परिचालन विचार विमर्श के लिए कोच्चि में नौसेना के कमांडरों का आगमन

परिचालन विचार विमर्श के लिए कोच्चि में नौसेना के कमांडरों का आगमन

नौसेनाध्यक्ष एडमिरल सुनील लांबा, 18 मार्च 2019 को कोच्चि में भारतीय नौसेना के सबसे बड़े युद्धाभ्यास - थिएटर लेवल ऑपरेशनल रेडीनेस एक्सरसाइज़ (ट्रोपेक्स 19) की डीब्रीफ की अध्यक्षता करेंगे। यह अभ्यास 07 जनवरी 2019 को शुरू हुआ था और योजना के तहत 10 मार्च 2019 को इसे समाप्त किया जाना था। हालाँकि, 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर जेईएम द्वारा प्रायोजित आतंकी हमले के कारण भारतीय नौसेना को उत्तरी अरब सागर में तुरंत पुनःतैनात करना पड़ा।

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने से भारतीय नौसेना की प्रमुख युद्ध इकाइयां जिनमें भा नौ पो विक्रमादित्य से जुड़े कैरियर बैटल ग्रुप, परमाणु पनडुब्बियां और अनेक अन्य पोत, पनडुब्बियां और विमान शामिल थे, तेज़ी से अभ्यास विधि से परिचालन तैनाती विधि में रूपांतरित हो गए। 28 फरवरी 2019 को तीनों सेनाओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान समुद्री क्षेत्र में पाकिस्तान द्वारा किसी भी प्रकार के दुस्साहस को रोकने, खदेड़ने और हारने के लिए भारतीय नौसेना की परिचालन मुद्रा के संबंध में एक स्पष्ट और दृढ़ संदेश भी जारी किया गया था।

भारतीय नौसेना के लगभग 60 पोत, भारतीय तट रक्षक बल के 12 पोत और 60 विमान ट्रोपेक्स 19 का हिस्सा थे। नौसेना बालों की विशेषताओं में 'भूमिका बदलने की 'बहुमुखी प्रतिभा', 'गतिशीलता' और 'आत्मविश्वास' प्रमुख हैं। ट्रोपेक्स 19 के लिए परिचालन क्षेत्र में युद्ध के लिए भारी मात्रा में तैयार परिसंपत्तियों की उपलब्धता के चलते भारतीय नौसेना तीनों सेनाओं के साथ तालमेल बिठा कर उत्तेजित परिस्थिति में शीघ्र जवाब देने में कामयाब रही। तीनों आयामों में भारतीय नौसेना की अपरिहार्य श्रेष्ठता ने पाकिस्तानी नौसेना को मकरान तट के निकट तैनात रहने और खुले समुद्र में नहीं निकलने पर मजबूर किया।

इससे पहले, ट्रोपेक्स 19 में भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना की भागीदारी के साथ अंडमान निकोबार द्वीप समूहों में तीनों सेनाओं ने जलस्थलचर अभ्यास में भाग लिया। इसके बाद 22 जनवरी और 23 जनवरी 2019 को सी विजिल कोड नाम वाले सबसे बड़े तटीय रक्षा अभ्यास का आयोजन किया गया जिसमें सभी 13 तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ-साथ सभी समुद्री हितधारकों ने भाग लिया। वैसे भी भौगौलिक विस्तार के हिसाब से ट्रोपेक्स सबसे बड़ा था जिसमें हिंद महासागर का क्षेत्र शामिल था और इसके साथ ही भाग लेने वाली इकाइयों के हिसाब से भी ये सबसे बड़ा था।

सभी परिचालन कमांडरों के साथ नौसेनाध्यक्ष द्वारा ट्रोपेक्स 19 की दिन भर चली समीक्षा का उद्देश्य अभ्यास के आयोजन की जांच करना और भारतीय नौसेना की परिचालन तैयार का आकलन करना है। भारतीय नौसेना के तैनाती के सिद्धांत और युद्ध क्षमता का वास्तविक ऑडिट भी किया जाएगी। इस अभ्यास से सीखे गए सबक योजना बनाने वालों को सेनाओं की रचना की आवश्यकताओं, परिचालन रसद, साथ ही सामग्री और प्रशिक्षण अनिवार्यता में बारीकी से सुधार करने के लिए सटीक आकलन प्रदान करेंगे।

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