ईसीएचएस समाचार बुलेटिन

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निदेशक ईसीएचएस (नौसेना)
रक्षा मंत्रालय का एकीकृत मुख्यालय (नौसेना)
छठी मंजिल चाणक्य भवन
चाणक्य पुरी
नई दिल्ली - 110 021

योजना

  • सरकार द्वारा 30 दिसंबर 2002 को भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) की मंज़ूरी दी गई और 01 अप्रैल 2003 को औपचारिक रूप से उसे आरंभ किया, जिसे 31 मार्च 2008 तक (यानि) पांच वर्ष की अवधि के दौरान स्थापित किया जाना है। ये योजना विकलांगता पेंशन और पारिवारिक पेंशन सहित पेंशन की प्राप्ति पर सभी भूतपूर्व सैनिकों और साथ ही उनकी पत्नी/पति, कानूनी बच्चों और और पूरी तरह से आश्रित माता-पिता की चिकित्सा देखभाल में सहायता करती है।
  • देश भर में फैले 227 स्टेशनों में नए पॉलीक्लिनिक और संवर्धित सशस्त्र बल क्लिनिक स्थापित कर ये योजना भूतपूर्व सैनिकों की चिकित्सा देखभाल में सहायता करेगी। सैन्य स्टेशनों पर 106 संवर्धित सशस्त्र बल क्लिनिक और गैर-सैन्य स्टेशन पर 121 नए सशस्त्र बल पॉलीक्लिनिक स्थापित किए जाएंगे।
  • वित्तीय परिव्यय। सरकार ने एक बार के लिए 122 करोड़ के पूँजी बजट और प्रति वर्ष 354.50 करोड़ राजस्व बजट की मंज़ूरी दी।
  • केंद्रीय संगठन, क्षेत्रीय केंद्रों और स्टेशन मुख्यालयों में श्रमशक्ति। केंद्रीय संगठन, क्षेत्रीय केंद्रों और स्टेशन मुख्यालयों में श्रमशक्ति को सेवा मुख्यालयों के मौजूदा संसाधनों के भीतर से पूरा किया जाएगा। केंद्रीय संगठन और क्षेत्रीय केंद्रों के लिए 61 अधिकारियों और 249 पीबीओआर की मंज़ूरी दी गई। इसके अतिरिक्त 122 स्टेशन मुख्यालयों को सेवा मुख्यालयों के मौजूदा संसाधनों से श्रमशक्ति प्रदान की गई है।
  • पॉलीक्लिनिक में बुनियादी ढांचा और श्रमशक्ति। पॉलीक्लिनिक में बुनियादी ढांचा और श्रमशक्ति पॉलीक्लिनिक के प्रकार पर आधारित होती है (ए/बी/सी/डी टाइप और सैन्य/गैर सैन्य)। प्रस्तावित पॉलीक्लिनिक के लिए श्रमशक्ति की भर्ती संविदात्मक आधार पर की जाएगी। पॉलीक्लिनिक में निम्नलिखित उपकरण और श्रमशक्ति प्रदान की गई है।
    • चिकित्सा उपकरण। एक्स-रे मशीन, अल्ट्रासाउंड, लैब ऑटो एनर्जाइज़र, दन्त चिकित्सा उपकरण (कुर्सी सहित), फिजियोथेरेपी (मानक सेट), ईसीजी मशीन, मॉनिटर डीफिब्रीलेटर और अन्य छोटे उपकरण और प्रयोगशाला उपकरण।
    • अन्य उपकरण। जेनरेटर, एयर कंडिशनर, एम्बुलेंस और हल्के वाहन।
    • चिकित्सा सुविधाएं और श्रमशक्ति। चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ, दन्त चिकित्सा अधिकारी, प्रभारी अधिकारी, नर्सिंग सहायक/नर्स, लैब सहायक, दन्त स्वच्छता विज्ञानी, रिसेप्शनिस्ट/देखभालकर्ता, ड्राइवर, चपरासी, सफाई वाला और महिला सहायक।
  • रेफरल प्रक्रिया। पॉलीक्लिनिक सैन्य अस्पताल द्वारा पैनलबद्ध निजी अस्पताल। आपात स्थिति में जीवन रक्षा के लिए कोई भी अस्पताल, बिल का भुगतान सदस्य द्वारा किया जाएगा, प्रतिपूर्ति का अनुमोदन केवल एमडीईसीएचएस द्वारा किया जाएगा, आपात स्थिति खंड की जांच की जाएगी।
  • 31 मार्च 08 के बाद। भूतपूर्व सैनिक पेंशनभोगी जो ईसीएचएस सदस्य नहीं हैं वे पॉलीक्लिनिक और निजी पैनलबद्ध अस्पतालों में चिकित्सा किसी प्रकार की देखभाल के पात्र नहीं होंगे, इसके आलावा, धन की कमी के कारण केएसबी और आईएनबीए द्वारा किसी प्रतिपूर्ति पर विचार नहीं किया जाएगा।

