08 मई 2018 को नई दिल्ली में नौसेना कमांडर सम्मलेन आरंभ होने जा रहा है

08 मई 2018 को नई दिल्ली में नौसेना कमांडर सम्मलेन आरंभ होने जा रहा है

इस वर्ष के द्वि-वार्षिक नौसेना कमांडर सम्मलेन का पहला संस्करण 08 मई से 11 मई 2018 को आरंभ होने जा रहा है। सम्मलेन के दौरान, नौसेना क्षेत्र में शांति और स्थिति कायम रखने के उद्देश्य से अपने नए मिशन आधारित तैनाती दर्शन की समीक्षा करेगी। माननीय प्रधानमंत्री जी की क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर) की परिकल्पना को आगे ले जाते हुए, नए तैनाती दर्शन का उद्देश्य महत्वपूर्ण स्थानों और चोक पॉइंट्स पर भारतीय नौसेना के जहाज़ों की सतत, शांतिपूर्ण लेकिन उत्तरदायी उपस्थिति है।

पिछले वर्ष के दौरान नौसेना का ध्यान युद्ध दक्षता और सामग्रियों की तैयारी, और 131 जहाज़ों और पनडुब्बियों के अपने बड़े बेड़े के रखरखाव की ओर रहा है। सम्मलेन में प्रशिक्षण के चरण के माध्यम से रखरखाव की अवधि से परिवर्तन के लिए जहाज़ों के लिए नए परिवर्तन चक्र और आगे बड़े पैमाने पर परिचालन सहित युद्ध सक्श्ता में सुधार के लिए अपनाए गए विभिन्न उपायों की जांच सम्मलेन में की जाएगी।

सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय, लगातार प्रशिक्षण, और इसकी अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों पर सवार चालक दल की प्रवीणता के ऊपर नियंत्रण और संतुलन की समीक्षा भी की जाएगी। 'जहाज़ परिचालन मानक (एसएचओपीएस)' में सुधार द्वारा इकाइयों के प्रशिक्षण मानकों का फेरबदल भी जारी है। नया एसएचओपीएस, जिसे जल्दी ही उपयोग में लाया जाएगा, वास्तविक परिदृश्यों में भूमिका आधारित प्रशिक्षण पर ध्यान देता है और इकाइयों द्वारा पालन किए जाने हेतु मानकों को निर्धारित करने के साथ ही व्यक्तिगत चालक दल की प्रवीणता के स्तरों को भी लक्ष्य बनाता है।

नौसेना अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाने और उसका उपयोग करने में सबसे आगे रही है। नौसेना कमांडर नौसैनिकों और आपूर्ति अनुपात में सुधार के क़दमों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डेटा एनालिटिक्स जैसे आला क्षेत्रों की खोज पर विचार करेंगे। संगठन की प्रभावशीलता और कुशलता में सुधार के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग, विशेष रूप से वे जो 'मेक इन इंडिया' हैं, कमांडरों का ध्यान लगाने योग्य अन्य प्रमुख क्षेत्र होगा।

भारतीय नौसेना स्वदेशी और 'मेक इन इंडिया' पहल में सबसे अग्रणी है। भारतीय शिपयार्ड्स में वर्तमान में 27 जहाज़ों और पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें सर्वप्रथम स्वदेशी विमान वाहक पोत 'विक्रांत' मौजूद है। नौसेना ने 'भारतीय नौसेना स्वदेशीकरण योजना 2015 - 30' की घोषणा की है जिसमें अगले पंद्रह वर्षों के लिए हमारी योजना का निर्धारण किया गया है। ऐसा कर उद्योग को मई 17 में अधिसूचित नए सामरिक भागीदारी मॉडल, और साथ ही घरेलू शोध व विकास के माध्यम से नौसेना की आवश्यकताओं के लिए रणनीति तैयार करने में मदद मिली है। ये पहल, जिनका उद्देश्य स्वदेशी रक्षा औद्योगिक क्षमता का विस्तार कर सूक्ष्म लघु व मध्यम उद्यम (एमएसएमई) तक लाना है, इसके ऊपर भी चर्चा की जाएगी।

कमांडर क्षमता में महत्वपूर्ण अंतर को भरने के लिए पूंजीगत अधिग्रहण और आधुनिकीकरण योजनाओं को वरीयता दे कर रक्षा बजट में नौसेना के हिस्से के इष्टतम उपयोग पर भी विचार करेंगे। चार दिवसीय सम्मलेन का समापन 11 मई 2018 को होगा।

नौसेना कमांडर सम्मलेन का संबोधन माननीय रक्षा मंत्री जी द्वारा उद्घाटन सत्र के दौरान किया जाएगा जिसके बाद रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी।

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