आईएनएएस 343
भारतीय नौसेना एयर स्क्वाड्रन 343
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
यूएवी को पहली बार 2002 के अंत में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था और तब से वे बार-बार साबित हुए हैं कि वे फोर्स मल्टीप्लायर में सर्वोत्कृष्ट हैं। शामिल होने के प्रारंभिक वर्षों और चालक दल के प्रशिक्षण के बाद, यूएवी को 2004 के प्रारंभ में ही सक्रिय सेवा के लिए जिम्मेदारी दी गई। आईएनएएस 343 भारतीय नौसेना में चालू होने वाला दूसरा यूएवी स्क्वाड्रन है। यह यूनिट 17 जनवरी 11 को गुजरात के तत्कालीन राज्यपाल, महामहिम डॉ. श्रीमती कमला ने शुरू की थी। इस यूनिट को एयर स्टेशन के समर्थन के बिना शुरू किया गया पहला नौसेना वायु स्क्वाड्रन का गौरव प्राप्त है। यह यूनिट गुजरात राज्य में स्थापित होने वाला पहला नौसेना वायु स्क्वाड्रन भी है।
कार्य/भूमिका
इस यूनिट की प्राथमिक भूमिका गुजरात में और उसके आस-पास खोज और निगरानी करना है। हालांकि, यूएवी को विविध उद्देश्यों के साथ कार्य सौंपा जा सकता है। यूएवी द्वारा किए जा सकने वाले कई कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं: -
- समुद्री निगरानी
- फ्लीट सपोर्ट
- नौसेना की सामरिक तस्वीर का निर्माण करना
- लक्ष्यीकरण डेटा (ओटीएचटी)
- युद्ध की क्षति का आकलन
- रियल-टाइम इंटेलीजेंस गेदरिंग
- सहायता
- एसएआर में
- आपदा प्रबंधन में
उपलब्धियां
इस यूनिट की स्थापना के 18 महीने पूरे हो गए हैं और गुजरात में नौसेना वायु संचालन के अग्रभाग में हैं। इस यूनिट ने अभ्यास या किसी अन्य कार्य के दौरान किए गए सभी परिचालन कार्यकलापों को पूरा किया है। एबी-इनिशियो इंटरनल पायलट के साथ-साथ छह पर्यवेक्षकों के लिए प्रशिक्षण का आयोजन भी किया है।