एक झलक

एक झलक

28 सितंबर 2019 को मुंबई में माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह के दौरे के दौरान तीन ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। दूसरी पी-75 पनडुब्बी 'खंदेरी' की कमीशनिंग, सात पी-17ए पोतों में से पहले पोत 'नीलगिरी' का उद्घाटन, शिवालिक वर्ग का फॉलो-ऑन और विक्रमादित्य के साथ-साथ आईएसी-I की ड्राई डॉकिंग में सक्षम एयरक्राफ्ट कैरियर ड्राईडॉक की कमीशनिंग। ये तीन कार्यक्रम मिशन आधारित तैनाती, विस्तृत पदचिह्न और विदेशी सहयोग में बढ़त के प्रयत्नों के सिद्धांत को पूरा करने के लिए भारतीय नौसेना की युद्ध क्षमता, पहुँच और समर्थन का विस्तार करेंगे। माननीय प्रधानमंत्री की कल्पना 'सागर' जिसका अर्थ है 'क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास' के अनुकरण में वे हिंद महासागर के क्षेत्र और उससे परे प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता और सुरक्षा प्रदाता के रूप में नौसेना की भूमिका को और मजबूत करेंगे।

सरकार ने 2024 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने की योजनाओं की घोषणा की है। इस लक्ष्य को पूरा करने में पोत-निर्माण क्षेत्र महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है और भारतीय नौसेना की 'खरीदार नौसेना' से 'निर्माता नौसेना' तक की कठिन यात्रा इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में काफी बड़ा योगदान कर रही है। पोत या पनडुब्बी निर्माण की कोई भी गतिविधि एक बहुत बड़ी चुनौती होती है और ऐसे अनेक एमएसएमई और अन्य होते हैं जो सफल निर्माण सुनिश्चित करने में शामिल होते हैं। नौसेना के 51 में 49 पोतों का निर्माण वर्तमान में भारतीय शिपयार्ड्स में किया जा रहा है। इसके कारण नौसेना द्वारा किसी भी पोत निर्माण योजना में खर्च की गई पूंजी के एक बड़े हिस्से का निवेश भारतीय अर्थव्यवस्था में फिर से किया जाता है। 'मेक इन इंडिया' की व्यापक नीति के तहत वर्तमान सरकार की कौशल निर्माण, रोजगार सृजन, आदि नीति का पालन भा नौ द्वारा किया जा रहा है।

28 से 29 सितंबर 2019 तक, 'खंदेरी' की कमीशनिंग और माननीय रक्षा मंत्री की पत्नी, श्रीमती सावित्री सिंह द्वारा 'नीलगिरी' के उद्घाटन के उपरांत माननीय रक्षा मंत्री ड्राई डॉक का उद्घाटन करेंगे और उसके बाद समुद्र पर भा नौ पो विक्रमादित्य में नौसेना के साथ एक दिन व्यतीत करेंगे। वे मिसाइल दागे जाने सहित नौसेना के विभिन्न परिचालन देखेंगे।

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