विशाखापट्टनम हवाई अड्डे पर हवाई क्षेत्र सहक्रियता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना के प्रस्ताव

विशाखापट्टनम हवाई अड्डे पर हवाई क्षेत्र सहक्रियता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना के प्रस्ताव

विशाखापट्टनम में नौसेना हवाई क्षेत्र से उड़ान संचालन के बारे में मीडिया के खंड में कुछ प्रासंगिक आशंकाओं पर ध्यान देते हुए यह स्पष्ट किया है कि भारतीय नौसेना ने विशाखापट्टनम हवाई अड्डे पर असैन्य और सैन्य उड़ान संचालन के लिए समय निर्धारित करने का प्रस्ताव दिया है जिससे हवाईक्षेत्र प्रबंधन की सहक्रियता सुनिश्चित हो सके और असैन्य एवं सैन्य दोनों उड़ानों को सुरक्षित संचालन की सुविधा मिल सके। नौसेना का प्रस्ताव अन्य संयुक्त असैन्य-सैन्य हवाई अड्डे जैसे गोवा, पुणे इत्यादि में विद्यमान समान व्यवस्था की तर्ज पर है।

विशाखापट्टनम एक दोहरा उपयोगकर्ता हवाई अड्डा है जहां आईएनएस देगा से असैन्य और सैन्य उड़ान एक साथ आयोजित की जाती हैं। पिछले पांच वर्षों में, विशाखापट्टनम से असैन्य और सैन्य उड़ान दोनों ने संख्या और यात्रियों की मात्रा में अत्यधिक वृद्धि देखी है। वर्तमान में, लगभग चालीस असैन्य उड़ान विशाखापट्टनम से संचालित होती हैं जिसमें प्रतिदिन असैन्य वायुयानों के अस्सी गमन-आगमन होते हैं। पूर्वी समुद्री तट पर निगरानी आवश्यकताओं की वृद्धि और प्रशिक्षण एवं संचालन के लिए लड़ाकू स्क्वाड्रन के प्रवेशण के कारण आईएनएस देगा से सैन्य उड़ान में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। औसतन, प्रतिदिन 90 से 100 सैन्य विमानों का गमन-आगमन होता हैं। एक दिशाहीन विमान पट्टी पर असैन्य और सैन्य विमान का एक साथ संचालन, जो कि विशाखापट्टनम के लिए अनूठा है, से असैन्य उड़ानों के अवतरण और उड़ान भरने में देरी होती है जिससे यात्रियों को असुविधा होती है और संबंद्धित उड़ान समय-सारणी प्रभावित होती है।

सभी एयरलाइन संचालकों और हवाईअड्डा निदेशक विशाखापट्टनम के विचार-विमर्श और सहमति के पश्चात, विशेष सैन्य उड़ानों के लिए समर्पित निर्धारित समय सोमवार से शुक्रवार के बीच प्रातः 09:30 से अपराह्न 12:30 तक, मंगलवार एवं गुरूवार को अपरह्न 03:00 से सांय 05:00 बजे तक, मंगलवार एवं गुरूवार को सांय 07:00 से सांय 09:00 बजे तक प्रस्तावित किए गए थे। इसके पश्चात सोमवार से शुक्रवार के बीच केवल प्रात: 09:30 से अपराह्न 12:30 तक सैन्य उड़ान के लिए निर्धारित समय के प्रस्ताव की आगे समीक्षा की जा रही है। कम से कम बाधा सुनिश्चित करने के लिए असैन्य उड़ानों की गतिविधि की आवृति को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त निर्धारित समय को लिया गया है। प्रतिदिन 40 असैन्य उड़ानों में से औसतन छह से आठ असैन्य उड़ानें प्रातः 9:30 से अपराह्न 12:30 के बीच संचालित होती हैं। प्रस्तावित समर्पित सैन्य निर्धारित समय पर अंतिम निर्णय एकीकृत मुख्यालय रक्षा मंत्रालय (नौसेना), नई दिल्ली में एएआई और एयरलाइन संचालकों के साथ चर्चाओं के पश्चात किया जाएगा।

नौसेना के प्रस्ताव का उद्देश्य असैन्य और सैन्य उड़ान को एकजुट करने, एक दिशाहीन विमान पट्टी पर सुरक्षा को बढ़ाने, और नागरिक उड़ानों के आगमन और प्रस्थान में देरी को कम करने का है। प्रस्ताव विशाखापट्टनम से चल रही असैन्य उड़ानों की संख्या को सीमित या कम नहीं करेगा। एयर एम्बुलेंस उड़ानों के संचालन, आपातकाल में विमान और वीआईपी उड़ानों को अब तक के रूप अनुसार असैन्य और सैन्य दोनों उड़ानों पर हर समय प्राथमिकता दी जाएगी।

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