मौजूदा स्थिति

  • पॉलीक्लिनिक। सभी 227 पॉलीक्लिनिक परिचालन कर रहे हैं। 227 पॉलीक्लिनिक में से नौसेना द्वारा 09 पॉलीक्लिनिक का परिचालन किया जाता है, (यानि) मुंबई, पोवाई, करवर, विशाखापट्टनम, कोच्ची, भुबनेश्वर, बालासोर, बेरहामपुर और पोर्ट ब्लेयर। 227 पॉलीक्लिनिक में से 60 नव-निर्मित भवनों में कार्य कर रहे हैं।
  • सदस्यता। 20 लाख पात्र ईएसएम पेंशनभोगियों में से 5.5 लाख ईएसएम पेंशनभोगी पहले से शामिल हो चुके हैं।
  • निजी अस्पतालों का मनोनयन। अभी तक 1002 निजी अस्पताल/नर्सिंग होम/डायग्नोस्टिक सेंटर/दन्त चिकित्सा क्लिनिक/प्रयोगशालाएं ईसीएचएस के साथ पैनलबद्ध किए जा चुके हैं। दिल्ली और एनसीआर में 67 निजी अस्पतालों को पैनलबद्ध किया जा चुका है।
  • स्मार्ट कार्ड्स। चिकित्सा देखभाल के लिए अनिवार्यता। आवेदन जमा करने पर आमतौर पर स्मार्ट कार्ड प्राप्त करने में दो माह का समय लगता है। अंतरिम तौर पर पात्रता वाली चिकित्सा देखभाल के लिए स्टेशन मुख्यालयों/ईसीएचएस निदेशक (नौसेना) द्वारा आवेदन जमा करने पर प्राप्त रसीद स्मार्ट कार्ड की प्राप्ति तक दो माह के लिए वैध होती है।
  • उच्चतम न्यायलय का निर्णय। 1996 से पहले सेवानिवृत्त हुए सैनिकों के लिए ईसीएचएस में योगदान से छूट के संबंध में उच्चतम न्यायलय ने निर्णय दिया है। सेवानिवृत्त सशस्त्र बल सैनिक जो रक्षा खाता नियंत्रक से पेंशन पा रहे हैं और जो 01 जनवरी 1996 से पहले सेवानिवृत्त हो चुके हों, उन्हें भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत योगदान से छूट दी गई है। हालाँकि, उन्हें निर्धारित आवेदन फॉर्म के ऊपर सदस्यता के लिए आवेदन करना होगा और साथ ही एमआरओ के सिवाय सभी प्रासंगिक दस्तावेज़ संलग्न करने होंगे। ईसीएचएस सदस्य बन चुके 01 जनवरी 96 से पहले सेवानिवृत्त सैनिकों के योगदान की धन वापसी का मामला विचाराधीन है और सरकार द्वारा दिए गए फैसले के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
  • उन भूतपूर्व सैनिकों को चिकित्सा उपचार जो ईसीएचएस में शामिल नहीं हुए हैं। ईसीएचएस 01 अप्रैल 2003 से प्रभाव में है। 01 अप्रैल 2003 से पहले सेवानिवृत्त हुए भूतपूर्व सैनिकों के पास इस योजना में शामिल हो कर चिकित्सा लाभ पाने का विकल्प मौजूद है। अतीत में इस विषय पर स्पष्ट निर्देश जारी करने के बावजूद, उन ईएसएम की स्थिति संदिग्ध लगती है जो ईसीएचएस में शामिल नहीं हुए हैं। सूचित किया जाता है कि वे एएफवी जो ईसीएचएस में शामिल नहीं हुए हैं वे बिस्तर व सुविधाओं की उपलब्धता के अधीन रहते हुए सेवा अस्पतालों में उपचार पाते रहेंगे। एएफवी एक सेवा अस्पताल से अन्य तक स्थानांतरण/रेफरल के पात्र नहीं हैं।
  • कोई प्रतिपूर्ति नहीं। कोई प्रतिपूर्ति सीधे ईसीएचएस सदस्यों के लिए लागू नहीं होगी सिवाय तब जब प्रतिपूर्ति जीवन बचाने के समय गैर-पैनलबद्ध निजी अस्पताल बिलों के लिए करनी हो। प्रतिपूर्ति का अनुमोदन केवल एमडीईसीएचएस द्वारा दिया जाएगा। धन की कमी के कारण अभी तक गंभीर बीमारियों के लिए केएसबी/आईएनबीए द्वारा सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों को प्रतिपूर्ति पर विचार नहीं किया जा रहा है। सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों शीघ्र ईसीएचएस में शामिल होने का परामर्श दिया जाता है। एएफवी द्वारा एनएचक्यू/डीजीएमएस (एन)/पीडीएनपीएफ/पीडीईएसए के बजाय ज़ेडएसबी/आरएसबी के माध्यम से सीधे केंद्रीय सैनिक बोर्ड को चिकित्सा प्रतिपूर्ति के मामले भेजे जाएंगे क्योंकि केएसबी द्वारा एनएचक्यू से सीधे जमा दावों की प्रतिपूर्ति नहीं की जाएगी। गैर-पेंशनभोगी सेवानिवृत्त सैनिकों और परिवारों को गंभीर बीमारियों के लिए सशस्त्र बल फ्लैग दिवस निधि के माध्यम से केएसबी द्वारा चिकित्सा उपचार के लिए वित्तीय समर्थन प्रदान किया जाता रहेगा। केएसबी द्वारा नाविकों के लिए 90% तक और अधिकारियों के लिए 75% तक वित्तीय सहायता दी जाएगी और शेष प्रतिपूर्ति के ऊपर सचिव आईएनबीए/पीडीएनपीएफ द्वारा विचार किया जाएगा।
  • सेवानिवृत्त गैर-पेंशनभोगी। ईसीएचएस/सैन्य अस्पतालों में किसी प्रकार की चिकित्सा देखभाल के पात्र नहीं हैं।

