विश्व पर्यावरण दिवस 2018
आईएनएस हमला में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया
आईएनएस हमला ने 05 जून 2018 को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया और कचरा प्रबंधन एवं वृक्षारोपण अभियान पर एक व्याख्यान आयोजित किया। कर्मचारीगण ने भी जुहू समुद्रतट के सफाई अभियान में भाग लिया और इस कार्यक्रम के लिए सैन्य तंत्र समर्थन प्रदान किया।
पूर्वी नौसेना कमान, विज़ाग में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया
पूर्वी नौसेना कमान के तहत भारतीय नौसेना इकाईयों ने 05 जून 2018 को ‘प्लास्टिक प्रदूषण को परास्त करो’ विषय पर आधारित विश्व पर्यावरण दिवस मनाया। समारोहों के एक भाग के रूप में, प्लास्टिक प्रदूषण के खतरनाक प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने, प्लास्टिक कचरे का उपयोग कम करने और इसका प्रबंधन करने के लिए विभिन्न गतिविधियां जैसे कि व्याख्यान, कार्यशालाएं, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं और संगोष्ठियां आयोजित की गई थीं। इसके अलावा, विभिन्न स्थानों पर एक सफाई अभियान और 5000 पौधों का वृक्षारोपण किया गया।
आईएनएस वलसुरा, जामनगर में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया
आईएनएस वलसुरा ने 02 जून से 05 जून 2018 तक ‘प्लास्टिक प्रदूषण को परास्त करो’ विषय पर आधारित विश्व पर्यावरण दिवस को मनाया। विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों पर जागरूकता पैदा करने के लिए श्रमदान, तटीय सफाई अभियान, व्याख्यान, पोस्टर निर्माण और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं जैसी विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गईं। इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर कर्मचारियों और परिवारों द्वारा 500 से अधिक पौधे लगाए गए थे।
भारतीय नौसेना अकादमी में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, नौसेना अकादमी के कर्मचारियों सहित असैन्य कर्मचारियों और परिवारों ने वृक्षारोपण अभियान में भाग लिया, ‘प्लास्टिक प्रदूषण को परास्त करो’ कार्यक्रम के भाग के रूप में अकादमी परिसर की सफाई हुई और आईएनएस ज़मोरिन द्वारा प्रकृति सैर आयोजित की गई। अनेक श्रेणियों के पौधे/अंकुर जैसे फलधारी, स्वदेशी वृक्ष, औषधीय वृक्ष, हर्बल पौधे और सजावटी पौधों को लगाया गया।
रियर एडमिरल पुनीत चड्ढा, वीएसएम, डिप्टी कमांडेंट, आईएनए एवं श्रीमती वंदना चड्ढा वृक्षारोपण अभियान में एक पौधे को लगाते हुए
एझिमाला में आईएनएस ज़मोरिन द्वारा आयोजित वृक्षारोपण अभियान और प्राकृतिक सैर में भाग लेने वाले बच्चे और महिलाएं
एझिमाला में आईएनएस ज़मोरिन द्वारा आयोजित वृक्षारोपण अभियान के दौरान नौसेना समुदाय, असैन्य कर्मचारियों एवं परिवारों की भागीदारी
विश्व पर्यावरण दिवस 2018
विश्व पर्यावरण दिवस पर भारतीय नौसेना ने अपने हरित पहल कार्यक्रम के चार वर्ष पूरे किए हैं। एक व्यापक ‘भारतीय नौसेना पर्यावरण संरक्षण रोडमैप के अपनाने से भारतीय नौसेना को ‘हरित पदचिन्ह के साथ नीली जल क्षमता’ के महत्वकांक्षी पथ पर रखा गया है। ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से कई नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन के लिए नौसेना के ठोस प्रयासों ने अच्छे नतीजों को जन्म दिया है जो कि सभी नौसैनिक प्रतिष्ठानों में स्पष्ट है।
शून्य कार्बन फुट प्रिंट प्राप्त करने के उद्देश्य से ग्रिहा, लीड्स, ग्रीन ईंधन, मारपोल अनुपालन और वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों के आधार पर दीर्घकालिक हरी प्रौद्योगिकी/मानदंडों की ‘ऊर्जा दक्षता’ अवधारणा को सभी भविष्य की योजनाओं में संपत्तियों के संवर्धन और अधिग्रहण के लिए अपनाया जा रहा है। ‘कागज़रहित कार्यालय’ की पूर्ति की दिशा में डिजिटल कार्य प्रक्रियाओं के माध्यम से आईटी के क्षेत्र में किए गए पहलुओं ने कागज़ खपत में सकल कमी सुनिश्चित की है। निरंतर वनरोपण के लिए, पिछले वर्ष के दौरान अनुमानित 324 टन कार्बनडाईऑक्साइड को कम करने के लिए 16,000 पौधे लगाए गए थे।
