दुनिया भर की समुद्री यात्रा करने के बाद भा नौ पो तरंगिनी की वापसी

दुनिया भर की समुद्री यात्रा करने के बाद भा नौ पो तरंगिनी की वापसी

कोच्चि स्थित भारतीय नौसेना का पाल प्रशिक्षण पोत, भा नौ पो तरंगिनी दुनिया भर की अपनी सात महीने लंबी यात्रा करने के बाद 30 अक्तूबर 2018 को नौसेना बेस, कोच्चि वापस लौटा, जहाँ इसका भव्य स्वागत किया गया। इस पोत का स्वागत रियर एडमिरल आर जे नादकर्णी, वीएसएम, चीफ ऑफ़ स्टाफ, दक्षिण नौसेना कमान द्वारा किया गया। इस अवसर पर नौसेना बेस की साउथ जेट्टी पर दक्षिण नौसेना कमान द्वारा एक स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। कैप्टेन वरुण सिंह, एससी, सीनियर ऑफिसर फर्स्ट ट्रेनिंग स्क्वाड्रन और अनेक वरिष्ठ अधिकारियों, चालक दल के परिवारों और अन्य गणमान्य अतिथियों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।

“लोकायन 18” नामक समुद्री यात्रा को कोच्ची से 10 अप्रैल 2018 को रवाना किया गया था। इस समुद्री यात्रा के दौरान, पोत ने गर्व से ‘झंडे का प्रदर्शन किया’ और 13 देशों के 15 बंदरगाहों में भारत की विविध संस्कृति की झलक दिखलाई है। इस पोत ने अरब सागर, लाल सागर, स्वेज नहर, भूमध्य सागर, जिब्राल्टर की खाड़ी, उत्तरी अटलांटिक महासागर, बिस्के की खाड़ी, इंग्लिश चैनल और उत्तर सागर से होते हुए नॉर्वे तक की यात्रा की जिसके बाद कोच्चि के लिए रवाना हो गया। इस पोत ने बोर्डो, फ्रांस में ‘थ्री फेस्टिवल टाल शिप्स रेगाटा’ के समापन समारोह के साथ-साथ ‘टाल शिप्स रेसेस यूरोप 2018’ में भी भाग लिया जो संडरलैंड, यूके से आरंभ होते हुए एस्ब्जर्ग, डेनमार्क और स्टावान्गर, नॉर्वे को छूते हुए हर्लिंगेन, नीदरलैंड में समाप्त हुई। इन सभी बंदरगाहों में आयोजित पाल परेड में भाग लेने के अलावा, टाल शिप्स रेगाटा के दौरान, पोत ने सैकड़ों अन्य नौकायन जहाज़ों के साथ समुद्री यात्रा की, जिसमें से 200 उसी के समान ‘टाल शिप’ थे।

भा नौ पो तरंगिनी एक तीन मस्तूल वाला ‘वर्गाकार रूप से बल्लियों, रस्सों आदि से व्यवस्थित’ जहाज़ है जिसके ऊपर कुल 20 पाल हैं। भारतीय नौसेना का यह पहला पाल प्रशिक्षण पोत है जिसे 11 नवंबर 1997 को कमीशन किया गया था। अपनी 21 वर्ष की शानदार सेवा में, इसने अभी तक दुनिया भर के महासागरों में 2,20,000 नॉटिकल मील से अधिक की दूरी तय की है। इस पोत की कमान कमांडर राहुल मेहता के हाथों में है। इसमें नौ अधिकारियों और 43 नाविकों का चालक दल है जिसके ऊपर 30 अधिकारी समुद्री प्रशिक्षु भी सवार हो सकते हैं। फर्स्ट ट्रेनिंग स्क्वाड्रन में दो पाल प्रशिक्षण पोतों में से यह पहला है, जबकि दूसरा पोत भा नौ पो सुदर्शिनी है। इन पाल प्रशिक्षण पोतों की मुख्य भूमिका समुद्री प्रशिक्षुओं में चरित्र और व्यावसायिकता का निर्माण करने के साथ-साथ पहल करने, साहस, दिलेरी और संघ-भाव के गुणों की सीख देना और साथ ही नेविगेशन, नौकायन और नौ-कौशल के ऊपर मुख्य रूप से व्यवहारिक प्रशिक्षण देना भी होता है। वर्षों से, भा नौ पो तरंगिनी को अपने मूल बंदरगाह कोच्चि से दूर लंबी समुद्री यात्राओं के लिए बड़े पैमाने पर तैनात किया जाता रहा है, जिसमें एक बार दुनिया का चक्कर लगाना (2003-04) और पिछले तीन ‘लोकायनों’ (2005, 2007 और 2015) में भाग लेना शामिल है।

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