ईसीएचएस विस्तार नेटवर्क

  • 10 सितम्बर 07 को सीओएससी द्वारा विधिवत अनुमोदित ईसीएचएस विस्तार नेटवर्क अनुमोदन के लिए सरकार के पास प्रस्तुत किया गया है। ईसीएचएस के अंतर्गत चिकित्सा सुविधाओं का लाभ उठाने वाले कर्मचारियों की संख्या में तेज़ी से विस्तार हो रहा है। लगभग 90% लाभार्थियों का उपचार पॉलीक्लिनिक में किया जाता है।
  • 19 मई 07 को आयोजित केंद्रीय सैनिक बोर्ड (केएसबी) की बैठक के दौरान माननीय प्रधानमंत्री जी ने सेवानिवृत्त सैनिकों और उनके परिवारों के लिए और अधिक पॉलीक्लिनिक स्थापित करने और ईसीएचएस के बेहतर उपयोग के निर्देश दिए।
  • वित्तीय अनुमान
    वित्तीय अनुमान
    Sr. No. वास्ते Iबुनियादी ढाँचे की लागत (करोड़ रूपए में) वार्षिक परिचालन लागत (करोड़ रूपए में)
    1 नए पॉलीक्लिनिक 119.76 32.83
    2 पॉलीक्लिनिक का उन्नयन 3.18 1.14
    3 पॉलीक्लिनिक का रूपांतरण 2.87 0.82
    4 नए क्षेत्रीय केंद्र 4.20 6.97
    5 अतिरिक्त केंद्रीय संगठन  - 0.56
    6 अतिरिक्त एएफएमएसडी / सेवा अस्पताल  - 2.07
      कुल योग 130.01 44.39
  • निम्नलिखित के लिए सीओएससी अनुमोदित
    • 181 नए पॉलीक्लिनिक की स्थापना
    • दूरस्थ इलाकों में 15 सैन्य चिकित्सा सुविधाओं का प्राधिकार।
    • 10 सैन्य प्रकार के पॉलीक्लिनिक का गैर-सैन्य प्रकार में रूपांतरण।
    • 12 पॉलीक्लिनिक का उन्नयन।
    • 14 अतिरिक्त क्षेत्रीय केंद्रों की स्थापना।
    • 77 अतिरिक्त अधिकारियों और 336 पीबीओआर (अभिवृद्धि पर) और 2372 संविदात्मक कर्मचारियों को रोज़गार।
    • बुनियादी ढाँचे के लिए 130.01 करोड़ रूपए और वार्षिक परिचालन लागत के लिए 44.39 करोड़ रूपए का खर्च।
  • वर्तमान में जारी गतिविधियां / मामले
    • ईसीएचएस सदस्यता के लिए तेज़ी से कार्य
    • सभी स्टेशनों/जिलों को शामिल करने के लिए निजी पैनलबद्ध अस्पतालों में वृद्धि।
    • विचाराधीन सैन्य अस्पतालों का संवर्धन अध्ययन, विशेष रूप से सुपर स्पेशलिटी चिकित्सा देखभाल (यानि) कार्डियोलॉजी/ओंकोलॉजी/नेफ्रोलॉजी जिसमें डायलिसिस/ऑर्थोपेडिक्स/युमेटोलॉजी शामिल है, ताकि पैनलबद्ध निजी अस्पतालों के बिलों में कमी की जा सके।
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