भा नौ पो शारदा से पांच मछुआरों को बचाया गया
भा नौ पो शारदा से पांच मछुआरों को बचाया गया
कोच्चि के भारतीय नौसेना पोत शारदा से 04 मार्च 2019 को समुद्र में उन पांच मछुआरों को बचाया गया, जो अपने मछली पकड़ने के जहाज, एफवी ओंकारम के अझिकल बंदरगाह से 35 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में डूब जाने के बाद पानी में तैर रहे थें। यह दुर्घटना करीब 0930 बजे हुई, जब पोत इलाके में गश्त पर थी।
सतर्कता से चौकसी के समय पानी में कुछ हलचल देखी गई, जो तैरते हुए पांच मछुआरों द्वारा किया जा रहा था। पोत ने सतर्कता के साथ काम शुरू किया और जीवित बचे लोगों की ओर अपना रुख किया। उसके बाद पोत ने अपने लाइफ बोट को उतारा और सफलतापूर्वक बचाव कार्य किया और देखने के समय के बाद से दस मिनट के भीतर सभी पांच मछुआरों को पोत पर लाया गया। दो मछुआरों को मामूली चोटें लगी थीं और उन्हें पोत के चिकित्सा दल ने प्राथमिक उपचार दिया। इसके बाद पोत बचाए गए लोगों को उतारने के लिए कोच्चि की ओर रवाना हुई।
बचाए गए मछुआरों ने बताया कि उन्होंने 04 मार्च 2019 को 0400 बजे कासरगोड के चेरुवथुर से अपनी नाव खोली थी। उनके अनुसार, उनकी नाव 13 फीट की थी जिसमें पानी घुसने लगा, इसके बाद उनके लिए इसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल हो गया और नाव में बहुत अधिक पानी भरने की वजह से वह डूब गई। मछुआरे बिना किसी बचाव उपकरणों के 0630 बजे से पानी में तब तक फंसे हुए थे, जब तक कि उन्हें बचाया नहीं गया। वे मोबाइल रेंज से बाहर थे और तैरने और दूसरे नावों से मदद लेने में असमर्थ थे। फंसे हुए मछुआरों ने अपने कपड़े निकालकर पोत पर इशारे देने के लिए रखा था और करीब-करीब बचाए जाने की उम्मीद खो चुके थे। सभी जीवित बचे लोग कंजनगढ़, कासरगोड के हैं, उनके नाम इस प्रकार हैं: मनोहरन (56) (नाव मालिक), वासव (57), चंद्रन (60), सुरेश (42), सुरेंद्रन (49)। बचाए गए लोगों को पोत के चालक दल ने भोजन, पानी और नए कपड़े दिए। परिजनों के साथ-साथ त्रिविकारपुर स्थानीय तटीय पुलिस स्टेशन को भी सूचित करने का प्रयास जारी है।
भा नौ पो शारदा भारतीय नौसेना की एक अपतटीय गश्ती पोत है और इसकी शुरुआत के बाद अभी इसका 26वां वर्ष चल रहा है। पोत को केरल और लक्षद्वीप द्वीपों में तटीय निगरानी और गश्ती के लिए सक्रिय रूप से तैनात किया गया है और इसकी तैनाती अदन की खाड़ी में नियमित एंटी-पायरेसी परिनियोजनों में भी की गई है। इस पोत ने पहले भी साइक्लोन ओखी के दौरान 21 मछुआरों को बचाया था और केरल में बाढ़ के दौरान दक्षिणी नौसेना कमान द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन मदद में राहत सामग्री के वितरण के लिए भी इसका इस्तेमाल किया गया था।