पोर्ट ब्लेयर में आईएन एलसीयू एल53 की कमीशनिंग

पोर्ट ब्लेयर में आईएन एलसीयू एल53 की कमीशनिंग

लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी (एलसीयू) एमके-IV परियोजना का तीसरा जहाज़ पोर्ट ब्लेयर में 25 अप्रैल 2018 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। इस जहाज़ की कमीशनिंग आईएन एलसीयू एल53 के रूप में वाइस एडमिरल बिमल वर्मा, एवीएसएम, एडीसी, कमांडर-इन-चीफ ए एंड एन कमान द्वारा की गई। ये जहाज़ जिसे गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स, कोलकाता द्वारा डिज़ाइन और तैयार किया गया, देश की स्वदेशी जहाज़ बनाने की क्षमता के अपार सामर्थ्य को दर्शाता है और 'मेक इन इंडिया' के राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुरूप है।

पोर्ट ब्लेयर में आईएन एलसीयू एल53 की कमीशनिंग

एलसीयू एमके-IV जहाज़ एक जलस्थलचर जहाज़ है जिसका 830 टन का विस्थापन है और जो युद्ध के उपकरणों का परिवहन करने में सक्षम है जैसे मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन, टी72 और अन्य बख्तरबंद वाहन। ये जहाज़ अत्याधुनिक उपकरणों और उन्नत प्रणालियों से लैस है जैसे इंटिग्रेटेड ब्रिज सिस्टम और इंटिग्रेटेड प्लेटफार्म मैनेजमेंट सिस्टम। स्टेबलाइज्ड ऑप्ट्रॉनिक पेडस्टल के साथ स्वदेशी सीआरएन 91 बंदूक जहाज़ को अतिरिक्त रूप से गश्त करने के लिए अनिवार्य आक्रामक क्षमता प्रदान करती है।

पोर्ट ब्लेयर में आईएन एलसीयू एल53 की कमीशनिंग

इस जहाज़ की कमान लेफ्टिनेंट कमांडर विकास आनंद के पास है और साथ ही इसमें पांच अधिकारी और 45 नाविक तैनात हैं। ये जहाज़ 160 सैनिकों को ले जाने की भी अतिरिक्त क्षमता रखता है। इसे अंडमान व निकोबार कमान में तैनात किया जाएगा जिससे तटीय कार्यों, एचएडीआर, खोज/बचाव और दूरस्थ द्वीपों तक आपूर्ति पहुंचाने और पुनःपूर्ती करने जैसी बहु-भूमिका वाली गतिविधियों को पूरा करने की कमान की क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।

पोर्ट ब्लेयर में आईएन एलसीयू एल53 की कमीशनिंग

परियोजना के शेष पांच जहाज़ निर्माण के उन्नत चरण में हैं जिन्हें अगले डेढ़ वर्ष में भारतीय नौसेना में शामिल किया जाना निर्धारित किया गया है। इन जहाज़ों के शामिल होने से देश की समुद्री सुरक्षा की आवश्यकता और जहाज़ निर्माण में भारत की आत्म-निर्भरता की चाह पूरी होगी ।

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