को आगंतुकों के लिए खोला जाना, भारतीय नौसेना कर्मियों के लिए निर्देशित पर्यटन, तथा दोनों नौसेना के कर्मियों के बीच पेशेवर बातचीत जैसी विभिन्न गतिविधियों की योजना बनाई गई। भारत वापसी से पूर्व, भारतीय युद्धपोतों द्वारा जकार्ता (इंडोनेशिया), फ्रीमेन्टले (ऑस्ट्रेलिया), कुआंतान (मलेशिया), सत्तहिप (थाईलैंड) और सिहोनुकविले (कंबोडिया) की योजना बनाई गई है।

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