भारतीय नौसेना को मिलने जा रहा है उन्नत हाई फ़्लैश हाई स्पीड डीज़ल - आईएन 512

भारतीय नौसेना को मिलने जा रहा है उन्नत हाई फ़्लैश हाई स्पीड डीज़ल - आईएन 512

नई तकनीक वाले उपकरणों को शामिल करने की दौड़ में बने रहने और उत्सर्जन के समकालीन मानकों को पूरा करने के लिए भारतीय नौसेना ईंधन की गुणवत्ता से जुड़े मानकों को नियंत्रित करती है। पेट्रोलियम उद्योग में प्रौद्योगिकी और रिफाइनिंग तकनीकों के आगमन के साथ ज़्यादा कड़े विनिर्देशों का पालन करने वाले ईंधन की बेहतर गुणवत्ता एक अनिवार्यता बन गई है। इस प्रकार से, डीज़ल के लिए तकनीकी ब्यौरे में लगातार सुधार पर मुख्य रूप से ध्यान दिया जाता है।

देश के पेट्रोलियम उद्योग के पास उपलब्ध प्रौद्योगिकी और रिफाइनिंग की बेहतर तकनीकों का फायदा उठाते हुए, भारतीय नौसेना ने मैसर्स आईओसीएल के सहयोग से व्यापक और विस्तृत अध्ययन और मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय विनियमों (आईएसओ, एमएआरपीओएल, नाटो आदि) का तुलनात्मक मूल्यांकन आयोजित किया। नतीजतन, एक संशोधित तकनीकी विनिर्देश तैयार किए गए जिसमें महत्वपूर्ण मानदंड सीटेन संख्या, फ़्लैश पॉइंट, सल्फर की मात्रा, गाद की मात्रा, ऑक्सीकरण स्थिरता और कोल्ड फ़िल्टर प्लगिंग पॉइंट सहित 22 परीक्षण मानदंड शामिल हैं। इस नए विनिर्देश से ना केवल ईंधन की बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी बल्कि कार्बन पदचिह्न भी कम होंगे।

रिफाइनरी इकाइयों को अपग्रेड करने के बाद मैसर्स आईओसीएल ने भारतीय नौसेना को उत्पाद की सीमित आपूर्ति करना शुरू किया जिसके बाद मशीनरी के प्रदर्शन की कड़ी जांच और अंगीकरण ट्रायल आयोजित किए गए। ईंधन की गुणवत्ता में काफी सुधार देखा गया। सकारात्मक परिणाम देखते हुए, नए ईंधन का उपयोग संपूर्ण नौसेना में करने का निर्णय लिया गया। 13 जनवरी 2020 को, संशोधित तकनीकी ब्यौरे के साथ नए ईंधन (हाई फ़्लैश हाई स्पीड डीज़ल) एचएफएचएसडी - आईएन 512 की शुरुआत की गई।

इसके साथ ही, बेड़े के अभ्यासों के दौरान देश विदेशी नौसेनाओं के साथ इंटरऑपरेबिलिटी को सुनिश्चित कर पाएगा और सैन्य-तंत्र विनिमय समझौता ज्ञापन सहित द्विपक्षीय/बहु-राष्ट्रीय सैन्य-तंत्र समर्थन समझौतों के तहत सभी विदेशी नौसेनाओं के लिए आज्ञापित ईंधन की गुणवत्ता से बेहतर गुणवत्ता प्रदान कर पाएगा।

नए ईंधन का सफलतापूर्वक उपयोग एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है जो विश्वस्तरीय उत्पादों का निर्माण करने की देश की असीम क्षमता को दर्शाती है। इस प्रयास से आने वाले वर्षों में देश में मैसर्स आईओसीएल के अन्य ग्राहकों जैसे कि भारतीय तट रक्षक बल और अन्य व्यापारी समुद्री कंपनियों को भी लाभ मिलेगा। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के बाद भारतीय नौसेना के साथ अभ्यास के दौरान भारतीय बंदरगाहों पर सभी विदेशी नौसेनाओं के पोतों को बढ़िया ईंधन भी उपलब्ध कराया जाएगा।

यह क्रांतिकारी पहल उपकरणों पर विश्वसनीयता, प्रदर्शन को बढ़ाने, कार्बन पदचिह्न, उत्सर्जन कम करने और सबसे महत्वपूर्ण बात विश्व स्तर पर नौसेना की 'मिशन आधारित तैनाती' में सहायक होगी।

  • भारतीय नौसेना को मिलने जा रहा है उन्नत हाई फ़्लैश हाई स्पीड डीज़ल - आईएन 512
Back to Top