आईएनएस परंदू

Runway

रनवे

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

भारतीय नौसेना ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के एयरफील्ड में अपना कार्य शुरू किया था, जो पहले रामनद के राजा का विरासती रनवे हुआ करता था। स्टेशन पर नौसेना के अगले एयरबेस के रूप में कार्य शुरू किया गया, यहाँ केवल अस्थायी आधार पर प्राथमिक बुनियादी ढांचे और अधिकांश विमान को संचालित किया जाता था। 'ऑपरेशन फ्लेमिंगो' की शुरुआत 1984 में की गई जिसका लक्ष्य पल्क खाड़ी में गश्ती करने और मछुआरों द्वारा अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा (आईएमबीएल) के उल्लंघन को रोकना था। इसके बाद जुलाई 87 से मार्च 90 तक 'ऑपरेशन पवन' शुरू किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य श्रीलंका के पूर्वी तटों से प्रवेश के लिए समुद्री नियंत्रण स्थापित करना था। शुरुआती दिनों में चेतक और आइलैंडर्स को इस यूनिट से संचालित किया जाता था। इसके बाद, नब्बे के दशक के दौरान यहाँ डोर्नियर का भी संचालन शुरू किया गया था।

नेवल एयर स्टेशन (रामनद) का उद्घाटन फरवरी 1987 में 'ऑपरेशन पवन' और इसके बाद ऑपरेशन ताशा के परिचालन कार्यों को पूरा करने के लिए फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (एफओबी) के रूप में किया गया था। स्टेशन का नाम शुरू में राजली II रखा गया था और आईएनएस राजली के परिचालन नियंत्रण के तहत रखा गया। बाद में स्टेशन का नाम बदलकर एनएएस रामनद कर दिया गया और एनओआईसी (टीएन) के तहत रखा गया था। स्टेशन पर शुरुआत में आइलैंडर विमान और चेतक का संचालन किया गया। वर्तमान में स्टेशन पर यूएवी, चेतक और डोर्नियर विमान का संचालन किया जा रहा है।

दृष्टि और भूमिका

प्रमुख आर्थिक पॉवर हाउस के रूप में दक्षिण-पूर्वी एशियाई क्षेत्र के पुनरुत्थान और पश्चिम की विकसित अर्थव्यवस्थाओं से लेकर एशिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं तक दुनिया के आर्थिक केंद्र के स्थानांतरण के कारण हिंद महासागर के समुद्री मार्गों के जरिए होने वाले व्यापार में असाधारण वृद्धि हुई है। इसने हिंद महासागर क्षेत्र को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण और समुद्री मार्गों की सुरक्षा को बढाने में अहम भूमिका निभाई है और हमारे देश की निरंतर आर्थिक समृद्धि और दक्षिण-पूर्व एशिया की सभी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

कार्यात्मक भूमिका

हमारे देश के समुद्री हितों की रक्षा करने के लिए और समुद्र क्षेत्र को सुरक्षित बनाने के लिए, इस क्षेत्र में नौसेना की उपस्थिति और क्षमताओं में वृद्धि करना बहुत ज़रूरी है। दक्षिण-पूर्वी प्रायद्वीप पर सतर्कता रखने के लिए इस एयर स्टेशन का विकास तेजी से किया जा रहा है। आईएनएस परुंडु एसएआर कवरेज प्रदान करता है और नियमित आधार पर पल्क खाड़ी क्षेत्र में परिचालानात्मक उड़ाने संचालित करता है। एयर स्टेशन आईएन/सीजी डोर्नियर के लिए पारगमन सुविधाएं भी प्रदान करता है। स्टेशन में यूएवी की शुरुआत होने से, यह एफओबी इस क्षेत्र की सभी घटनाओं की जानकारी नौसेना को मिल जाती है और किसी भी प्रकार के खतरे के लिए तेज़ी से प्रतिक्रिया करने की उसकी क्षमता को पूरक बनाती है।

नेवल एयर स्टेशन की कार्यात्मक भूमिकाओं और परिचालन कार्यों में से कुछ निम्नलिखित हैं : -

  • तटीय/क्षेत्रीय निगरानी।
  • तुरंत खुफिया जानकारी की प्राप्ति।
  • खोज और बचाव (एसएआर) मिशन।
  • नुकसान आकलन (युद्ध के दौरान और प्राकृतिक आपदा के बाद)।
  • नागरिक प्रशासन के लिए सहायता।

प्रमुख उपलब्धियां

हाल के दिनों की कुछ प्रमुख उपलब्धियां निम्नलिखित हैं : -

Commissioning Ceremony

शुरूआती समारोह

  • आईएनएएस 344 की शुरुआत और परिचालन।
  • स्थानीय अधिकारियों से प्राप्त एसएआर आवश्यकताओं की ओर त्वरित प्रतिक्रिया।
  • स्टेशन एयर संपत्तियों द्वारा पल्क खाड़ी और मन्नार क्षेत्र की खाड़ी की निगरानी।
  • 23 फरवरी 12 को रामनद शहर में और 29 जून 12 को पेरुंकुलम गांव के आसपास के क्षेत्रों में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में लगी आग को बुझाने के लिए समय पर और तत्काल सहायता।
  • सुनामी राहत कार्य। 04 दिसंबर को सुनामी राहत कार्यों के दौरान स्थानीय लोगों को तत्काल और त्वरित सहायता।
  • तुरंत प्राप्त सूचना पर विमान की स्थिति में लाकर और बाउज़र में ईंधन भरकर 10 दिसंबर को कट्टाबोम्मन में बाढ़ राहत अभियान के तहत स्टेशन ने कई लोगों को बाढ़ से राहत पहुंचाने का कार्य किया। 2011 में मानसून के दौरान बाढ़ राहत अभियान चलाया गया।

2011 में मानसून के दौरान बाढ़ राहत अभियान चलाया गया।

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