नौसेना पदक (वीरता) लेफ्टिनेंट कमांडर रविंद्र सिंह चौधरी (07270-Y)
नौसेना पदक (वीरता) लेफ्टिनेंट कमांडर रविंद्र सिंह चौधरी (07270-Y)
यह अधिकारी 18 नवंबर से 19 अप्रैल तक 'ऑप रक्षक' में जम्मू-कश्मीर में तैनात टीम के प्रभारी अधिकारी थे। उनके नेतृत्व में, टीम ने बिना किसी नुकसान के सात कट्टर आतंकवादियों को सफलतापूर्वक मार गिराया था। 21 फरवरी 19 को, वे मारकोस टीम के लीडर थे जिसने 'ऑपरेशन वारपुरा' में भाग लिया और तीन कट्टर आतंकवादियों को ढेर करने में कामयाब रहे। टीम को अंदरूनी घेरे में रखा गया था और इस अधिकारी ने अपने बडी बीरबल सिंह, एसईए आई सीडीआईआईआई, 241602-Y के साथ लक्षित घर पर हावी रहते हुए सुनियोजित स्थान पर कब्ज़ा किया। उन्होंने पूरी रात सतर्क रहते हुए पहरा दिया और सुनिश्चित किया कि घेरा टूटने ना पाए। 22 फरवरी 19 को, 0230 से 1000 बजे तक, आतंकवादियों ने सैनिकों पर भारी गोलाबारी कर भाग निकलने की कोशिश की, लेकिन मारकोस टीम की सटीक निशानेबाजी के कारण आतंकवादी अपने उद्देश्य में कामयाब नहीं हो सके और पहला आतंकवादी मारा गया। 221030 बजे, आतंकवादियों ने भारी गोलाबारी शुरू की, जिसके चलते अधिकारी उनके सटीक स्थान का निर्धारण कर पाए।
221130 बजे, आतंकवादियों की भारी गोलाबारी के बावजूद यह अधिकारी उस स्थान पर पहुंचने में कामयाब रहा जहां से उनके ऊपर सीधा निशाना लगाया जा सकता था। वीरता के इस असाधारण कार्य को अधिकारी ने अपनी जान की परवाह किए बिना अंजाम दिया। बाद में, सटीक निशानेबाजी के साथ अधिकारी ने दूसरे आतंकवादी को मार गिराया। गोलाबारी जारी रही और अधिकारी ने तीसरे आतंकवादी के छुपने के स्थान पर एक से अधिक दिशा से गोलाबारी के आदेश दिए ताकि उसे अपने स्थान से हिलने से रोका जा सके और इस प्रकार से उन्होंने गोलियां चलने के बावजूद समझदारी और धैर्य का प्रदर्शन किया। लगभग 221600 बजे, तीसरा आतंकवादी भी मार दिया गया। सामने से अपनी टीम का नेतृत्व करते हुए और जान की परवाह किए बिना इस साहसिक कार्य को अंजाम देने में, लेफ्टिनेंट कमांडर रविंद्र सिंह चौधरी (07270-वाई) ने गंभीर खतरे के चलते अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना दुश्मन की भारी गोलाबारी के बीच गजब का साहस दिखाया। लेफ्टिनेंट कमांडर रविंद्र सिंह चौधरी को नौ सेना पदक (वीरता) से सम्मानित किया गया है।