समुद्री दक्षता पहल के रूप में, नौसेना के जहाजों पर एक ‘इंटेलीजेंट एनर्जी कम परफॉरमेंस असेसमेंट’ प्रणाली को शामिल करने की व्यवहार्यता चल रही है। इंटेलीजेंट प्रणाली समग्र प्रदर्शन को अनुकूलित करने के लिए जहाज ऊर्जा मांग की वास्तविक समय जागरूकता प्रदान करेगी। समुद्र और समुद्री तट दोनों पर पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए मारपोल अनुपालन, जहाज प्रदूषण निर्वहन, कचरा निपटान, मल उपचार संयत्र आदि के लिए दिशानिर्देश अपनाए गए हैं।
ऊर्जा दक्षता में सुधार के लिए जहाजों और तट प्रतिष्ठानों के लिए नियमित ऊर्जा लेखा परीक्षा आयोजित की जा रही है। प्रमुख नौसेना यार्ड में से एक ने पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में ऊर्जा खपत में 11% की कमी हासिल की है। सुधारे गए यार्ड के पारंपरिक पथ प्रकाश के 95 प्रतिशत को एलईडी प्रकाश के साथ बदल दिया गया है और 1000 से अधिक स्मार्ट टाइमर आधारित पथ प्रकाश के साथ बदल दिए गए हैं। जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत 2022 तक 100 जीडब्ल्यू के जीओआई लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भारतीय नौसेना द्वारा सावधानीपूर्वक योजना के साथ 21 एमडब्ल्यू सौर पीवी परियोजनाएं प्रारंभ की गई हैं।
पुरूषों और सामग्री के परिवहन के लिए बैटरी संचालित वाहनों के प्रगतिशील अभिग्रहण से जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता में कमी को चिन्हित किया गया है। एमटी वाहनों पर नौसेना उपयोग के लिए सभी नौसेना प्रतिष्ठानों में बी5 मिश्रित एचएसडी की निरंतर आपूर्ति के लिए तेल विर्निमाण कंपनियों से भी संपर्क किया गया है।
यह वास्तव में सभी भारतीयों के लिए एक गर्वपूर्ण क्षण है कि इस वर्ष हमें ‘विश्व पर्यावरण दिवस 2018’ की मेजबानी करने के लिए चुना गया है जिसमें ‘प्लास्टिक प्रदूषण को परास्त करो’ विषय शामिल है। पिछले दशक में प्लास्टिक का उत्पादन पहले से ही पिछली संपूर्ण शताब्दी के कुल प्लास्टिक को पार कर चुका है। प्रतिवर्ष, दुनिया 500 अरब प्लास्टिक बैग का उपयोग करती है जो उत्पन्न होने वाले सभी कचरे का 10 प्रतिशत योगदान देते हैं। इसी ओर, यह सुनिश्चित करने के लिए कि नौसेना प्रतिष्ठान गैर-जैवनिम्नीकरण सामग्री से सदैव विहीन बना रहे, निरंतर और केन्द्रित प्रयास किए जा रहे हैं। वृक्षारोपण अभियान, समुद्र तट सफाई, प्लास्टिक विरोधी अभियान, व्याख्यान द्वारा जागरूकता अभियान एवं कार्यक्रम सेवा के सभी क्षेत्रों में पर्यावरण चेतना के दर्शन के एकीकरण के लिए नियमित रूप से आयोजित किए जा रहे हैं।
‘स्वच्छ भारत अभियान’ के एक भाग के रूप में पृथक्कृत अपशिष्ट संग्रह केन्द्र (एसडब्ल्यूसीसी) का उद्घाटन पोर्ट ब्लेयर में डिफेंस वाइवस वेलफेयर एसोसिऐशन से समर्थन के साथ किया गया, जिसमें अपशिष्ट संग्रह और प्रबंधन प्रणाली के आधुनिक तरीको को शामिल किया गया था। एसडब्ल्यूसीसी में प्रसंस्करण के लिए प्रति दिन 400 किग्रा की औसत पर गीला कचरा प्राप्त होता है। श्रीमती सीमा वर्मा, अध्यक्ष डीडब्ल्यूडब्ल्यूए को प्रभावी ढंग से एसडब्ल्यूसीसी के कार्यान्वयन के लिए ‘स्वच्छता ही सेवा’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
आधुनिक विश्व के विकासशील राष्ट्र और प्रगतिशील रक्षा बल के रूप में हमारे आस-पास और अमूल्य प्राकृतिक संसाधनों का संज्ञान लेना जरूरी है। सम्रग कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और विश्वव्यापी तापक्रम वृद्धि के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से भारतीय नौसेना ग्रीन इनिशिएटिव के अनुसरण की ओर बढ़ने, राष्ट्रीय लक्ष्य को साकार करने, हमारी अगली पीढ़ी के लिए एक हरित और स्वच्छ भविष्य सुनिश्चित करने के लिए तैयार और प्रतिबध है।