फ्रंट लाइन वॉरशिप आगंतुकों के लिए खुलेगी

फ्रंट लाइन वॉरशिप आगंतुकों के लिए खुलेगी

फ्रंट लाइन वॉरशिप आगंतुकों के लिए खुलेगी

 
भारतीय नौसेना के जहाजों (आईएनएस) दिल्ली और तर्कश नौसेना दिवस 2015 समारोहों के एक हिस्से के रूप में, दो सप्ताहांत अर्थात 14, 15, 21 और 22 नवंबर 2015 को 10:00 बजे पूर्वाह्न से 03:00 बजे अपरान्ह के बीच 'जनता के लिए खुले' होंगे। आईएनएस तर्कश उन जहाजों में से एक है जिन्होंने इस साल की शुरुआत में यमन के तट पर ऑपरेशन राहत में भाग लिया था।   
 

फ्रंट लाइन वॉरशिप आगंतुकों के लिए खुलेगी

नौसेना दिवस समारोहों की सबसे अधिक प्रतीक्षित उत्सवों में शिप आगंतुकों के लिए मुफ्त में खुले रहेंगे। जहाजों के निर्देशित दौरे के लिए जहाजों में सभी आगंतुकों को प्रवेश बल्लार्ड एस्टेट, किले के पास टाइगर गेट से प्रदान किया जाएगा। समारोह के दौरान अपने युद्धपोतों की एक झलक लेने के लिए हर साल डॉकयार्ड पर भारी भीड़ जमा हो जाती है। आगंतुकों को सलाह दी जाती है कि वे सुरक्षा कारणों से कैमरा, कैमरा युक्त मोबाइल फोन, बैग या बैगेज न लाएं।
 
आईएनएस दिल्ली 6,700 टन के स्वदेशी निर्देशित मिसाइल विध्वंसकों से युक्त पहला जहाज है जो मुंबई के मज़गांव डॉक्स लिमिटेड में डिज़ाइन किया और बनाया गया है। 1997 में कमीशन किया गया, वह वर्षों से भारत द्वारा हासिल की गई तकनीकी प्रगति, जहाज डिजाइन और निर्माण क्षमताओं के उच्च स्तर का एक सतत साक्ष्य है। दिल्ली एक बहुउद्देश्यीय कमांड और नियंत्रण प्लेटफार्म है जो बहु-खतरे के माहौल में संचालित होने में सक्षम है। जहाज चार गैस टरबाइन द्वारा संचालित है और 30 समुद्री मील से अधिक की गति पर चलता है। उसके भयानक शस्त्रागार में सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, 100 और 30 मिमी बंदूकें, टारपीडो, एंटी-सबमरीन रॉकेट्स और चाफ डेकोइस शामिल हैं। उसके सेंसरों में दो लंबी दूरी के निगरानी रडार, उन्नत इलेक्ट्रॉनिक्स वारफेयर सूट और स्वदेशी रूप से विकसित एक समग्र नेटवर्क में एकीकृत सोनार शामिल हैं। उसपर दो सी किंग हेलीकॉप्टर तैनात हैं, जो पनडुब्बी रोधी के साथ-साथ सतह संचालन रोधी क्षमता से युक्त हैं।
 
आईएनएस दिल्ली सभी परिचालन तैनातियों में सबसे आगे रही है और सभी प्रमुख सामरिक अभ्यासों में भाग लेती रही है, साथ ही नियमित रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, सिंगापुर और ओमान जैसे विदेशी नौसेनाओं के साथ आभ्यासों में भी प्रयोग की जाती रही है। जहाज की कमान कप्तान कार्तिक कृष्णन द्वारा दी जाती है, जो एक संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्धक विशेषज्ञ है और भारत और विदेशों में विभिन्न प्रतिष्ठित पाठ्यक्रमों में भाग ले चुके हैं। जहाज में 35 अधिकारियों और 350 नाविकों का एक दल तैनात है। 
 
आईएनएस तर्कश को 12 नवंबर 2012 को शूरू किया गया था। तर्कश भारतीय नौसेना के नवीनतम प्लेटफार्मों में से एक है और पश्चिमी बेड़े के लिए महत्वपूर्ण है। भारतीय नौसेना के फ्रिगेट्स के तलवार वर्ग के अनुवर्ती में से एक वह सेंट पीटर्सबर्ग, रूस में बाल्टिक शिपयार्ड में भारत-रूसी संयुक्त उत्पादन के तहत रूस में बनाया गया है। तलवार वर्ग निर्देशित मिसाइल फ्रिगेट्स को क्राइवक III क्लास फ्रिगेट्स में संशोधित किया जाता है। जहाज में 4,000 टन का मानक विस्थापन है, 125 मीटर लंबाई में चार गैस टरबाइन संचालित हैं जो 30 समुद्री मील तक गति प्रदान करते हैं।  
 
इसके अस्त्रागार में जमीन-से-जमीन पर मार करने वाली मिसाइल, जमीन-से-हवा मार करने वाली मिसाइल, उन्नत टारपीडो लॉन्चर्स, एंटी मिसाइल रक्षा प्रणाली और 100 मिमी बंदूक शामिल है। उसमें मैसर्स भारत इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा बनाए गए स्वदेशी हम्सा सोनार समेत सेंसरों का एक विस्तृत सूट भी है। इस प्रकार वह विभिन्न प्रकार के नौसैनिक मिशनों को पूरा करने में सक्षम है, मुख्य रूप से, दुश्मन की पनडुब्बियों और बड़े सतह के जहाजों को ढूंढना और नष्ट करना। गुप्त प्रौद्योगिकियों और एक विशेष पतवार डिजाइन के उपयोग के कारण, परिणामी फ्रिगेट सुविधाओं में रडार क्रॉस सेक्शन (आरसीएस) के साथ-साथ विद्युत चुम्बकीय, ध्वनिक और अवरक्त हस्ताक्षर भी कम हो गए हैं। जहाज भारतीय नौसेना में समकालीन लड़ाकू प्रौद्योगिकी का एक अत्याधुनिक स्वरुप लाता है। जहाज एयरबोर्न शुरुआती चेतावनी के लिए अत्याधुनिक कामोव -31 हेलीकॉप्टर संचालित करता है। जहाज पर कुल 38 अधिकारी और 291 नाविक तैनात हैं और इसकी कमान कैप्टन प्रदीप सिंह द्वारा दी जाती है। आईएनएस तर्कश 'जीत का वैनगार्ड' बना हुआ है।

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