भारतीय नौसेना के कमांडर आशुतोष पेडनेकर ने रैकेटलन में नया इतिहास बनाया

भारतीय नौसेना के कमांडर आशुतोष पेडनेकर ने रैकेटलन में नया इतिहास बनाया

भारतीय नौसेना के कमांडर आशुतोष पेडनेकर ने रैकेटलन में नया इतिहास बनाया

      किसी व्यक्ति के रैकेट खेल के लिए जुनून और दृढ़ता ने भारत को नई पहचान दी है। भारतीय नौसेना के कमांडर आशुतोष पेडनेकर ने खेल जगत में इतिहास तब बनाया जब वह रैकेटटन खेल के अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लेने और जीतने वाले पहले भारतीय बने।

      डेनमार्क और बेल्जियम में हाल ही में संपन्न प्रतियोगिताओं में उन्होंने 28-29 मई 2016 तक वेजेन, डेनमार्क में आयोजित नॉर्डिक रैकेट खेलों में पुरुषों के शौकिया और बुजुर्ग (45 से अधिक) दोनों ही श्रेणियों में स्वर्ण पदक जीतकर देश को गर्वान्वित किया है।  इसके बाद, 3-5 जून 2016 को बेल्जियम के ओडेनार्डे में आयोजित रैकेट टूर्नामेंट के प्रतिष्ठित सुपर वर्ल्ड टूर- किंग बने, उन्होंने एक बार फिर से पुरुषों की शौकिया श्रेणी में 45 से अधिक स्वर्ण और रजत मेडल जीतकर खुद को साबित किया।

      हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी से लोकप्रिय होता हुआ 'रैकेटटन' ​​अभी भी भारत में अपेक्षाकृत युवा खेल है और इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं है कि इसे भारत में काफी कम लोग जानते हैं। इस खेल को डेकाथलॉन/ट्रायथलॉन की तर्ज़ पर बनाया गया है और यह एक मिला-जुला खेल है जिसमें चार रैकेट खेल शामिल हैं जैसे कि टेबल टेनिस, बैडमिंटन, स्क्वाश और लॉन टेनिस। इस विशेष मैच में प्रत्येक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के बाद खेले गए उपरोक्त व्यक्तिगत खेल के लिए 21-21 अंकों के 4 सेट होते हैं। अधिकतम अंक जीतने वाला खिलाड़ी विजेता होता है।

     खेलों के लिए कमांडर आशुतोष पेडनेकर का शानदार प्रदर्शन और उनका अद्वितीय गौरव अज्ञात रह गया, जिसका कारण भारत में इस खेल के बारे में जागरूकता की कमी और इसे बढ़ावा देने के लिए सक्रिय औपचारिक खेल निकाय का नहीं होना है।

      कभी भी चर्चा में नहीं रहने वाले, बिना किसी तरह के अभिमान वाले नौसेना अधिकारी, जिसके लिए रैकेट खेल एक अन्य गुण है, का लक्ष्य अब इस साल के नवंबर में जर्मनी में आयोजित होनेवाले वर्ल्ड रैकेटलन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतना है।

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